कोयले-गैस नहीं, जम्मू-कश्मीर में अब सिर्फ जिग जैग तकनीक से चलेंगे ईंट भट्ठे; जानें क्यों लिया ऐसा फैसला
जम्मू कश्मीर में अब जिग जैग तकनीक से ईंट भट्ठे चलेंगे। फरवरी 2025 तक सभी ईंट भट्ठों में इस तकनीक को कार्यान्वित कर दिया जाएगा। राजधानी शहरों के 10 किलोमीटर के दायरे में एक मार्च 2024 के बाद बिना जिग जैग तकनीक के कोई ईंट भट्ठा नहीं चलेगा। जिग जैग तकनीक में ईंधन की खपत कम होती है और प्रदूषण भी कम फैलता है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। Jammu-Kashmir News: जम्मू कश्मीर में अब जिग जैग तकनीक से ईंट भट्ठे चलेंगे। फरवरी 2025 तक सभी ईंट भट्ठों में इस तकनीक को कार्यान्वित कर दिया जाएगा। श्रीनगर और जम्मू दोनों राजधानी शहरों के 10 किलोमीटर के दायरे में एक मार्च, 2024 के बाद बिना जिग जैग तकनीक के कोई ईंट भट्ठा नहीं चलेगा।
जम्मू-कश्मीर में 560 ईंट-भट्ठे
मौजूदा समय में प्रदेश में 560 ईंट-भट्ठे हैं। ईंट पकाने की परंपरागत तकनीक में न सिर्फ कोयले व गैस की ज्यादा खपत होती है, बल्कि वायु प्रदूषण भी ज्यादा होता है। जिग जैग तकनीक में ईंधन की खपत कम होती है और प्रदूषण भी कम फैलता है। इसमें ईंटों को पकाने के लिए अलग-अलग चैंबर होते हैं और उनमें ईंटों को सीधे एक कतार में न लगाकर जिग जैग आकार में या सीढ़ीनुमा आकार में लगाया जाता है।
जिग जैग तकनीक से ईंट पकाने में लगती है लागत कम
अधिकारियों ने बताया कि जिग जैग तकनीक से ईंट पकाने में लागत में कमी आती है। इसलिए यह ईंट भट्ठा मालिकों के लिए आर्थिक रूप से भी लाभप्रद है। यह कम जोखिमपूर्ण भी है। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने प्रदेश प्रशासन को सभी ईंट भट्ठों में पर्यावरण संबंधी नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित बनाने के लिए कहा है।201 ईंट भट्ठों में जिग जैग तकनीक पूरी
एनजीटी के आदेश पर हुई कार्रवाई के संदर्भ में जम्मू कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव के. रमेश कुमार ने एक रिपोर्ट पेश की है। इसके मुताबिक, प्रदेश में 560 ईंट भट्ठों में से 415 ने प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण समिति से अनापत्ति प्रमाणपत्र और अनुमति के लिए आवेदन किया है। 31 दिसंबर, 2023 तक 201 ईंट भट्ठों ने जिग जैग तकनीक को पूरी तरह से अपना लिया था।125 ईंट भट्ठों को किया जाएगा बंद
वर्ष 2023 में नियमों की अवहेलना के आधार पर 125 ईंट भट्ठों को बंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इनके अलावा जम्मू कश्मीर व लद्दाख उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, श्रीनगर एयरपोर्ट के आठ किलोमीटर के दायरे में आने वाले ईंट भट्ठों को एक नवंबर से 31 मार्च तक काम करने की अनुमति नहीं दी गई है। बडगाम जिले में जम्मू कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण समिति ने नियमों का पालन करने वाले 85 ईंट भट्ठों को बंद करने का आदेश दिया है।
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