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NIA ने किश्तवाड़ में हथियार लूट के एक मामले में हिजबुल के तीन आतंकियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया

अदालत में आज पेश किया गया आरोपपत्र 8 मार्च 2019 को किश्तवाड़ के तत्कालीन जिला उपायुक्त के अंगरक्षक से उसका हथियार लूटे जाने व अन्य आतंकी घटनाओं से संबधित मामले में है। शुरू में इस मामले की जांच जम्मू कश्मीर पुलिस ही कर रही थी

By Vikas AbrolEdited By: Updated: Sat, 22 May 2021 10:12 PM (IST)
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ये तीनों वर्ष 2019 और 2020 में सुरक्षाबलों के साथ अलग अलग मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने किश्तवाड़ में हथियार लूट के एक मामले में लिप्त हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकियाें के खिलाफ विशेष अदालत एनआइए में शनिवार को आरोपपत्र दायर कर दिया। इसके साथ ही इस मामले में आराेपित तीन आतंकियों के मारे जाने का हवाला देते हुए उनके खिलाफ आरोप समाप्त करनेे का भी अदालत से आग्रह किया गया है।

एनआइए के प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू स्थित एनआइए की विशेष अदालत में हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकियों जाफर हुसैन, तनवीर अहमद मलिक और तारिक हुसैन गिरी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है। इनके अलावा तीन अन्य आतंकियों आेसामा बिन जावेद, हारून अब्बास वानी और जाहिद हुसैन के खिलाफ आरोप समाप्त किए जाने का आग्रह किया गया है, क्योंकि ये तीनों वर्ष 2019 और 2020 में सुरक्षाबलों के साथ अलग अलग मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि अदालत में आज पेश किया गया आरोपपत्र 8 मार्च 2019 को किश्तवाड़ के तत्कालीन जिला उपायुक्त के अंगरक्षक से उसका हथियार लूटे जाने व अन्य आतंकी घटनाओं से संबधित मामले में है। शुरू में इस मामले की जांच जम्मू कश्मीर पुलिस ही कर रही थी, लेकिन दो नवंबर 2019 को एनआइए ने इस मामले की जांच शुरू की। जांच में एनआइए ने पाया कि किश्तवाड़ में वर्ष 2018-19 में हुई विभिन्न आतंकी वारदातों की श्रृंखला का एक हिस्सा है। यह सभी वारदातें हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने डोडा-किश्तवाड़ रेंज में एक बार फिर से आतंकी नेटवर्क को तैयार करने के इरादे से अंजाम दी है। उनका मकसद इस पूरे क्षत्र में हथियार लूट और एक वर्ग विशेष कुछ गणमान्य नागरिकों को निशाना बनाने की वारदातों को अंजाम दे, एक धर्म विशेष के लोगों में डर पैदा करना था।

आरोपपत्र में बताया गया है कि जाफर हुसैन, तनवीर अहमद मलिक और तारिक हुसैन गिरी हिजबुल मुजाहिदीन के आतंंकियों को हर प्रकार स मदद करते थे। वह उनके लिए साजो सामान जुटाने, उनके लिए सुरक्षित ठिकानों का बंदोबस्त करने और उनके हमले की कार्य योजना तैयार करने व उसे अमली जामा पहनाने में उनकी मदद करने में भी शामिल रहते थे।

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