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Jammu Kashmir में महिलाएं अब रोजगार के मामले में पुरुषों से पीछे नहीं, राष्ट्रीय औसत से प्रतिशत अधिक

सकरार द्वारा हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार जम्मू कश्मीर में श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि हुई है। श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में कामकाजी महिलाओं की दर 2018-19 में 26.5 प्रतिशत थी।

By vikas abrolEdited By: Vikas AbrolUpdated: Tue, 22 Nov 2022 10:23 PM (IST)
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रोजगार के उपलब्ध सुअवसरों का महिलाएं भी लाभ उठा रही हैं।

जम्मू, जेएनएन। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अब महिलाएं रोजगार के मामलों में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। इसकी प्रमुख वजह है रोजगार के उपलब्ध सुअवसरों का महिलाएं भी लाभ उठा रही हैं।

सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू कश्मीर में श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि हुई है। श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में कामकाजी महिलाओं की दर 2018-19 में 26.5 प्रतिशत थी, जो अब 2021 में बढ़कर 32.8 प्रतिशत हो गई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 25.1 प्रतिशत है। रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के गांवों में महिलाओं का एलएफपीआर शहरों की तुलना में ज्यादा है। गांवों में कम से कम 35.3 फीसदी महिलाएं और कस्बों में 22.3 फीसदी महिलाएं मजदूर के रूप में काम करती हैं। 15 से 59 वर्ष के बीच कामकाजी महिलाओं की संख्या बढ़कर 46.8 प्रतिशत हो गई है, जो कि 2018-19 में 36.3 प्रतिशत थी।

सबसे दिलचस्प बात यह है कि अधिक से अधिक महिलाएं अपने परिवार का समर्थन करने और आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने के लिए व्यवसाय में शामिल हो रही हैं। इसका एक कारण यह भी है कि सरकार ने महिलाओं को रोजगार योग्य बनाने के लिए कई योजनाएं भी शुरू की हैं। पिछले वर्ष, महिलाओं ने 3,933 सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम इकाईयां स्थापित कीं। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में 'होसला' है, जो जम्मू-कश्मीर में महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने वाला एक व्यापक कार्यक्रम है, जिसके तहत 50,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है। जम्मू-कश्मीर सरकार भी तेजस्वनी योजना के तहत महिलाओं की मदद कर रही है।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जून 2021 में कार्यक्रम की शुरुआत की। इस स्टार्ट-अप फंडिंग कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में युवा महिलाओं और लड़कियों को स्वतंत्र कंपनी मालिकों के रूप में सशक्त बनाना और स्थापित करना है। यह कार्यक्रम महिला व्यापार मालिकों को मुद्रा कार्यक्रम के तहत जम्मू-कश्मीर बैंक से 5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्राप्त करने की अनुमति देता है।

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