Operation Sarvshakti : भारतीय सेना ने शुुरू किया 'ऑपरेशन सर्वशक्ति', पाकिस्तान के आतंकी मंसूबे होंगे नाकाम
पाकिस्तान की ओर से सक्रिय आतंकी गतिविधियों को नाकाम करने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सर्वशक्ति (Operation Sarvshakti) की शुरुआत की है। इस ऑपरेशन के जरिए सेना पीर पंजाल पर्वतमाला के दोनों किनारों से होने वाली आतंकी गतिविधियों को संयुक्त आतंकवादी विरोधी अभियानों के जरिए विफल करेगी। जेके पुलिस सीआरपीएफ स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप और खुफिया एजेंसियां राजौरी पुंछ सेक्टर में आतंकवादी गतिविधियों को विफल करने का काम करेंगी।
एजेंसी (एएनआई), जम्मू। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाने के पाकिस्तान के प्रयासों को विफल करने के लिए भारतीय सेना (Indian Army) एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान की ओर से सक्रिय आतंकियो को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए ऑपरेशन सर्वशक्ति (Operation Sarvshakti) की शुरुआत की है।
ऑपरेशन सर्वशक्ति से करेंगे आतंकी गतिविधियों का खात्मा
ऑपरेशन सर्वशक्ति, पीर पंजाल पर्वतमाला के दोनों किनारों से आतंकी गतिविधि को संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियानों के जरिए नाकाम किया जाएगा। जहां श्रीनगर स्थित चिनार कोर के साथ-साथ नगरोटा मुख्यालय वाली व्हाइट नाइट कॉर्प्स की सिमुलेशन ऑपरेशन को अंजाम देगी।
सभी स्पेशल फोर्स करेंगी आतंकी गतिविधि को नाकाम
सुरक्षा बलों के अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप और खुफिया एजेंसियां केंद्र शासित प्रदेश, खासकर राजौरी पुंछ सेक्टर में आतंकवादी गतिविधियों को विफल करने का काम करेंगी।
ऑपरेशन सर्पविनाश की तर्ज पर होगा 'सर्वशक्ति'
ये ऑपरेशन सर्पविनाश की तर्ज पर होने की उम्मीद है। ऑपरेशन सर्पविनाश को साल 2003 के बाद से आतंकवादी गतिविधियों को खत्म करने के लिए शुरू किया गया था। इस दौरान क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां लगभग खत्म हो गई थीं।
भारतीय सेना ने राजौरी-पुंछ सेक्टर में और अधिक सैनिकों को शामिल करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। साथ ही क्षेत्र में खुफिया तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ सैनिकों को भी शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
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21 दिसंबर को भी हुआ था आतंकी हमला
हाल के दिनों में पाकिस्तानी प्रॉक्सी आतंकवादी समूहों ने पीर पंजाल पर्वतमाला के दक्षिण में स्थित राजौरी पुंछ सेक्टर में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश की है। बता दें कि शुक्रवार को कृष्णा घाटी इलाके में सेना के काफिले पर हमला किया गया, लेकिन सैनिकों ने नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनजर जवाबी कार्रवाई नहीं की। वहीं, बीती साल भी 21 दिसंबर को आतंकी हमले में चार जवान बलिदान हो गए थे।
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