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Jammu Kashmir : जिला अस्पताल पुंछ में छह साल के बच्चे की आंतों से निकले एक किलो एस्केरिस कीड़े

पुंछ के सर्जन डा. मानव दत्ता ने कहा कि छह साल के एक मरीज को आंतों में दर्द व रुकावट और संक्रमण के अन्य लक्षणों के साथ अस्पताल में लाया गया था जिसके बाद डाक्टरों की एक टीम ने प्रारंभिक जांच की। उसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Wed, 07 Sep 2022 07:36 AM (IST)
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स्टाफ ने घंटों लंबी जटिल सर्जरी की, जो जिला अस्पताल स्तर पर अपनी तरह की दुर्लभतम दर है।

पुंछ, जागरण संवाददाता : जिला अस्पताल पुंछ में डाक्टरों की एक टीम ने एक छह साल के बच्चे की जान बचाई, जो तीव्र आंतों के संक्रमण से पीडि़त था। बच्चे की आंतों में कीड़े बन गए थे, जिससे आंतें बंद हो चुकी थीं। आपरेशन के दौरान आंतों के रुकावट वाले हिस्से से लगभग एक किलोग्राम एस्केरिस कीड़े निकाले गए।

जिला अस्पताल पुंछ के सर्जन डा. मानव दत्ता ने कहा कि छह साल के एक मरीज को आंतों में दर्द व रुकावट और संक्रमण के अन्य लक्षणों के साथ अस्पताल में लाया गया था, जिसके बाद डाक्टरों की एक टीम ने प्रारंभिक जांच की। उसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। पाया गया कि रोगी आंतों में रुकावट से पीडि़त है। हमारे पास दो विकल्प थे, जिनमें रोगी को सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में रेफर करना या इस जटिल और आकस्मिक सर्जरी को केवल पुंछ के अस्पताल में करना शामिल था।

डाक्टरों ने दूसरे विकल्प के लिए जाने का फैसला किया, क्योंकि मरीज की स्थिति गंभीर थी और आगे बिगड़ रही थी। अगर इस आंतों की रुकावट का तुरंत इलाज नहीं किया जाता तो उसकी जान का खतरा था। उन्होंने कहा कि रोगी की इस अत्यंत बीमार स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस जटिल सर्जरी को तत्काल आधार पर जिला अस्पताल के आपरेशन थियेटर में उनके नेतृत्व में डाक्टरों की एक टीम के साथ और एनेस्थेटिस्ट डा. शफीक, ओटी तकनीशियन संजीव कुमार व अन्य सहायकों के सहयोग से किया गया। स्टाफ ने घंटों लंबी जटिल सर्जरी की, जो जिला अस्पताल स्तर पर अपनी तरह की दुर्लभतम दर है।

आमतौर पर आंतों में रुकावट वाले ऐसे रोगियों को तृतीयक देखभाल अस्पतालों में भेजा जाता है, लेकिन इस मामले में यह संभव नहीं था। क्योंकि रोगी की स्थिति गंभीर थी और जीवन बचाने के लिए उसका तत्काल आपरेशन समय की आवश्यकता थी। सर्जिकल प्रक्रिया के बारे में डा. मानव ने बताया कि आंत के अंदर लगभग एक किलोग्राम एस्केरिस कीड़े पाए गए हैं, जिन्हें हटा दिया गया है और ये कीड़े आंत में रुकावट पैदा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि एस्केरिस कीड़े मनुष्य की आंत के अंदर पाए जाते हैं, लेकिन एक विशेष हिस्से में वहां जमा होने से रुकावट होती है और यहां तक कि आंत में छेद भी हो जाता है, जिससे रोगी बीमार हो जाता है।

उन्होंने आगे लोगों से आंतों की स्वच्छता की आदतों का पालन करने और आंतों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए व ऐसी स्वास्थ्य स्थितियों को रोकने के लिए डाक्टरों से परामर्श करने की भी अपील की। इस मरीज के बारे में डा. मानव ने कहा कि मरीज की हालत अब खतरे से बाहर है और सुधार है। अगले कुछ दिनों में पूरी तरह ठीक होने की उम्मीद है। 

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