Jammu News: घुसपैठियों और आतंकियों का काल बनेंगे 'सीमांत युवा', घाटी में 110 विदेशी व 31 स्थानीय आतंकी सक्रिय
जम्मू-कश्मीर के सीमांत क्षेत्रों के युवा खाकी वर्दी पहनकर सेना के जवानों की तरह ही घुसपैठियों और आतंकियों को मार गिराने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। बार्डर बटालियन में चयनित सभी जवान सीमांत इलाकों के ही रहने वाले हैं। इन्हें उन्हीं क्षेत्रों में तैनात किया गया है जो इनके मूल निवास के आसपास ही हैं क्योंकि यह स्थानीय सामाजिक परिवेश औार स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों से पूरी तरह अवगत हैं।
राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के सीमांत क्षेत्रों के युवा खाकी वर्दी पहनकर सेना के जवानों की तरह ही घुसपैठियों और आतंकियों को मार गिराने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस की पहली बार्डर बटालियन मैदान में उतर चुकी है। इसमें शामिल जवानों व अधिकारियों ने कठुआ के मैदानी इलाकों से लेकर उत्तरी कश्मीर के पहाड़ों में एलओसी तक बुधवार को अपनी जिम्मेदारी संभाल ली।
राज्य के पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन के मुताबिक ये जवान गुरिल्ला युद्ध में पूरी तरह प्रशिक्षित हैं। पुलिस की बार्डर बटालियन में लगभग एक हजार जवान हैं और इनमें से 560 जवानों को जम्मू संभाग में जिला कठुआ, सांबा, जम्मू, राजौरी और पुंछ में तैनात किया गया है। शेष जवानों को कश्मीर घाटी में बारामुला, कुपवाड़ा और बांडीपोरा में एलओसी के साथ सटे इलाकों में तैनात किया गया है।
बार्डर बटालियन में चयनित सभी जवान सीमांत इलाकों के ही रहने वाले हैं। इन्हें उन्हीं क्षेत्रों में तैनात किया गया है, जो इनके मूल निवास के आसपास ही हैं, क्योंकि यह स्थानीय सामाजिक परिवेश औार स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों से पूरी तरह अवगत हैं। इससे इनकी प्रहार क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
सुरक्षा दस्ते, एस्कार्ट या कार्यालय में तैनात नहीं होंगे ये जवान
डीजीपी स्वैन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर बीएसएफ और सेना पहले से मौजूद हैं। ऐसे में पुलिस के ये जवान घुसपैठरोधी तंत्र का एक और घेरा तैयार करेंगे। ये जवान सिर्फ सीमावंर्ती इलाकों में नाका लगाने, घुसपैठ की ²ष्टि से संवेदनशील इलाकों में गश्त करने, घुसपैठियों-आतंकियों को मार भगाने के अभियान में ही शामिल होंगे। कोई भी इन्हें अपने सुरक्षा दस्ते, एस्कार्ट या फिर कार्यालय में किसी अन्य गतिविधि के लिए इस्तेमाल नहीं करेगा।
राज्य की मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य पर उन्होंने कहा कि अगर राजौरी-पुंछ या डोडा में हुई कुछ एक वारदातों को छोड़ दिया जाए तो आतंकी गतिविधियों में कमी आई है। कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार आया है। घाटी में भी स्थिति में आशाजनक सुधार है। लोगों में आतंकियों का भय समाप्त हो गया है। स्थिति पूरी तरह से सुरक्षाबलों के नियंत्रण में हैं। आतंकियों को अब पहले की तरह समर्थन नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि अगर हालात में बेहतरी नहीं होती तो लोकसभा चुनाव में रिकार्ड मतदान नहीं होता।
प्रदेश में 110 विदेशी व 31 स्थानीय आतंकी सक्रिय
महानिदेशक ने कहा कि कुछ विदेशी आतंकी घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं। इस समय विदेशी आतंकियों की तादाद ही ज्यादा है। स्थानीय आतंकियों की संख्या पहले से बहुत कम है। इस समय पूरे प्रदेश में लगभग 110 विदेशी आतंकी सक्रिय हैं जिनके साथ 31 स्थानीय आतंकी हैं। इन स्थानीय आतंकियों में चार जम्मू संभाग में और 27 कश्मीर संभाग में सक्रिय हैं।
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