Jammu News: बिजली कटौती ने छीना लोगों का सूकुन, अंधेरे में डूबी गलियों में गूंजती रही बच्चों के रोने की आवाज
रविवार को जम्मू के कई इलाकों में अघोषित बिजली कटौती से लोगों का चैन छीन गया। रात में कई घंटे बिजली जाने से लोग पूरी नींद नहीं ले पाए। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चे-बुजुर्ग और बीमार लोगों को हुई। बिजली निगम और सरकार ने वादा किया था जिन इलाकों में स्मार्ट मीटर लग जाएंगे वहां 24 घंटे बिजली आपूर्ति होगी लेकिन हकीकत बिल्कुल इसके उल्टा है।
जागरण संवाददाता, जम्मू। रविवार को छुट्टी के दिन हर कोई आराम करना चाहता है। खासकर कामकाजी लोगों के लिए यही आराम का दिन होता है, लेकिन बिजली कटौती ने उनका चैन छीन लिया। बिजली जाने पर अंधेरे में डूबी गलियों में बच्चों के रोने की आवाजें आती रही।
बिजली जाने पर बच्चे गर्मी से परेशान होकर रोने लगते और बिजली आते ही चुप हो जाते। यह सिलसिला रातभर चलता रहा। परिवार के लोग हाथ के पंखे चलाकर बच्चों को सुलाने का प्रयास करते रहे, लेकिन जब हाथ थक जाता और वे पंखा झलना बंद कर देते तो बच्चे फिर रोने लगते। वहीं, कई लोग बिजली आने-जाने के साथ छत पर आते-जाते रहे।
बिजली कटौती का यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा
पांच-छह घंटा बिजली कटौती होने से कई लोगों के इन्वर्टर भी बंद हो गए, जिससे वे घर में पसीने से नहाए रहने को मजबूर हुए। वहीं, त्रिकुटा नगर में सुबह 6.45 बजे बंद हुई बिजली दोपहर 12.30 बजे आई।डिगियाना, प्रीत नगर, गंग्याल में भी दो से चार घंटे की कटौती हुई। गांधीनगर में रविवार को भी हर घंटे में 20 मिनट की अघोषित कटौती होती रही। वहीं, तालाब तिल्लो, रूपनगर, बन तालाब और मुट्ठी में पांच से नौ घंटे बिजली गुल रही।
अघोषित कटौती का यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा। इससे बच्चों के अलावा बुजुर्ग और बीमार सबसे ज्यादा परेशान हुए।
गांवों में सात से दस घंटे तक हो रही कटौती
स्मार्ट मीटर लगाने का काम जब शुरू हुआ और लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया था तो बिजली निगम और सरकार ने वादा किया था जिन इलाकों में स्मार्ट मीटर लग जाएंगे, वहां चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति होगी, लेकिन इस सरकारी दावे की अब पोल खुल गई है।
इस समय जम्मू के बड़े इलाके में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। ग्रामीण इलाकों में भी तेजी से स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, लेकिन शहर में दो-छह तो गांवों में सात से दस घंटे तक बिजली कटौती हो रही है।इससे लोगों की जिंदगी से आराम गायब हो चुका है। रात में ठीक से सो नहीं पाने से बच्चे चिड़चिड़े स्वभाव के हो रहे हैं। जिनके घर में कोई बीमार है, उसके लिए यह बड़ी मुसीबत बन गई है।
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