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Militancy in Kashmir: पुलवामा कांड दोहराने की साजिश नाकाम, आइईडी के साथ दो फिदायीन समेत 7 गिरफ्तार

Militancy in Kashmir आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ की पुष्टि करते हुए कहा कि ये सभी आतंकी दक्षिण कश्मीर के इलाकों में IED या फिदायीन हमलों की योजना बना रहे थे। पहले पकड़े गए दो युवाओं से पूछताछ के आधार पर ही अन्य पांच पकड़े गए।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Wed, 10 Mar 2021 06:16 PM (IST)
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आइईडी लगाने की साजिश रचने वाले दो आतंकियों में एक बीए पार्ट-1 का छात्र शामिल है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पुलिस ने दक्षिण कश्मीर में आतंकियों द्वारा एक बार फिर 14 फरवरी 2019 के पुलवामा कांड को दोहराने की रची जा रही साजिश को बुधवार काे नाकाम बनाने का दावा किया है। पुलिस ने एक सैन्य काफिले के अलावा म्यूनिस्पल कमेटी पांपाेर की इमारत को उड़ाने की साजिश रच रहे एक आत्मघाती समेत सात नए आतंकियों को गिरफ्तार किया है। लश्कर और जैश से जुड़े इन आतंकियों के पास से दो शक्तिशाली आइईडी और वाहन बम के लिए तैयार की जा रही एक कार भी बरामद की गई हैं। यह दावा आइजीपी कश्मीर रेंज विजय कुमार ने किया है।

आज यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि पुलवामाजिले के अवंतीपोेर इलाके में सक्रिय लश्कर व जैश के जिन सात आतंकियों को पकड़ा गया है,उनमें एक बीए प्रथम वर्ष का छात्र है। उन्होंने बताया कि हमे अपने तंत्र से पता चला था कि पांपोर में जैश-ए-माेहम्मद ने कुछ नए लड़कों को भर्ती किया है। यह 14 फरवरी 2019 की तरह ही कोई बड़ा बम धमाका करने की साजिश की तैयारी कर रहे हैं। हमने सभी संदिग्ध तत्वों की निगरानी शुरु की और साहिल नजीर नामक एक युवक को पकड़ लिया। बीए प्रथम वर्ष का छात्र साहिल पांपोर में रहता है। वह इंटरनेट मीडिया के जरिए जिहादी तत्वों के साथ संपर्क में आ आतंकी संगठन का हिस्सा बना था।

साहिल नजीर से जब पूछताछ की गई तो उसके चार साथी और पकड़े गए। उनके पास से एक कार जेके01ई-0690 बरामद की गई है। इस कार का इस्तेमाल वाहन बम के ताैर पर किया जाना था। जैश-ए-मोहम्मद ने पांपोर सेकुछ ही दूरी पर लिथपोरा में 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर वाहन बम से हमला किया था। हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हो गए थे। आत्मघाती आदिल डार के भी परखच्चे पूरी तरह इस हमले में उड़ गए थे। साहिल व उसके साथी इसी तरह का एक हमला श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर अगले चंद दिनाें में अंजाम देना चाहते थे।

आईजीपी ने बताया कि साहिल ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह कार को वाहन बम बना रहे थे। इस साजिश को अंजाम तक पहुंचाने में उसकी व उसके साथियों की मदद उत्तरी कश्मीर में सक्रिय आतंकियों का एक ओवरग्राऊंड वर्कर कर रहा था।

उन्होंने बतााया कि इसी दौरान पांपोर से मुसैब अहमद नामक लश्कर-ए-तैयबा का एक आतंकी पकड़ा गया। वह कुछ समय पहले जिहादी बना था। उसे बागात श्रीनगर में दो पुलिसकर्मियों की हत्या में लिप्त लश्कर कमांडर उमर खांडे ने तैयार किया था। मुसैब ने पूछताछ के दौरान अपने घर में छिपाकर रखे गए 25 किलोग्राम अमोनियम पाउडर की जानकारी दी। पुलिस ने इसे तुरंत बरामद किया। इसका इस्तेमाल एक आइईडी तैयार करने में होना था। पूछताछ के दौरान मुसैब ने बताया कि आइईडी के लिए शेष सामान उत्तरी कश्मीर से लाया जाना था। उसने बताया कि यह सामान शाहिद सोफी नामक युवक लाएगा। पुलिस ने तुरंत उसे भी गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सोफी ने बताया कि वह एक शक्तिशाली आइईडी तैयार कर उसेे मयूनिस्पल कमेटी पांपोर की इमारत में लगाना चाहते थे।

आईजीपी ने बताया कि जैश और लश्कर के पकड़े गए यह सातों आतंकी हाल-फिलहाल में ही आतंकी बने हैं। इनमें से कुछ कथित तौर पर अपने घरों में ही थे। उन्होंने बताया कि यह सभी इंटरनेट मीडिया के जरिए सरहद पार बैठे आतंकी सरगनाओं के साथ लगातार संपर्क में थे। उन्होंने बताया कि आतंकी अब अपने हमलों को अंजाम देने के लिए अपनी रणनीति लगातार बदल रहे हैं। हम उनकी साजिशों से अवगत हैं। लगातार सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर उसे बेहतर बनाते हैं ताकि आतंकियों को किसी तरह का मौका न मिले।