जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव उम्मीदवार आगा सैयद रुहुल्ला मेहंदी के समर्थन में रैली के दौरान फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पीएम मोदी सत्ता में बने रहने के लिए हिंदुओं के बीच भय का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं उन्हें अपना प्रधानमंत्री मानता हूं। लेकिन उनकी नफरत की राजनीति को रोकने की जरूरत है ताकि भारत को बचाया जा सके।
पीटीआई, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सत्ता में बने रहने के लिए हिंदुओं के बीच भय का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वो अब आम लोगों के उन मुद्दों के बारे में बात नहीं करते हैं जो उन्हें प्रेरित करते हैं। साल 2014 में वो शीर्ष पद पर आसीन हुए।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने लोगों से 'बांटों और राज करो की इस राजनीति' से दूर रहने को कहा।
नेकां के लोकसभा चुनाव उम्मीदवार आगा सैयद रुहुल्ला मेहंदी के समर्थन में यहां शहर के खानयार इलाके में एक रैली को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि मोदी हिंदुओं के बीच डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और उस डर को पैदा करने के लिए, वह उनसे कह रहे हैं कि आपके मंगलसूत्र को छीन लिया जाएगा और मुसलमानों को पैसे देने के लिए बेच दिया जाएगा। क्या हम इतने बुरे लोग हैं कि अपनी मां-बहनों से मंगलसूत्र छीन लेंगे?
पीएम मोदी हिंदुओं को डरा रहे हैं- फारूक अब्दुल्ला
श्रीनगर से संसद सदस्य ने कहा कि प्रधानमंत्री हिंदुओं से कह रहे हैं कि यदि मौजूदा चुनावों के बाद भारत का विपक्षी गुट सत्ता में आता है तो उनकी बचत पर कर लगाया जाएगा और यदि उनके पास दो घर हैं तो एक छीन लिया जाएगा और मुसलमानों को दे दिया जाएगा।
भगवान बच्चे देते हैं, बहुत लोगों के पास हैं नहीं- फारूक अब्दुल्ला
वह मुसलमानों के प्रति हिंदुओं में नफरत पैदा कर रहे हैं और फिर कहते हैं कि मुसलमान अधिक बच्चे पैदा करते हैं। भगवान बच्चे देते हैं। बहुत से (लोगों के) पास (बच्चे) नहीं हैं। जब उनके पास कोई नहीं है तो उन्हें बच्चों के बारे में क्या पता है? जो अपनी पत्नी को महत्व नहीं दे सके वो अपने बच्चों को कैसे महत्व दे सकते हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री पर देश में 'नफरत पैदा करने' की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि 'हम इसके खिलाफ हैं।' अब्दुल्ला ने कहा कि हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें (मोदी को) नीचे लाया जाए। वह झूठ बोल रहे हैं।
सिलेंडर के दामों को लेकर भी उठाया मुद्दा
अनुभवी नेता, जो अपने स्वास्थ्य कारणों से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी अब आम लोगों के उन मुद्दों के बारे में बात नहीं करते हैं जिन्होंने उन्हें 2014 में प्रधानमंत्री पद तक पहुंचाया था। जब वह 2014 में सत्ता में आए, तो वह एलपीजी सिलेंडर की कीमत का मुद्दा उठाते थे। उस समय घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 400 रुपये थी। वह मूल्य वृद्धि और बेरोजगारी का मुद्दा उठाते थे। अब दस साल बीत गए और अब गैस सिलेंडर की कीमत क्या है? यह 1100 रुपये है।
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डीजल की कीमतें बढ़ गई हैं, खाना पकाने के तेल की कीमतें बढ़ गई हैं, सब्जियों, मटन आदि की कीमतें बढ़ गई हैं। उन्होंने (मोदी) स्थापित किया स्मार्ट मीटर जो बिजली न होने पर भी चलते हैं," अब्दुल्ला ने कहा।
भारत को बचाने के लिए रोकनी होगी नफरत की राजनीति- फारूक अब्दुल्ला
उन्होंने कहा कि मैं उन्हें अपना प्रधानमंत्री मानता हूं। लेकिन उनकी नफरत की राजनीति को रोकने की जरूरत है ताकि भारत को बचाया जा सके। एनसी अध्यक्ष ने कहा कि यह 'दुर्भाग्यपूर्ण' है कि देश के प्रधान मंत्री और गृह मंत्री ऐसे बयान दे रहे हैं जो 'विभिन्न समुदायों के बीच तनाव पैदा कर रहे हैं'।उन्होंने लोगों से कहा कि हमें बाहर से दुश्मनों की जरूरत नहीं होगी, हमारे अंदर दुश्मन होंगे। और जब देश के भीतर तनाव है तो आप चीन से कैसे लड़ेंगे। अब्दुल्ला ने आगे कहा कि जब तक भारत और पाकिस्तान दोस्त नहीं बनेंगे तब तक आतंकवाद नहीं रुकेगा।
1996 में भी घाटी में घूमता था जब आतंकवाद चरम पर था- नेकां अध्यक्ष
भाजपा के इस दावे पर कि कश्मीर में स्थिति बदल गई है और अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद राजनीतिक दल स्वतंत्र रूप से चुनावी रैलियां कर रहे हैं, नेकां अध्यक्ष ने कहा कि वह 1996 में भी घाटी में घूमते थे जब आतंकवाद चरम पर था।उन्होंने कहा कि जब मेरे घर को बमों से निशाना बनाया गया, तो मैं नहीं रुका... जब उन्होंने लाल चौक पर भारतीय झंडा फहराया, तो वे एक बटालियन के साथ आए, लेकिन मैं कभी नहीं डरा। मोदी की इस टिप्पणी पर कि उन्होंने कश्मीर में भारत का संविधान लागू करके सबसे बड़ी सेवा की, पूर्व जम्मू-कश्मीर मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से पहले हम पर्याप्त भारतीय नहीं थे?
उन्होंने कहा कि 5 अगस्त, 2019 को केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया, जिसने जम्मू और कश्मीर को विशेष अधिकार प्रदान किए थे और तत्कालीन राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। अब्दुल्ला ने मतदाताओं से अपने मताधिकार का प्रयोग करते समय इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की जांच करने के लिए भी कहा।
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