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Jammu: झेलम तवी परियोजना को पूरा करने के लिए एक वर्ष का मिला अतिरिक्त समय, विश्व बैंक से मिला है 1500 करोड़ रुपये

Jhelum Tawi Project विश्व बैंक ने झेलम तवी फ्लड रिकवरी प्रोजेक्ट के पूरा होने की समय सीमा एक वर्ष और बढ़ा दी है। इस परियोजना की समय सीमा को लगातार पांचवीं बार विस्तार दिया गया है। अब यह परियोजना 31 दिसंबर 2024 तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। बता दें कि वर्ष 2015 में मंजूर हुई इस परियोजना को 30 जून 2020 को पूरा किया जाना था।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar JhaUpdated: Wed, 24 Jan 2024 01:29 PM (IST)
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jammu kashmir news: झेलम तवी परियोजना को पूरा करने के लिए एक वर्ष का मिला अतिरिक्त समय।फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, जम्मू। विश्व बैंक ने झेलम तवी फ्लड रिकवरी प्रोजेक्ट (जेटीएफआरपी) के पूरा होने की समय सीमा एक वर्ष और बढ़ा दी है। इस परियोजना की समय सीमा को लगातार पांचवीं बार विस्तार दिया गया है। अब यह परियोजना 31 दिसंबर, 2024 तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।

परियोजना को 30 जून, 2020 तक होना था पूरा 

बता दें कि वर्ष 2015 में मंजूर हुई इस परियोजना को 30 जून, 2020 को पूरा किया जाना था, लेकिन जम्मू कश्मीर में सुरक्षा व अन्य कारणों से यह समय पर पूरी नहीं हो पाई। विश्व बैंक द्वारा 1500 करोड़ रुपये की वित्त पोषित जेटीएफआरपी को जम्मू कश्मीर में वर्ष 2014 में आई विनाशकारी बाढ़ से बर्बाद हुई बुनियादी ढांचागत सुविधाओं की पुनर्बहाली के लिए 2015 में मंजूर किया गया था।

इरा को दी गई कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी 

इसे कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी इकोनामिक रिकंस्ट्रक्शन एजेंसी (इरा) को दी गई। इरा ने 11 दिसंबर, 2023 को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीनस्थ आर्थिक मामले विभाग (डीईए) को एक पत्र लिखकर जेटीएफआरपी के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं के लंबित होने का उल्लेख करते हुए परियोजना में कुछ समय के लिए विस्तार का आग्रह किया था।

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डीईए ने इस आग्रह को स्वीकारते हुए विश्व बैंक को संबंधित योजना को एक वर्ष के लिए और विस्तार प्रदान करने के लिए लिखा था। विश्व बैंक ने इस आग्रह को स्वीकार कर लिया है। इरा से संबंधित एक अधिकारी ने कहा कि परियोजना के अधिकांश कार्यों को पूरा किया जा चुका है।

75 किलोमीटर लंबा ड्रेनेज नेटवर्क

कई मामलों में तय लक्ष्य से आगे हासिल किया गया है। विश्व बैंक ने भी इसे स्वीकार किया और परियोजना को विस्तार देते हुए उसने इसका उल्लेख किया है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत अब तक 45 स्कूली इमारतें, उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित चार इमारतें, 87.88 किलोमीटर लंबी सड़कें, चार पुल, 75 किलोमीटर लंबा ड्रेनेज नेटवर्क, 33 स्टार्म वाटर ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन और 36 अस्पतालों के लिए आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति का काम हो चुका है।

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