Srinagar Historic Pathar Masjid: श्रीनगर में मुगल युग की बनी पत्थर मस्जिद में लगी आग, काफी नुकसान पहुंचा
मस्जिद के जिस हिस्से में आग लगी थी वहां बना लकड़ी का मंच पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। बाकी मस्जिद पत्थर की बनी हुई थी इसीलिए उसे अधिक नुकसान नहीं पहुंचा है। स्थानीय लोगों की मदद से समय रहते आग पर काबू पा लिया।
By Rahul SharmaEdited By: Updated: Fri, 06 Nov 2020 10:58 AM (IST)
श्रीनगर, जेएनएन। श्रीनगर के नवाबाजार इलाके में स्थित मुगल युग की पत्थर की मस्जिद में मध्यरात्रि में लगी आग के कारण काफी नुकसान पहुंचा है। पुलिस का कहना है कि मस्जिद के भीतरी बनी लकड़ी की मिमबर (जिस पर खड़े होकर इमाम साहब नमाज पढ़ते हैं) पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। हालांकि यह मस्जिद पूरी तरह से पत्थर से बनी हुई है, इसीलिए अन्य ढांचे को आगे के कारण ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है।
मध्य रात्रि को मस्जिद से धुआं निकलते देख स्थानीय लोगों ने अग्निशमन विभाग को सूचित कर दिया। इस बीच स्थानीय लोग भी आग पर काबू पाने में जुट गए। फायर विभाग के कर्मी भी मौके पर पहुंच आग को बुझाने में जुट गए। मस्जिद के भीतर बना मंच लकड़ी का था, इसीलिए उसे आग ने देखते ही देखते अपनी चपेट में ले लिया और वह पूरी तरह से जलकर रखा हो गया। करीब एक घंटे के भीतर आग पर काबू पा लिया गया। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मस्जिद के जिस हिस्से में आग लगी थी वहां बना लकड़ी का मंच पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। बाकी मस्जिद पत्थर की बनी हुई थी, इसीलिए उसे अधिक नुकसान नहीं पहुंचा है। फायर विभाग के कर्मियों ने स्थानीय लोगों की मदद से समय रहते आग पर काबू पा लिया।
उन्होंने बताया कि पत्थर मस्जिद जिसे स्थानीय लोग नाहव मशीद भी कहते हैं, एक मुगल युग की पत्थर की मस्जिद है। यह मस्जिद श्रीनगर के पुराने शहर नवाबाजार क्षेत्र में स्थित है। यह खानकाह-ए-मौला के मंदिर के ठीक सामने झेलम नदी के बाएं किनारे पर स्थित है। इसे सम्राट जहांगीर की पत्नी मुगल महारानी नूरजहां ने बनवाया था। मस्जिद की कुछ विशिष्ट विशेषताएं हैं जो इसे कश्मीर की बाकी मस्जिदों से अलग करती हैं। अन्य मस्जिदों के विपरीत इसमें पारंपरिक पिरामिड छत नहीं है। इसके अलावा मस्जिद में नौ मेहराब (आर्चिज) हैं। मध्य वाला सबसे बड़ा जबकि बाकी उससे छोटे हैं।
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