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Jammu: नए वित्त में नहीं खुलेगा कोई नया डिग्री कॉलेज, पांच निर्माणाधीन स्कूलों का कार्य होगा पूरा

बजट में उच्च शिक्षा के लिए चार सौ करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। जम्मू-कश्मीर में वित्त वर्ष 2024-25 में कोई नया डिग्री कॉलेज नहीं खोला जाएगा। सरकार की कोशिश पहले से स्थापित किए गए कॉलेजों का निर्माण कार्य पूरा करने पर केंद्रित होगा। जम्मू-कश्मीर में कुल 142 डिग्री कॉलेज हैं जिसमें जम्मू संभाग में 72 और कश्मीर संभाग में 70 कॉलेज शामिल हैं।

By satnam singh Edited By: Deepak Saxena Updated: Tue, 06 Feb 2024 10:58 PM (IST)
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नए वित्त में नहीं खुलेगा कोई नया डिग्री कॉलेज (सांकेतिक)।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में वित्त वर्ष 2024-25 में कोई नया डिग्री कॉलेज नहीं खोला जाएगा। सरकार की कोशिश पहले से स्थापित किए गए कॉलेजों का निर्माण कार्य पूरा करने पर केंद्रित होगा। इस साल पांच कॉलेजों का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर में पहले से स्थापित कॉलेजों में ढांचागत सुविधाओं में वृद्धि करने और साल 2019 के बाद खोले गए कॉलेजों की इमारतों को पूरा करना है।

बजट में उच्च शिक्षा के लिए चार सौ करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत कॉलेजों में पर्याप्त सुविधाएं, कौशल विकास के कोर्स शुरु करने, ऑनर्स डिग्री कोर्स शुरु करने जैसे अहम मुद्दे जिनके लिए कार्य शुरू हो चुका है। जम्मू कश्मीर में साल 2019 के बाद 50 नए कॉलेज खोले गए। इनमें करीब 25 कॉलेजों की इमारतों का निर्माण कार्य ही पूरा हुआ है।

बजट में बचे कॉलेजों के निर्माण का होगा कार्य

हर साल आने वाले बजट में शेष बचे कॉलेजों के निर्माण कार्यों को पूरा किया जा रहा है। कॉलेजों में दो हॉस्टल, दो साइंस ब्लॉक और छह अलग-अलग ब्लॉक का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर में कुल 142 डिग्री कॉलेज हैं जिसमें जम्मू संभाग में 72 और कश्मीर संभाग में 70 कॉलेज शामिल हैं। आठ डिग्री कॉलेज का आंकलन करके उनको नेशनल राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से मान्यता दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। कुल 142 कॉलेजों में 92 कॉलेज वो हैं जो पहले से स्थापित हैं।

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66 डिग्री कॉलेजों को नैक की मान्यता

इनमें से अब तक 66 डिग्री कॉलेजों को नैक की मान्यता हासिल हो चुकी है। उच्च शिक्षा विभाग की कोशिश है कि प्रदेश के सभी डिग्री कॉलेजों को नैक की मान्यता मिल जाए ताकि शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा मिल सके। जो कॉलेज पिछले पांच साल से लेकर दस साल के बीच खोले गए है उनमें अधिकतर कॉलेज ऐसे है जो नैक की मान्यता हासिल नहीं कर पाए है क्योंकि बुनियादी ढांचे की कमी है।

कॉलेजों की इमारतों के निर्माण कार्य के लिए उठाए कदम

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अमल करते हुए पिछले साल से ही कॉलेजों में दाखिला प्रक्रिया कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट-यूजी पर की गई और इस साल भी इसी तर्ज पर किया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव डा. रवि शंकर शर्मा का कहना है कि कॉलेजों की इमारतों के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो कॉलेजों की जमीन से संबंधित मुद्दे थे जिनका समाधान किया जा रहा है। कोशिश है कि शेष बचे सभी कॉलेजों को नैक की मान्यता दिलाई जाए।

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