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Karwa Chauth 2022 : महिलाओं को लुभा रही मैट चूड़ियां और हैंड वर्क की साड़ियां, करवाचौथ पर बाजार हुए गुलजार

शहर के लिंक रोड स्थित दुकानदार अशोक महाजन के अनुसार इस खास त्योहार पर महिलाओं की खास मांग रहती है। अधिकतर महिलाएं वर्क हुए साड़ियों व सूटों की मांग करती है। इसलिए करवाचौथ के लिए ऐसी ही वैरायटी ज्यादा आती है।

By lalit kEdited By: Rahul SharmaUpdated: Sat, 08 Oct 2022 07:39 AM (IST)
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कुछ समुदायों की महिलाओं में कांच की चूड़ियां पहनना वर्जित होता है।

जम्मू, जागरण संवाददाता : करवाचौथ की खरीदारी से इन दिनों शहर के बाजार गुलजार हो उठे हैं। महिलाओं के इस पसंदीदा त्योहार के चलते बाजारों की खोई रौनक लौट आई है और 13 अक्टूबर को मनाए जाने वाले इस त्योहार को लेकर इन दिनों खरीदारी जोरों पर है। शहर के सर्राफा बाजार व कपड़ा बाजार से लेकर शृंगार सामग्री बेचने वाले बाजारों में महिलाओं व युवतियों की काफी भीड़ रही।

रेडीमेड गारमेंट शोरूम में भी खरीदारों का मेला लगा है और शहर में इस समय चौतरफा त्योहारों का उत्साह नजर आ रहा है। करवाचौथ के इस त्योहार पर यूं तो महिलाएं व युवतियां अलग-अलग डिजाइन व वर्क की चूड़ियां लेती है लेकिन इस बार बाजार में मैट चूड़ियों की अच्छी-खासी मांग है। चमकदार चूड़ियां खरीदने की बजाय महिलाएं व युवतियां मैट फिनिश में चूड़ियां अधिक पसंद कर रही है। इसका एक कारण यह भी है कि इस साल बाजार में मैट फिनिश में चूड़ियों की काफी व्यापक रेंज आई है और इनकी कीमत भी 100 रुपये प्रति सेट से शुरू है।

मैट फिनिश की वैरायटी आकर्षित कर रही : शहर के पटेल बाजार स्थित न्यू लुक के मोहित वर्मा के अनुसार इस बार मैट फिनिश की वैरायटी सबको अपनी ओर आकर्षित कर रही है और सबसे अधिक इसी वैरायटी की बिक्री हो रही है। वहीं अगर साड़ियों व सूटों की बात करें तो हैंड वर्क की साड़ियों व सूटों की इस त्योहार पर अधिक मांग देखने को मिल रही है। सिरोस्की वर्क की साड़ियों की भी बाजार में अच्छी-खासी मांग है। यूं तो हर विवाहिता की अपनी पसंद है लेकिन दुकानदारों के अनुसार ज्यादातर महिलाएं गहरें रंग खरीद रही है और युवतियां हल्के रंग पसंद करती है।

रिबन वर्क भी पसंद किया जा रहा : साड़ियों में रिबन वर्क भी पसंद किया जा रहा है। इसमें पूरी साड़ी सिंपल होती है। बस नीचे के हिस्से में रिबन वर्क किया होता है। इन साड़ियों की कीमत तीन हजार रुपये से शुरू होती है। शहर के लिंक रोड स्थित दुकानदार अशोक महाजन के अनुसार इस खास त्योहार पर महिलाओं की खास मांग रहती है। अधिकतर महिलाएं वर्क हुए साड़ियों व सूटों की मांग करती है। इसलिए करवाचौथ के लिए ऐसी ही वैरायटी ज्यादा आती है।

जयपुर को टक्कर दे रही मध्यप्रदेश की चूड़ियां : लाख की चूड़ियों के लिए जयपुर का बाजार भले ही विश्वभर में प्रसिद्ध हो लेकिन मध्य प्रदेश के श्योपुर में बनने वालीं नगीना जड़ी लाख की चूड़ियां इस बार इन्हें अच्छी-खासी टक्कर दे रही है। बेहतरीन डिजाइनिंग व उम्दा कारीगरी की वजह से स्थानीय बाजार में इन चूड़ियों की भी अच्छी मांग नजर आ रही है। लाख की चूड़ियां व कड़े यूं तो मूलत: राजस्थान और मालवा की साझा संस्कृति का प्रतीक है लेकिन इनकी आकर्षक बनावट अब जम्मू में भी काफी पसंद की जा रही है। कुछ समुदायों की महिलाओं में कांच की चूड़ियां पहनना वर्जित होता है। ऐसे में ये महिलाएं मैटल की चूड़ियां ही खरीदती है जिनमें सबसे अधिक लाख की चूड़ियां शामिल रहती है।

आर्टिफिशियल ज्वैलरी की मांग भी तेज : करवाचौथ का त्योहार निकट आते ही बाजार में आर्टिफिशियल ज्वैलरी की मांग भी तेज हो गई है। आर्टिफिशियल ज्वैलरी में मंगलसूत्र, चूडिय़ों व पैंडल सेट की बाजार में सबसे अधिक मांग है। पुराने शहर के पटेल बाजार से लेकर पुरानी मंडी, राजतिलक रोड व ओल्ड हास्पिटल रोड पर आर्टिफिशियल ज्वैलरी की दुकानें सजी है जहां दिन भर भीड़ जुट रही है। आर्टिफिशियल ज्वैलवरी में आए डिजाइन सोने व हीरे के जेवरातों को भी मात दे रहे हैं।

चाइनीज दीयों से मुक्त हुआ करवाचौथ : कोरोना महामारी से पहले जहां हर त्योहार पर बाजारों में चीन का साया नजर आता था, वहीं इस बार बाजार में पारंपरिक मिट्टी के दीयें व करवें आए हैं। बाजार में कही भी चाइनीज दीयों के स्टाल नहीं लगे है और न ही दुकानों पर इस बार चीन निर्मित सजावटी सामान नजर आ रहा है। बाजार में भारत निर्मित सजावटी सामान आया है जिनकी अच्छी खासी खरीदारी हो रही है। ऐसे में साफ है कि इस बार की दीवाली भी चाइनीज दीयों व इलेक्ट्रिक लडिय़ों से मुक्त होगी। 

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