'जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने की BJP में हिम्मत नहीं, लोकसभा तो मजबूरी'; केंद्र सरकार पर उमर अब्दुल्ला ने साधा निशाना
नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Confrence) के नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने दावा किया कि केंद्र की भाजपा सरकार में जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने का हिम्मत नहीं है। अगर मजबूरी नहीं होती तो वे लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) भी नहीं कराते। उन्होंने कहा कि यदि सुधार हुए हैं तो चुनाव में देरी क्यों?
एजेंसी, जम्मू। Jammu-Kashmir News: नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Confrence) के नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने दावा किया कि केंद्र की भाजपा सरकार में जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने का हिम्मत नहीं है।
अगर मजबूरी नहीं होती तो वे लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) भी नहीं कराते। सुप्रीम कोर्ट में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों के चुनाव होंगे। लेकिन अभी कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी किया गया है।
प्रदेश में सुधार हुए तो चुनाव में देरी क्यों?
बीजेपी की इन्हीं बातों पर उमर ने निशाना साधा। उमर ने कहा कि प्रदेश में आखिरी विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे। हम पांच साल से राज्यपाल शासन के अधीन हैं। बीजेपी ने 2019 में धारा 370 हटने के बाद महत्वपूर्ण सुधार के दावे किए। यदि सुधार हुए हैं तो चुनाव में देरी क्यों? उन्होंने कहा कि बीजेपी में चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है।
'लोगों का सामना करने से कतराती है बीजेपी'
एनसी नेता ने कहा कि भाजपा को जनता पर भरोसा है, लेकिन उनके अंदर एक स्पष्ट डर है। वे जनता की भावना से अच्छी तरह वाकिफ हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव कराना बीजेपी की मजबूरी है। अगर उन्हें मजबूर नहीं किया जाता, तो वे लोकसभा चुनाव नहीं कराते। वे लोगों का सामना करने से कतराते हैं।
'कारगिल चुनाव के नतीजे से घबराई केंद्र'
उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले कोई पंचायत, बीडीसी, डीडीसी, शहरी स्थानीय निकाय या विधानसभा चुनाव नहीं होंगे। कारगिल चुनाव के नतीजों ने उनकी आशंकाओं को साबित कर दिया। एनसी-कांग्रेस गठबंधन ने 26 में से 22 सीटें हासिल कीं। यहां तक कि चुनाव में जीतने वाले दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी हमें अपना समर्थन दिया।
'देर-सबेर जरुर होंगे चुनाव'
अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में दिहाड़ी मजदूरों को आश्वासन दिया कि चुनाव अनिवार्य है। एनसी के सत्ता में आने पर उन्हें नियमित किया जाएगा। आश्वस्त रहें, देर-सबेर चुनाव होंगे। अब्दुल्ला ने आगे कहा कि एक बार जब एनसी सरकार सत्ता में आ जाएगी, तो हम मजदूरों की स्थिति में सुधार लाएंगे। अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि जम्मू से सांसद ने कभी भी लोगों के कल्याण को प्राथमिकता नहीं दी। अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम एनसी उम्मीदवार का सावधानीपूर्वक चयन करें।
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