Jammu: मुफ्ती सईद की पुण्यतिथि पर मुजफ्फर बेग और पत्नी सफीना PDP में हुई शामिल, सीट बंटबारे ने नाखुश होकर छोड़ी थी पार्टी
चुनावी जमीन तलाश रहीं महबूबा को मुफ्ती सईद की पुण्यतिथि पर बड़ी राहत मिली है। साल 2020 में पीएजीडी के बैनर तले सीटों के बंटवारे से नाखुश होकर पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे मुजफ्फर बेग और उनकी पत्नी सफीना ने पार्टी छोड़ दी थी। बेग के कदम से पार्टी के भीतर नाराजगी पैदा हो गई थी। कहा जा रहा है कि कुछ नेता अभी भी बेग की वापसी नहीं चाहते थे।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। लोकसभा समेत जम्मू-कश्मीर में होने वाले आगामी चुनावों के लिए अपनी जमीन तलाश रही पीडीपी के संस्थापक स्व. मुफ्ती मोहम्मद सईद की पुण्यतिथि राहत लेकर आई। पार्टी के सह संस्थापक एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे मुजफ्फर हुसैन बेग पीडीपी में लौट आए हैं। उनकी पत्नी सफीना बेग ने भी घर वापसी की है। वह भी सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को छोड़कर पीडीपी में वापस आ गई हैं।
सफीना वर्तमान में बारामुला जिला विकास परिषद की चेयरपर्सन हैं। पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दोनों का पार्टी में स्वागत किया और इसे पार्टी की मजबूती का एक बड़ा कदम बताया। पीडीपी प्रवक्ता मोहित भान ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि बेग पीडीपी में लौट आए हैं।
बारामुला के सांसद रहे 77 वर्षीय मुजफ्फर हुसैन बेग को वर्ष 2016 में मुफ्ती सईद के निधन के बाद पार्टी का संरक्षक बनाया गया था। वर्ष 2020 में जिला विकास परिषद के चुनावों में कश्मीर केंद्रित दलों ने पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के बैनर तले मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। पीडीपी भी इसका हिस्सा है।
सीट बंटवारे के बाद बेग ने छोड़ दी थी पीडीपी
कहा जाता है कि बेग सीट बंटवारे को लेकर खुश नहीं थे। इसी के बाद उन्होंने पीडीपी छोड़ दी थी। तब उनके सज्जाद लोन के नेतृत्व वाली पीपुल्स कान्फ्रेंस में शामिल होने की बात कही गई थी, किंतु बेग ने अपनी स्थिति के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की। उनकी पत्नी सफीना जरूरत लोन की पार्टी में शामिल हो गईं थीं। उस समय सफीना पीडीपी की महिला इकाई की अध्यक्ष थीं।पीडीपी के कई नेता नहीं चाहते थे बेग की वापसी
रविवार को बेग अनंतनाग में मुफ्ती सईद की आठवीं पुण्यतिथि मनाने के लिए पीडीपी के समारोह में शामिल हुए। उन्होंने बिजबिहाड़ा में मुफ्ती सईद की मजार पर फातिहा भी की। बेग कश्मीर के पहले नेता हैं, जिन्होंने अनुच्छेद 370 को इतिहास का कानून कहा था। उन्हें कश्मीर में नई दिल्ली का आदमी भी कहा जाता था। बेग को जनवरी, 2020 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। यह सब उस समय हुआ था जब केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बमुश्किल छह महीने हुए थे।
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