जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से आए लोगों को चुनाव में अपना पहला वोट डालने का बेसब्री से इंतजार....
Jammu Kashmir Election News जम्मू-कश्मीर में चुनावी दौर शुरू होने वाला है। ऐसे में पाकिस्तान (Pakistan) से आए लोगों में भी उत्साह नजर आ रहा है। वर्ष 1947 में पाकिस्तान से बड़ी संख्या में हिंदू और सिख परिवार देश के अलग अलग हिस्सों में आकर रहने लगे। उनको हर राज्य में सभी चुनावों में हिस्सा लेने का अवसर दिया गया।
जागरण संवाददाता, जम्मू। Jammu Kashmir Assembly Election: देश विभाजन के समय पाकिस्तान से आए लोगों को भी जम्मू कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव कराये जाने का इंतजार है। विधानसभा चुनाव में इन्हें पहली बार वोट डालने का मौका मिलेगा। उनकी यह खुशी केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा लोकसभा चुनाव बाद जम्मू-कश्मीर में शीघ्र विधानसभा चुनाव कराए जाने के आश्वासन से और बढ़ गई है।
चुनावों में हिस्सा लेने का मिलेगा अवसर
वर्ष 1947 में पाकिस्तान से बड़ी संख्या में हिंदू और सिख परिवार देश के अलग अलग हिस्सों में आकर रहने लगे। उनको हर राज्य में सभी चुनावों में हिस्सा लेने का अवसर दिया गया। वह देश के नागरिक तो बन गए, किंतु जम्मू कश्मीर के निवासी नहीं बन पाए। जम्मू-कश्मीर में आने वाले यह हिंदू, सिख लोगों को 72 वर्ष तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों में वोट डालने का अधिकार नहीं मिला।
विधानसभा में डाल सकेंगे वोट
हालांकि वह लोकसभा चुनाव में मतदान कर सकते थे। वर्तमान में इनकी आबादी तकरीबन 1.5 लाख है। 2019 में मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म कर जम्मू-कश्मीर में इन लोगों को विधानसभा चुनाव में मतदान करने का अधिकार दिया। अब यह लोग विस चुनाव में वोट डाल सकेंगे और चुनाव भी लड़ सकेंगे।
विधानसभा चुनाव का हमें बेसब्री से इंतजार है। हमारे पूर्वज विधानसभा के लिए वोट नहीं डाल सके। हमने भी आज तक वोट नहीं डाला। पिछली तमाम सरकारों ने हमें अधिकार से वंचित नहीं मिला था। मोदी सरकार के हम आभारी हैं जिन्होंने हमें जम्मू-कश्मीर का निवासी होने की मान्यता दिलाई और वोट का अधिकार दिलाया। इसलिए हमें विधानसभा चुनाव की शुभ घड़ी आने का बहुत इंतजार है।
-लब्बा राम गांधी, चेयरमैन वेस्ट पाक रिफ्यूजी एक्शन कमेटी
मैं युवा हूं, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए वोट डालने के लिए बेहद उत्सुक हूं। पहली बार हमें यह अवसर मिलेगा तो वोट डालने जरूर जाएंगे। हमारे बुजुर्ग तो इस अधिकार का इंतजार ही करते रह गए। जम्मू-कश्मीर निवासी नहीं पाने का लंबा दंश हमने झेला। अब सुखद समय आ रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद हमें उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव शीघ्र होंगे।
-रूप लाल, नगरी, कठुआ
देश का नागरिक होने के नाते सेना में नौकरी की, लेकिन जम्मू-कश्मीर की नौकरियों के लिए द्वार तो शुरू से ही बंद थे। पाकिस्तान से आए हिंदू सिख लोगों को देश ने अपनाया, मगर जम्मू-कश्मीर सरकार ने सात दशक तक रिफ्यूजी बनाकर रखा। यहां का निवासी नहीं माने जाने के चलते विधानसभा चुनाव में वोट डालने का अधिकार न था। अब समय बदल चुका है। हमें विधानसभा चुनाव आने का इंतजार है।
-कैप्टन रमेश सिंह, ग्रेटर कैलाश जम्मू
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