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Jammu News: पंचायतों का कार्यकाल आज हो रहा समाप्त, अब ये संभालेंगे कार्यभार; 2018 में हुए थे चुनाव

Jammu Kashmir News जम्मू कश्मीर में सभी पंचायतों का कार्यकाल मंगलवार नौ जनवरी को समाप्त हो जाएगा। पंचायतों के साथ बीडीसी भी भंग हो जाएगी। जम्मू कश्मीर में पंचायतों के चुनाव नवंबर-दिसंबर 2018 में नौ चरणों मे हुए थे। पंच-सरपंचों ने शपथ नौ जनवरी 2019 को ली थी और उसी दिन से उनका पांच वषीर्य कार्यकाल शुरू हुआ। बीडीसी का गठन वर्ष 2019 के अंत में हुआ था।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar JhaUpdated: Tue, 09 Jan 2024 09:34 AM (IST)
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J&K News: पंचायतों का कार्यकाल आज हो रहा समाप्त। प्रतीकात्मक फोटो

राज्य ब्यूरो, जम्मू। Panchayat Tenure Ends Today जम्मू कश्मीर में सभी पंचायतों का कार्यकाल मंगलवार नौ जनवरी को समाप्त हो जाएगा। पंचायतों के साथ ब्लाक विकास परिषद (बीडीसी) भी भंग हो जाएगी। इसके साथ ही पंच-सरपंच व बीडीसी के अधिकार समाप्त हो जाएंगे। नई पंचायतों के गठन तक जिला उपायुक्तों (डीसी), ब्लॉक विकास अधिकारियों (बीडीओ) और पंचायत सचिवों को संबंधित बीडीसी, पंचायत हलकों का प्रशासक नामित कर संबंधित कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा।

नवंबर-दिसंबर 2018 में नौ चरणों में हुए थे चुनाव

बता दें कि जम्मू कश्मीर में पंचायतों के चुनाव नवंबर-दिसंबर 2018 में नौ चरणों मे हुए थे। पंच-सरपंचों ने शपथ नौ जनवरी 2019 को ली थी और उसी दिन से उनका पांच वषीर्य कार्यकाल शुरू हुआ। उस समय लद्दाख जम्मू कश्मीर का हिस्सा था। पूरे प्रदेश में 316 ब्लाक, 4490 पंचायतें और 35096 पंच हलका हैं। पांच अगस्त 2019 को लद्दाख के एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू कश्मीर में 285 ब्लॉक, 4297 पंचायत हल्के और 33659 पंच हलका रह गए।

वर्ष 2019 के अंत में हुआ बीडीसी का गठन

बीडीसी का गठन वर्ष 2019 के अंत में हुआ था। वर्ष 2018 में हुए पंचायत चुनाव के दौरान भी 12054 पंच हलकों के चुनाव नहीं हो पाए थे। यह सीट खाली रह गई थी। इनके लिए वर्ष 2020 में उपचुनाव कराने का निर्णय लिया गया,लेकिन सुरक्षा कारणों से इन्हें स्थगित कर दिया। ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मामले विभाग के अधिकारी ने बताया कि मंगलवार शाम को साढ़े चार बजे पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।

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साथ ही बीडीसी का कार्यकाल भी संपन्न माना जाएगा। डीडीसी फिलहाल रहेंगे। जम्मू कश्मीर में पंचायत चुनाव कराना प्रदेश चुनाव कार्यालय का काम है। इस समय वह पंचायत मतदाता सूचियों की पुनरीक्षण प्रक्रिया में लगा हुआ है। पंचायतों में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का प्रविधान होने के साथ ही संबंधित हल्कों को तय किय जाना है।

जम्मू कश्मीर पंचायत राज अधिनियम 1989 क्या कहती है?

पंचायत हल्कों का परिसीमण शेष है। यह सभी कार्य पूरा होने के बाद चुनाव कराए जाएंगे। पंचायत चुनाव लोकसभा चुनाव प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद संभवत: जून-जुलाई में होंगे। उन्होंने बताया कि नई पंचायतों के गठन तक प्रदेश प्रशासन जम्मू कश्मीर पंचायत राज अधिनियम 1989 के तहत कम से कम छह माह के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग के अधिकारियों को संबधित पंचायत हल्कों का प्रशासक नियुक्त कर सकता है।

उन्होंने कहा कि यह सही बात है कि जिला विकास परिषदें अभी प्रभावी रहेंगी,लेकिन पंचायत और जिला विकास परिष्द दो अलग अलग संस्थान हैं,जिनके अधिकार व शक्तियां पंचायत अधिनियम में पूरी तरह स्पष्ट हैं। इसलिए पंचायतों के अधिकार जिला विकास परिषद को नही दिए जा सकते।

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