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एक तरफ विशेष दर्जे की बात, दूसरी ओर केंद्र सरकार के साथ कदमताल; क्या है उमर सरकार की प्राथमिकताएं?

जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला की सरकार को एक महीना पूरा हो गया है। इस दौरान उन्होंने विवादों से दूर रहते हुए सरकार को सुचारू रूप से चलाने पर ध्यान केंद्रित किया है। अनुच्छेद 370 और विशेष दर्जे के मुद्दे पर विधानसभा में भाजपा के साथ खींचतान के बावजूद उमर केंद्र से संवाद बढ़ाकर अपनी योजनाओं को आगे बढ़ा रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 17 Nov 2024 01:15 PM (IST)
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उमर अब्दुल्ला की सरकार का एक महीना पूरा (फाइल फोटो)
नवीन नवाज, जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की पहली निर्वाचित सरकार को सत्तासीन हुए एक माह बीत गया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने खुद को यथासंभव विवादास्पद मुद्दों से दूर रखते हुए सरकार को सुचारू रूप से चलाने पर अपना ध्यान केंद्रित रखा हुआ है। अनुच्छेद 370 और विशेष दर्जे के प्रस्ताव पर भले ही विधानसभा में भाजपा के साथ खींचतान रही हो पर केंद्र से संवाद बढ़ाकर अपनी योजनाओं को आगे बढ़ा रहे हैं।

राजभवन के साथ टकराव से बच रहे हैं उमर

विधानसभा में उन्होंने विशेष दर्जे की बहाली के प्रस्ताव में अनुच्छेद 370 ना लिखकर गेंद दूसरों के पाले में फेंक दी है। राजभवन के साथ भी सीधे टकराव से बचते हुए वह उपराज्यपाल और केंद्र सरकार दोनों से समन्वय बनाकर चलने का प्रयास करते नजर आए हैं। वह प्रशासनिक मुद्दों पर काम कर जनता में अपनी साख को यथासंभव मजबूत बनाने में लगे हैं।

किसी सरकार के कामकाज के आकलन के लिए एक माह का समय कम है। वैसे उमर किसी भी विवादास्पद मद्दे से बचने का प्रयास कर रहे हैं। अनुच्छेद 370 जैसे मुद्दे पर भी तभी बोलते हैं, जब कोई उनसे पूछता है। मौजूदा सरकार फिलहाल खुद को विकास पर केंद्रित रखते हुए पहले जनता के बीच अपनी साख को बेहतर बनाएगी। -सैयद अमजद शाह, कश्मीर मामलों के जानकार

एक महीने दो बार कर चुके हैं दिल्ली दौरा

एक माह में उमर दो बार नई दिल्ली का दौरा कर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति व अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर जम्मू-कश्मीर की विकास योजनाओं को आगे बढ़ा चुके हैं। उमर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर मौजूदा वित्त वर्ष के लिए छह हजार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का आग्रह किया है, ताकि विभिन्न विकास योजनाओं को गति दी जा सके। साथ ही उमर पर्यटन और स्वास्थ्य क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।

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16 अक्टूबर को हुआ था शपथ ग्रहण

उमर के नेतृत्व में गठबंधन सरकार ने 16 अक्टूबर को शपथ ग्रहण की है। उनके सहयोगियों में माकपा और कांग्रेस शामिल है। नेकां ने अनुच्छेद 370 और राज्य के दर्जे की पुनर्बहाली को अपना मुख्य राजनीतिक एजेंडा बनाने के साथ 12 सिलेंडर, 200 यूनिट नि:शुल्क बिजली, सरकारी राशन का कोटा बढ़ाने, रोजगार, स्थानीय ससांधनों पर स्थानीय के अधिकार और विकास का चुनाव में वादा किया था।

हमारा पहला मकसद जम्मू-कश्मीर में शांति, सुरक्षा और विकास का वातावरण बनाए रखते हुए जनता के रोजमर्रा के मुद्दों को हल करना है। यहां बिजली, सड़क, पानी, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी समस्याएं हैं। इसका यह मतलब नहीं कि हमने अनुच्छेद 370 या राज्य का दर्जा बहाली का मुद्दा छोड़ दिया है। इन विषयों पर प्रस्ताव पारित किए हैं, इन पर अनावश्यक राजनीति हमारा एजेंडा नहीं है।

-नासिर असलम वानी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार

उमर को पता है कि वह केंद्र से टकराव का रास्ता अपनाकर ना जनता को सुशासन दे सकेंगे, ना रोजगार और ना ही विकास की आकांक्षाओं को पूरा कर सकेंगे। उमर का दिल्ली में जाकर सिंधु जल संधि पर एतराज जताना कहीं न कहीं केंद्र सरकार को भी सुहाता है। केंद्र इस संधि में सुधार या बदलाव चाहती है और उमर ने इस विषय में बहस को जन्म देकर एक रास्ता तैयार किया है। -अजय बाचलू, जम्मू-कश्मीर मामलों के जानकार

सरकार की प्राथमिकताएं

  • उमर और उनके कैबिनेट मंत्री सतीश शर्मा ने इसी माह पांच पांच दिन के लगे विधानसभा सत्र में निश्शुल्क बिजली प्रदान करने और राशन कोटा बढ़ाने का यकीन दिलाया है। उमर ने सदन में बताया कि उन्होंने केंद्रीय बिजली मंत्री से जम्मू-कश्मीर में बिजली संकट से निपटने को अतिरिक्त बिजली कोटा प्राप्त किया है।
  • उपमुख्यमंत्री सुरिंद्र चौधरी ने खनन अधिकारियों संग बैठक कर खनन में कथित धांधलियों पर रोक लगाने और स्थानीय लोगों के हितों के संरक्षण के लिए यथासंभव प्रयास करने को कहा है। जम्मू संभाग में तेजी से विकास होगा। रोजगार के साधन खुलेंगे।
  • सरकार की शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू ने नौवीं तक विंटर जोन का पुराना अकामिक कैलेंडर बहाल कर दिया है। इसके अलावा अन्य पुराने फैसलों पर चर्चा की।
  • सरकार ने विभिन्न सरकारी विभागों में भर्ती प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है। जनता के साथ संवाद बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री निवास में शिकायत निवारण कक्ष भी स्थापित किया गया है। सभी विभागों मे लंबित पड़ी विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकों के आयोजन के लिए भी कहा गया है।
  • उमर ने जम्मू-कश्मीर के केंद्र पर आर्थिक निर्भरता को घटाने के लिए वित्तीय अनुशासन और नए करों की संभावना पर भी विचार विमर्श किया है। उन्होंने प्रदेश में निजि औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधियों से भी दिल्ली में मुलाकात की।
  • उमर पर्यटन पर विशेष ध्यान देने जा रहे हैं और इसके लिए विभिन्न विकास प्राधिकरणों से उनकी योजना तलब की है। उन्होंने पर्यटन ढांचे को स्थानीय पर्यावरण के अनुकूल विकसित करने और उसमें यथासभव स्थानीय युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए संबंधित प्रशासन को कहा है।
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