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Jammu News: भारत के पार्टीशन बड़ी भूल थी, गुलाम जम्मू कश्मीर के लिए नेहरू जिम्मेदार: राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

PMO में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि देश का विभाजन इतिहास में बड़ी भूल थी। उस समय कुछ व्यक्तिगत लोग ब्रिटिश शासकों की फूट डालने वाली नीति के हाथों में खेले। गुलाम जम्मू कश्मीर के लिए नेहरू जिम्मेदार थे। गुलाम जम्मू कश्मीर के लिए भी प्रधानमंत्री पंडित दिवंगत जवाहर लाल नेहरू जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि देश के विभाजन का महात्मा गांधी ने भी विरोध किया था।

By Edited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Mon, 30 Oct 2023 10:15 PM (IST)
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भारत के पार्टीशन बड़ी भूल थी, गुलाम जम्मू कश्मीर के लिए नेहरू जिम्मेदार, File Photo

राज्य ब्यूरो, जम्मू। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने कहा है कि देश का विभाजन इतिहास में बड़ी भूल थी। उस समय कुछ व्यक्तिगत लोग ब्रिटिश शासकों की फूट डालने वाली नीति के हाथों में खेले। गुलाम जम्मू कश्मीर (POK) के लिए नेहरू जिम्मेदार (Nehru is Responsible for POK) थे। गुलाम जम्मू कश्मीर के लिए भी प्रधानमंत्री पंडित दिवंगत जवाहर लाल नेहरू जिम्मेदार हैं।

उन्होंने कहा कि देश के विभाजन का महात्मा गांधी ने भी विरोध किया था। इसमें अन्य वर्गों के लोगों जिसमें मुस्लिम बुद्धिजीवी भी शामिल थे। इस विभाजन में लाखों लोगों की जान गई और लाखों बेघर हो गए। उन्होंने कहा कि विभाजन करके दो देशों को बनाया जाना भी गुमराह करने वाला निकला क्योंकि पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बन गया।

अधिकार सरदार पटेल के पास होते तो हालात कुछ और होते

जम्मू विश्वविद्यालय के स्ट्रैटेजिक एंड रीजनल स्टडीज विभाग की तरफ से ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह मेमोरियल पब्लिक लेक्चर को संबोधित करते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि अगर जवाहरलाल नेहरू ने अन्य रजवाड़ों की तरह जम्मू कश्मीर से संबंधित मुद्दा सुलझाने के अधिकार सरदार पटेल को दिए होते तो भारतीय उपमहाद्वीप का इतिहास कुछ और ही होता और गुलाम जम्मू कश्मीर भी भारत का हिस्सा होता। उन्होंने पहले प्रधानमंत्री पर निशाना चाहते हुए कहा कि एक तरफ संघर्ष विराम किया गया था और भारतीय सेना को वापस बुलाया गया जिस कारण गुलाम जम्मू कश्मीर का हिस्सा चला गया। 

शेख अब्दुल्ला को खुश करने के लिए किया था 370

जितेंद्र ने कहा कि ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह इसी मिट्टी के सपूत थे जिन्होंने पाकिस्तानी कव्वालियों के खिलाफ युद्ध लड़ा और उनको उड़ी में ही रोक रखा। कांग्रेस और उसके शासकों के फैसले की कीमत अभी भी भारत चुका रहा है। जितेंद्र ने अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए कहा कि जवाहर लाल नेहरू ने ही शेख अब्दुल्ला को खुश करने के लिए यह किया था। महाराजा हरि सिंह का कोई कसूर नहीं था। नेहरू से ही जम्मू कश्मीर का भारत में विलय देरी से हुआ था जो शेख अब्दुल्ला को प्रदेश का महाराजा बनाना चाहते थे। इससे पहले विभाग के निदेशक प्रो. वीरेंद्र कुंडल ने स्वागत भाषण पढ़ा।

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