Jammu Kashmir: 370 की पुनर्बहाली के लिए विपक्ष को राजी करें या फिर दूर रहें : सज्जाद गनी लोन
Jammu Kashmir पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन ने कहा कि मुझे समझ में नहीं आता कि आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी है कि जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दिग्गज उस प्रक्रिया का हिस्सा बने हैं जो अनुच्छेद 370 पर बातचीत भी नहीं करता।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, माकपा और कांग्रेस के नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के नेताओं को चाहिए कि वे देश में विपक्ष के नेताओं को अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली के लिए मनाएं या फिर विपक्षी दलों के साझा मंच से खुद को अलग कर लें।
आपको जानकारी हो कि गत शुक्रवार को 19 विपक्षी दलों के नेताओं के बीच इंटरनेट मीडिया से वर्चुअल बैठक हुई थी। इसमें जम्मू कश्मीर के सभी राजनीतक बंदियों की रिहाई, जम्मू कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा, अखिल भारतीय सेवा में जम्मू कश्मीर कैडर की बहाली और जम्मू कश्मीर में यथाशीघ्र स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों की मांग की है।
विपक्षी दलों की बैठक के अगले दिन लोन ने कहा कि किसी ने अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली का कोई जिक्र नहीं किया है। भाजपा का 370 विरोधी एजेंडा शुरू से स्पष्ट है। देश के विपक्षी दलों का इस पर क्या स्टैंड है, यह पता चलना चाहिए। लोन ने कहा कि मुझे अच्छी तरह मालूम है कि भाजपा कभी भी जम्मू कश्मीर को उसका विशेष दर्जा नहीं लौटाएगी। अनुच्छेद 370 संसद या फिर अदालत ही बहाल करा सकती है।
अदालत के फैसले के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। संसद में, भाजपा इसे बहाल नहीं होने देगी। विपक्ष की चुप्पी बताती है कि वह इसकी पुनर्बहाली नहीं चाहता। पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन ने कहा कि मुझे समझ में नहीं आता कि आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी है कि जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दिग्गज उस प्रक्रिया का हिस्सा बने हैं जो अनुच्छेद 370 पर बातचीत भी नहीं करता। खुदा के वास्ता, अगर हम 370 को बहाल नहीं करा सकते तो कम से कम उसे बहाल कराने के रास्ते में रुकावट नहीं बनना चाहिए।
जम्मू कश्मीर के नेताओं को या तो राष्ट्रीय विपक्ष से 370 की मांग का समर्थन करवाना चाहिए ताकि राष्ट्रीय स्तर पर भविष्य की तारीख में कुछ उम्मीद हो या बस इससे दूर रहें।
विपक्षी दलों के संयुक्त बयान की सराहना की : माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने कहा, हम विपक्षी दलों के संयुक्त बयान की सराहना करते है। उन्होंने सरकार से जम्मू-कश्मीर में सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और केंद्रीय सेवाओं के जम्मू-कश्मीर कैडर सहित पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का आग्रह किया है।