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Kashmir मेें जमात से संबंधित ट्रस्ट फलाह-ए-आम द्वारा संचालित स्कूलों को बंद करने का आदेश

बता दें कि फलाह-ए-आम ट्रक द्वारा कश्मीर घाटी के विभिन्न जिलों में कई तरह के शैक्षणिक संस्थान संचालित हो रहेे हैं। इनमें स्कूलों के अलावा कई कालेज और पारा मेडिकल कालेज भी शामिल हैं। अब पता चला है कि फलाह-ए-आम ट्रस्ट भी जमात-ए-इस्लामी संगठन से ही संबद्ध है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Updated: Tue, 14 Jun 2022 08:45 PM (IST)
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माना जा रहा है कि आतंक की जड़ को तोड़ने की दिशा में यह भी बड़ी पहल है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशासन ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी से संबंधित ट्रस्ट फलाह-ए-आम से जुड़े सभी स्कूलों में अकादमिक गतिविधियों में पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया है। यह स्कूल भी अब प्रतिबंध के घेरे में आ गए हैं। जम्मू कश्मीर में बीते तीन दशक से जारी आतंकी हिंसा के दौर में यह दूसरा अवसर है, जब फलाह-ए-आम ट्रस्ट के स्कूलों को बंद किया गया है। इससे पूर्व 1990 में तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन ने जमाते इस्लामी पर पाबंदी लगाने के साथ ही इन स्कूलों को बंद कर दिया था।

फलाह-ए-आम ट्रस्ट द्वारा प्रदेश में संचालित स्कूलों पर पाबंदी की तलवार फरवरी 2019 में उसी दिन लटकना शुरू हो गई थी,जब प्रदेश सरकार ने जमाते इस्लामी पर पाबंदी लगाई थी। जमात पर पाबंदी की घोषणा के साथ वादी में कई जिला उपायुक्तों ने जमाते इस्लामी से संबधित स्कूलों पर पाबंदी लगाना शुरू कर दी थी, लेकिन तत्कालीन प्रदेश सरकार ने जल्द ही साफ कर दिया था कि पाबंदी सिर्फ जमाते इस्लामी पर है, फलाह-ए-आम ट्रस्ट और उससे संबंधित संस्थानों पर कोई पाबंदी नहीं है। इससे कई लोगों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन पाबंदी की तलवकार का खतरा लगातार बना हुआ था।

आज स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव बीके सिंह ने आज एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में फलाह ए आम ट्रस्ट के सभी स्कूलों में तत्काल प्रभाव से सभी अकादमिक गतिविधियां बंद की जाती हैं। इसके साथ ही प्रतिबंधित और बंद किए गए संस्थानों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को चाहिए कि वह अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए अपने निकटवर्ती सरकारी स्कूल में दाखिला लें और वर्ष 2021-22 के अपने अकादमिक सत्र को बचाएं। सभी जिला मुख्य शिक्षाधिकारी, प्रिंसिपल, जोनल शिक्षा अधिकारी इन छात्रों के दाखिले मे मदद करें।

इस बीच, फलाह-ए-आम ट्रस्ट से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ट्रस्ट पूरे प्रदेश में करी 323 स्कूलो का संचालन करता है। इनमें से 316 कश्मीर में और सात जम्मू संभाग में हैं। इन स्कलों में करीब 80 हजार छात्र हैं और लगभग चार हजार अध्यापक व अन्य कर्मचारी हैं। फलाह-ए-आम ट्रस्ट का गठन जमाते इस्लामी ने 1972 में किया था। इसका पंजीकरण नंबर- 169/5/72 है। वर्ष 1972 में फलाह-ए-आम ट्रस्ट के गठन से पूर्व जमाते इस्लामी खुद वादी के विभिन्न इलाकों में स्कूलों को संचालित करती थी। बाद में यह जिम्मा फलाह-ए-आम ट्रस्ट को सौंप दिया गया। ट्रस्ट के अधीनस्थ स्कूलों में करीब अाधा दर्जन हायर सेकेंडरी भी हैं।

वर्ष 1990 में भी तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन ने फलाह-ए-आम पर पाबंदी लगाते हुए इससे संबंधित स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया था। इस फैसले को ट्रस्ट से जुड़े कुछ लोगों ने अदालत में चुनौती भी दी थी। बाद में सरकार ने इन स्कूलों में कार्यरत करीब एक हजार के करीब अध्यापकों को जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा विभाग में नियमित किया था। हिजबुल मुजाहिदीन का पोस्टर ब्वाय बुरहान वानी जो 2016 में मारा गया था, उसके पिता भी फलाह-ए-आम ट्रस्ट के स्कूल से ही सरकारी स्कूल में बतौर अध्यापक पहुंचे थे। अदालत के हस्ताक्षेप के बाद फलाह-ए-आम ट्रस्ट के स्कूल करीब पांच साल बाद फिर से क्रियाशील हुए थे। इन स्कूलों में पढ़े कई छात्र जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशासन में भी ऊंचे पदों पर कार्यरत हैं।

फलाह-ए-आम ट्रस्ट से निकले छात्र और उनके परिवार जमाते इस्लामी को एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं। जम्मू संभाग में फलाह-ए-आम का सबसे बड़ा स्कूल जिला डोडा में है, जहां करीब दो सौ गैर मुस्लिम छात्र भी पढ़ते हैं। इन स्कूलों में एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पाठयक्रम के अलावा अरबी, उर्दू, फारसी के अलावा इस्लाम भी पढ़ाया जाता है।

कश्मीर में आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों और टेरर फंडिंग से संबधित मामलों की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइए ने भी वर्ष 2020 और 2021 के दौरान वादी में फलाह-ए-आम ट्रस्ट के विभिन्न कार्यालयों और संस्थानों में भी तलाशी ली थी।

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