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IIT नगरोटा में आयोजित होगा नार्थटेक सिम्पोजियम, रक्षा में आत्मनिर्भरता की दिखेगी झलक; राजनाथ सिंह होंगे शामिल

आईआईटी नगरोटा में 11 सितंबर से होने जा रहे नार्थटेक सिम्पोजियम में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की झलक दिखेगी। पहली बार किसी सिविल संस्थान में होने जा रही सिम्पोजिम में सेना की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाए जा रहे अत्याधुनिक ड्रोन हथियार सर्वेलांस उपकरणों प्रदर्शित किए जाएंगे। इस सिम्पोजियम में 50 स्टार्ट अप सहित 250 से अधिक कंपनियों के शामिल होने की उम्मीद है।

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Thu, 07 Sep 2023 02:09 PM (IST)
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IIT नगरोटा में आयोजित होगा नार्थटेक सिम्पोजियम, रक्षा में आत्मनिर्भरता की दिखेगी झलक

जम्मू, राज्य ब्यूरो।Jammu  and Kashmir News: आईआईटी नगरोटा ( IIT Nagrota) में 11 सितंबर से होने जा रहे नार्थटेक सिम्पोजियम (Northtech Symposium) में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर (self-reliance in defense) भारत की झलक दिखेगी।

साथ ही भविष्य की युद्ध चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो रही सेना (Army) की ताकत भी दिखेगी। पहली बार किसी सिविल संस्थान में होने जा रही सिम्पोजिम में सेना की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाए जा रहे अत्याधुनिक ड्रोन (Drones) हथियार (Weapons), सर्वेलांस उपकरणों प्रदर्शित किए जाएंगे।

कार्यक्रम में ये लोग होंगे शामिल

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh), चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान (General Anil Chauhan), थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे (Generel Manoj pandey के साथ सेना के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेने जम्मू आ रहे हैं। देश में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में अभियान के चलते इस सिम्पोजियम में 50 स्टार्ट अप सहित 250 से अधिक कंपनियों के शामिल होने की उम्मीद है।

नार्थटेक सिम्पोजियम आकांक्षाओं की पूर्ति में बड़ा कदम

ये कंपिनयां आईआईटी परिसर में अपने सैन्य उपकरणों को प्रदर्शित करेंगी। सेना की उत्तरी कमान के चीफ आफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल आनिंदय सेनगुप्ता ने कहा कि इस वर्ष का सिम्पोजियम सेना की आकांक्षाओं की पूर्ति की दिशा में बड़ी छलांग होगी। सिम्पोजियम के माध्यम उत्पाद का आंकलन, प्राथमिकता व इसके अधिग्रहण में कारगर साबित हो रहा है।

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2005 में शुरू हुआ था सिम्पोजियम

आईआईटी जम्मू में बुधवार दोपहर को संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने बताया कि सिम्पोजियम में अंतरिक्ष एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ जम्मू कश्मीर, लद्दाख के उपराज्यपाल भी हिस्सा लेंगे। ये सिम्पोजियम वर्ष 2005 में शुरू हुए थे। इनका मकसद अत्याधुनिक उपकरणों के प्रदर्शन के साथ विचारों का आदान प्रदान से आत्मनिर्भरता व डिफेंस की नई तकनीक को बढ़ावा देना है।

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सेना की क्षमता का परिचय देगा सिम्पोजियम

यह सिम्पोजियम सेना की क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि में अहम साबित होगा। इसके माध्यम से उत्तरी कमान में अत्याधुनिक हथियार शामिल होना तय है। उत्तरी कमान में सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए आर्मी कमांडर को एक हजार करोड़ के वित्तीय अधिकार दिए हैं। सिम्पोजियम में हिस्सा लेने जा रही सोसायटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स के महानिदेशक डॉ. सुनील मिश्रा ने बताया कि उत्तरी कमान के क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए काम आने वाली अत्याधुनिक तकनीक का प्रदर्शन करना मकसद है।

रक्षा मंत्री होंगे शामिल

डॉ. जितेंद्र सिंह 12 सितंबर को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ दिल्ली से कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आएंगे। राजनाथ सिंह दोपहर एक बजे सिम्पोजियम में पहुंचेंगे। सांबा में डा. जितेंद्र सिंह के संसदीय क्षेत्र में बने देवक पुल का उद्घाटन करने के साथ उत्तर-पश्चिमी सीमाओं पर 90 सुरक्षा परियोजनाएं देश को समर्पित करेंगे।

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