Kashmir में बदली हवा : कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी की मौत के बाद भी शांत रहा कश्मीर
कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी की मौत पर शरारती तत्व हालात बिगाड़ने की साजिश रच रहे थे। इसे नाकाम बनाने के लिए ही विभिन्न इलाकों में प्रशासनिक पाबंदियों का सहारा लिया गया। अलबत्ता लोगों ने प्रशासन को पूरा साथ दिया। हालात पूरी तरह शांत रहे हैं
By Lokesh Chandra MishraEdited By: Updated: Fri, 03 Sep 2021 07:01 PM (IST)
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहां की हवाएं भी बदल चुकी हैं। इसका ताजा उदाहरण मिला कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी की मौत के बाद क्योंकि गिलानी की मौत के बाद भी कश्मीर पूरी तरह शांत रहा और कहीं भी कोई अप्रिय घटना गिलानी की मौत से लेकर अब तक पेश नहीं आई है।
जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने भी शुक्रवार को दावा किया कि वादी में बीते दो दिनों के दौरान तनाव के बावजूद स्थिति पूरी तरह शांत रही है। किसी जगह काेई अप्रिय घटना नहीं हुई है। उत्तरी कश्मीर के बारामुला में एक उच्चस्तरीय बैठक मे सुरक्षा परिदृश्य का जायजा लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में पुलिस महानिदेशक ने कहा कि कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी की मौत पर शरारती तत्व हालात बिगाड़ने की साजिश रच रहे थे। इसे नाकाम बनाने के लिए ही विभिन्न इलाकों में प्रशासनिक पाबंदियों का सहारा लिया गया। अलबत्ता, लोगों ने प्रशासन को पूरा साथ दिया।
हालात पूरी तरह शांत रहे हैं,किसी जगह से किसी प्रकार की अप्रिय घटना का कोई समाचार नहीं मिला है। लोगों ने कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस का पूरा साथ दिया है। इससे पता चलता है कि कश्मीर मे हालात सामान्य हो चले हैं। आम कश्मीरी अवाम यहां अमन और सुरक्षा का माहौल चाहता है। उन्होंने कहा हालात की लगातार समीक्षा की जा रही है। प्रशासनिक पाबंदियों को शुक्रवार की देर रात के बाद से हटाना शुरु किया जा सकता है।
कोई कश्मीरी युवक तालिबान में शामिल नहीं होने गया :बीते कुछ दिनों में 60 कश्मीरी युवकों के गायब होने और गुलाम कश्मीर जाने की खबरों को पुलिस महानिदेशक ने बकवास और आधारहीन करार देते हुए कहा कि यह सिर्फ दुष्प्रचार है। कश्मीर से कोई लड़का तालिबान में शामिल होने के लिए नहीं गया है। कश्मीरी नौजवान अब आतंकियों के झांसे में नहीं आता। आज कश्मीरी नौजवान खेल के मैदान पर व्यस्त है। वह अपने भविष्य काे संवारने में लगा है, वह इस समाज और देश को बेहतर व मजबूत बनाना चाहता है। अफगानीस्तान में तालीबान के काबिज होने से कश्मीर पर होने वाले असर संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि हम हालात की लगातार समीक्षा करते हैं। तालीबान कश्मीर नहीं आएगा और अगर कभी किसी तालीबानी ने एलओसी पर घु़सपैठ करने की कोशिश की तो मारा जाएगा। यहां लोगों को तालीबान से डरने की जरुरत नहीं है।
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