Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Jammu Kashmir News: 'गैर-स्थायी निवासियों को मिले संवैधानिक अधिकार', आर्टिकल 370 के निरस्तीकरण पर बोले नित्यानंद राय

मंगलवार को लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने आर्टिकल 370 के निरस्तीकरण पर बोलते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के गैर स्थायी निवासियों को भी संविधान में निहित सभी अधिकार मिलने लगे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गैर स्थायी निवासियों को विधानसभा और स्थायी निकाय चुनाव में वोट देने का अधिकार नहीं था।

By Jagran News Edited By: Deepak Saxena Updated: Tue, 06 Aug 2024 05:02 PM (IST)
Hero Image
आर्टिकल 370 के निरस्तीकरण पर सदन में बोले नित्यानंद राय (फाइल फोटो)।

एएनआई, जम्मू। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर के गैर-स्थायी निवासियों को भी संविधान में निहित सभी अधिकार मिलने लगे हैं। लोकसभा में सांसद विवेक ठाकुर द्वारा अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद समाज को मिलने वाले लाभों पर उठाए गए प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्य मंत्री राय ने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से पहले की स्थिति पर प्रकाश डाला।

कुछ वर्ग संविधान के निहित अधिकारों से थे वंचित- नित्यानंद राय

राय ने मंगलवार को लोकसभा में अपने उत्तर में कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से पहले, जम्मू-कश्मीर के समाज के कुछ वर्गों, जिनमें 1947 में पाकिस्तान के पश्चिमी पंजाब से पलायन करने वाले पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी (डब्ल्यूपीआर) और उनके वंशज शामिल हैं, उनको जम्मू-कश्मीर का गैर-स्थायी निवासी माना जाता था और उन्हें भारत के संविधान में निहित पूर्ण अधिकारों से वंचित किया जाता था।

ये भी पढ़ें: Mata Vaishno Devi: मां वैष्णो देवी के बैटरी कार मार्ग पर लगी आग, श्रद्धालुओं की आवाजाही पर पड़ा असर

विधानसभा और निकाय चुनाव में वोट देने का नहीं था अधिकार- नित्यानंद राय

नित्यानंद राय ने कहा कि एक संविधान निर्माता के रूप में, अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से पहले, जम्मू-कश्मीर के समाज के कुछ वर्गों को जम्मू-कश्मीर का गैर-स्थायी निवासी माना जाता था और उन्हें भारत के संविधान में निहित पूर्ण अधिकारों से वंचित किया जाता था। परिणामस्वरूप, उन्हें संपत्ति के मालिकाना हक, राज्य सरकार द्वारा रोजगार और जम्मू-कश्मीर के विधान सभा और स्थानीय निकाय चुनावों में वोट देने का अधिकार नहीं था। हालांकि, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) के विस्थापित व्यक्तियों को जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी माना जाता था।

संविधान के सभी अधिकार अब सभी के लिए उपलब्ध- नित्यानंद राय

उन्होंने आगे कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, भारत के संविधान में निहित सभी अधिकार अब सभी के लिए उपलब्ध हैं। संपत्ति के मालिकाना हक, यूटी सरकार के तहत रोजगार और जम्मू-कश्मीर के विधान सभा और स्थानीय निकाय चुनावों में वोट देने के अधिकार सहित सभी अधिकार अब तत्कालीन गैर-स्थायी निवासियों जैसे पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों, वाल्मीकि समुदाय और सफाई कर्मचारियों को उनकी पात्रता के आधार पर उपलब्ध हैं। अगस्त 2019 में केंद्र ने अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया, जिसने तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा दिया और इस क्षेत्र को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया।

ये भी पढ़ें: Farooq Abdullah: 'हमारे मुल्क को सावधानी बरतने की जरूरत', बांग्लादेश के हालातों पर फारूक अब्दुल्ला ने जताई चिंता

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर