टेरर अटैक के बीच जम्मू-कश्मीर में NIA की छापेमारी, पाक में बैठे आतंकी से एक शख्स के खाते में आए 15 लाख; जांच शुरू
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू में एक व्यक्ति के घर पर छापा मारा है जिस पर आतंकी फंडिंग का संदेह है। आरोपी के खाते में एनआईए की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल हुमायूं खान नामक एक भगोड़े अपराधी ने 15 लाख रुपये जमा कराए हैं। जांच में पता चला है कि आरोपी का सगा चाचा गुलजार अहमद मलिक 1992 में हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी बन गया था।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की अहमदाबाद इकाई ने टेरर फंडिंग के संदेह में शरदकालीन राजधानी जम्मू के बाहरी क्षेत्र बजालता में रहने वाले एक व्यक्ति के घर की तलाशी ली है।
उक्त व्यक्ति के खाते में एनआइए, अहमदाबाद की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल हुमायूं खान नामक एक भगौड़े अपराधी द्वारा 15 लाख रुपये जमा कराए गए हैं।जिस व्यक्ति के घर में तलाशी ली गई है, वह मूलत: जम्मू शहर के पीरमिट्ठा इलाके का रहने वाला है और उसका नाम साहिल अहमद मलिक उर्फ पारस मलिक है। साहिल बीते कुछ वर्ष से बजालता में रह रहा है। एनआइए अहमदाबाद की एक टीम ने गत सोमवार को उसके बजालता स्थित घर की तलाशी ली है।
गूगल पे से जमा हुए रुपए
संबधित अधिकारियों ने बताया कि साहिल अहमद मलिक उस समय एनआइए के रडार पर आया जब उसके खाते में लगभग 15 लाख रूपये का अवैध लेन-देन सामने आया।उसके खाते में विदेश से 15 लाख रुपये गूगल पे के जरिए जमा हुए थे। उसके खाते में यह धनराशि हुमायूं खान नाम के एक अपराधी ने जमा की थी जो अहमदाबाद का रहने वाला है और एनआइए को उसकी तलाश है।
जांच में पता चला है कि साहिल अहमद का सगा चाचा गुलजार अहमद मलिक पुत्र अब्दुल मजीद मलिक वर्ष 1992 में हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी बन गया था। वह बीते कुछ वर्ष से सियालकोट पाकिस्तान में रह रहा है। एनआइइए की टीम ने साहिल व उसके कुछ स्वजनों से भी पूछताछ की है,लेकिन किसी को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि नही हुई है।
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