Manipur Violence: IAS विनीत जोशी मणिपुर के मुख्य सचिव नियुक्त, विद्यार्थियों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
Manipur Violence मणिपुर कैडर के 1992 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी जोशी ने डॉ. राजेश कुमार की जगह ली है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आए जोशी शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग में अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्यरत थे।
जम्मू, एजेंसी। मणिपुर में खराब हालात को देखते हुए जम्मू कश्मीर स्टूडेंट एसोसिएशन ने मणिपुर में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी विद्यार्थियों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। ये हेल्पलाइन नंबर 9149500623, 6005493904 और 6005682883 हैं। एसोसिएशन ने उन विद्यार्थियों से संपर्क करने को कहा है जो जो मणिपुर के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कालेजों में पढ़ाई कर रहे हैं।
एसोसिएशन के राष्ट्रीय कन्वीनर नसीर खुहैमी ने कहा कि मणिपुर में पढ़ाई कर रहे कई कश्मीरी विद्यार्थियों के फोन आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन विदेश मंत्रालय और उपराज्यपाल कार्यालय के साथ भी संपर्क कर रही है। मणिपुर अधिकारियों के साथ भी संपर्क में हैं ताकि विद्यार्थी सुरक्षित वापस आएं। एसोसिएशन के राष्ट्रीय उप प्रधान मुनावर मेहराज कहा कि हम विश्वविद्यालयों के साथ संपर्क कर रहे हैं। विद्यार्थियों से कहा गया है कि वे अपने नाम, नंबर परिवार के संपर्क और पते हेल्पलाइन नंबरों पर भेजें।
अपॉइंटमेंट कमेटी ऑफ द कैबिनेट (ACC) ने आईएएस विनीत जोशी को वापस मणिपुर कैडर में भेजने का आदेश जारी कर दिया है। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि मणिपुर सरकार ने रविवार को डॉ विनीत जोशी को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया, जो पिछले कुछ दिनों से हिंसा से प्रभावित है।
मणिपुर कैडर के 1992 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी जोशी ने डॉ. राजेश कुमार की जगह ली है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आए जोशी शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग में अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्यरत थे।
कार्मिक मंत्रालय के 6 मई के आदेश में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने मणिपुर सरकार के अनुरोध पर जोशी को उनके मूल कैडर में वापस भेजने की मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार के कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग (कार्मिक प्रभाग) के एक आदेश के अनुसार, "मणिपुर के राज्यपाल तत्काल प्रभाव से डॉ विनीत जोशी को मुख्य सचिव नियुक्त करते हुए प्रसन्न हैं।
मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में 3 मई को 10 पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद पूर्वोत्तर राज्य में हिंसक झड़पें हुईं। अब तक 23 हजार से अधिक लोगों को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से बचाया गया है और उन्हें सैन्य छावनियों में ले जाया गया है।
सेना ने बढ़ाई हवाई निगरानी
मणिपुर में हिंसा रोकने के लिए बुलाई गई सेना और असम राइफल्स ने अब तक लगभग 23 हजार नागरिकों को सफलतापूर्वक बचाया है और उन्हें सैन्य छावनियों में भेजा गया है। सेना और असम राइफल्स के जवानों का प्रयास रंग ला रहा है।
सभी समुदायों के नागरिकों को बचाने, हिंसा पर अंकुश लगाने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए जवान 96 घंटों से लगातार काम कर रहे हैं। पिछले 24 घंटों में सेना ने हवाई निगरानी बढ़ा दी है। इंफाल घाटी के भीतर सेना के हेलीकाप्टरों और ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है।