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जम्मू कश्मीर की शादी सहायता योजना बीपीएल परिवारों की बेटियों की शादी के लिए वरदान बनी

जम्मू कश्मीर की शादी सहायता योजना ने कई गरीब परिवारों के जीवन में खुशियां लाई हैं। समाज के गरीब तबके की बेटियों की शादियां इस योजना के तहत मिली सहायता से संभव हो पाई है। इस योजना के तहत जम्मू कश्मीर में 36378 लोगों ने फायदा उठाया।

By Vikas AbrolEdited By: Updated: Mon, 26 Apr 2021 08:21 PM (IST)
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इस योजना के तहत जम्मू कश्मीर में 36378 लोगों ने फायदा उठाया और 144.30 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए गए।
जम्मू, जागरण ब्यूरो । जम्मू कश्मीर की शादी सहायता योजना ने कई गरीब परिवारों के जीवन में खुशियां लाई हैं। समाज के गरीब तबके की बेटियों की शादियां इस योजना के तहत मिली सहायता से संभव हो पाई है। इस योजना के तहत जम्मू कश्मीर में 36378 लोगों ने फायदा उठाया और 144.30 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए गए।

कश्मीर के दक्षिण शोपियां जिला के दूरदराज इलाके की रहने वाली पच्चीस वर्षीय शबनम (बदला हुआ नाम) की साल 2019 में शादी हुई थी। शबनम के परिवारों ने नजदीक गांव में ही उसकी शादी की। शबनम के भाई के अनुसार तब सरकार की तरफ से शादी के लिए 40 हजार रुपये उपलब्ध करवाए गए। यह योजना बीपीएल परिवारों के लिए है। इसे समाज कल्याण विभाग की तरफ से चलाया जाता है।

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान समाज कल्याण विभाग ने 32.78 करोड़ रुपये के 8254 मामलों को मंजूरी दी। इस वित्त वर्ष के दौरान कश्मीर संभाग में 19.58 करोड़ के 4940 मामलों को मंजूरी दी गई। बेटियों की शादी के लिए सबसे अधिक सहायता कश्मीर के कुलगाम जिले को दी गई। जिला में 4.20 करोड़ रुपये जारी किए गए। बारामुला जिला के लिए 3.78 करोड़ और पुलवामा के लिए 2.40 करोड़ जारी हुए। इस योजना के तहत बीपीएल परिवार की अठारह वर्ष की अधिक आयु की लड़की की शादी के लिए पच्चीस हजार रुपये नकद और पांच ग्राम सोना दिया जाता है।

जम्मू संभाग के लिए साल 2020-21 के दौरान 13.20 करोड़ रुपये के 3314 मामलों को मंजूरी दी गई। जम्मू संभाग के पुंछ जिला में 2.39 करोड़ और ऊधमपुर के लिए 2.32 करोड़ रुपये जारी किए गए। कठुआ के बिलावर के गांव की रहने वाली लड़की रजनी (बदला हुआ नाम) के परिवार जनों के पास भी पैसों की तंगी थी। रजनी के पिता ने कहा कि मैं अपनी बेटी की शादी को लेकर परेशान था। तब मुझे सरकार की इस योजना का पता चला। फिर मुझे विभाग से चालीस हजार रुपये की सहायता मिली जिससे मैं अपनी बेटी का विवाह कर पाया। उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान जिनके पास समाज कल्याण विभाग है, ने इस योजना को गरीब परिवारों की बेटियों के लिए वरदान बताया है।

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