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चीन और पाकिस्तान बेनकाब! भारत में रच रहे थे बड़ी आतंकी साजिश; रडार से बचने के लिए आतंकियों को थमाए अल्ट्रा सेट

बारामूला और पुंछ जिले में आंतकियों से बरामद हुए अल्ट्रा सेट के बाद पाकिस्तानी सेना और चीन के मंसूबे बेनकाब हो गए हैं। चीन द्वारा पाकिस्तानी सेना को दिए गए अल्ट्रा सेट को आतंकियों को प्रोवाइड करवाया जा रहा है। इन अल्ट्रा सेट के जरिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार से आतंकी बच जाते हैं क्योंकि ये चीन के सेटेलाइट पर आधारित होते हैं।

By vivek singh Edited By: Deepak Saxena Published: Sun, 23 Jun 2024 08:14 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2024 08:14 PM (IST)
चीन और पाकिस्तान भारत में रच रहे आतंकी साजिश! (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, जम्मू। चीन द्वारा पाकिस्तानी की सेना को दिए गए अत्याधुनिक दूरसंचार उपकरण 'अल्ट्रा सेट' जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों तक पहुंच गए हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार से बचाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने इन्हें आतंकियों के हाथ में थमा दिया है। इस साल 26 अप्रैल को बारामूला जिले के सोपोर में मारे गए दो आतंकियों और पुंछ जिले के सुरनकोट में हुई मुठभेड़ में ढेर चार विदेश आतंकियों से ये अल्ट्रा सेट से बरामद हुए थे।

पाकिस्तानी सेना दे रही आतंकियों को प्रशिक्षण

आतंकियों के पास से इनके मिलने से स्पष्ट है कि पाकिस्तानी सेना जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता और हिंसा के लिए आतंकियों को प्रशिक्षण से लेकर घुसपैठ कराने, गोला-बारूद व हथियार उपलब्ध कराने के लिए अपने आकाओं से बातचीत करने के लिए चीन निर्मित उपकरण मुहैया का रही है, जिनका इस्तेमाल वह खुद करती है।

अल्ट्रा सेट रेडियो तरंगों के आधार पर काम करता है। यह उपकरण चीन के सेटेलाइट आधारित हैं। इसमें कालिंग और मैसेजिंग दोनों सुविधाएं हैं। कोई भी दो अल्ट्रा सेट आपस में सीधे नहीं जुड़े होते। प्रत्येक अल्ट्रा सेट माध्यम से पाकिस्तान में स्थित मास्टर सर्वर से जुड़ा होता है। इस सर्वर में संदेशों को डिकोड कर लक्षित जगह सेटेलाइट के माध्यम से पहुंचाया जाता है।

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मोबाइल फोन और रेडियो सेट का मिश्रण है अल्ट्रा सेट

अल्ट्रा सेट उपकरण मोबाइल फोन और विशेष रेडियो सेट का मिश्रण है। इनका इस्तेमाल के लिए ग्लोबल सिस्टम फार मोबाइल (जीएसएम) या कोड डिवीजन मल्टीपल एक्सेस (सीडीएमए) जैसी पारंपरिक मोबाइल तकनीक की जरूरत नहीं होती। यही कारण है कि इनसे भेजे गए संदेश भारतीय सेना और सुरक्षाबल की पकड़ में नहीं आते। इसलिए यह नई चुनौती बनकर उभरे हैं। जम्मू-कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकियों से इन अल्ट्रा सेट उपकरणों का मिलना घुसपैठरोधी अभियान चला रहे सुरक्षाबल के लिए चिंता का विषय है।

चीन से बने एसएच-15 तोपें भी देखी गईं

सैन्य अधिकारियों का कहना है कि नियंत्रण रेखा पर चीन पाकिस्तान की सेना की रक्षा क्षमता बढ़ाने की चाल चल रहा है। इसमें उसकी सक्रिय लगातार बढ़ती नजर आ रही है। बताया जाता है कि चीन की सेना गुलाम जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी सेना के लिए स्टीलहेड बंकर बनाने, मानव रहित हवाई व लड़ाकू वाहन उपलब्ध करवाने, एन्क्रप्टेड संचार टावर लगाने के साथ ही भूमिगत फाइबर केबल बिछाने में पूरा सहयोग दे रही है। चीन की सेना ने पाकिस्तान सेना की रडार क्षमता बढ़ाने के लिए जे-वाई और "एचजीआर शृंखला के आधुनिक रडार सिस्टम उपलब्ध करवाए हैं। इतना ही नहीं, नियंत्रण रेखा के कुछ हिस्सों में चीन में बने एसएच -15 ट्रक-माउंटेड होवित्जर तोपें भी देखी गई हैं।

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