Move to Jagran APP

Jammu: पुलिस अधिकारियों को नागरिकता अधिकार कानून की जानकारी दी

इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की जम्मू कश्मीर क्षेत्रीय शाखा ने समाज कल्याण विभाग अनुसूचित जाति के विकास व कल्याण के लिए सलाहकार बोर्ड के सहयोग से नागरिक अधिकार संरक्षण कानून 1955 एससी एसटी अत्याचार रोकथाम कानून 1989 पर कार्यशाला आयोजित की।

By Vikas AbrolEdited By: Updated: Sat, 10 Sep 2022 06:18 PM (IST)
Hero Image
नागरिक अधिकार संरक्षण कानून 1955 एससी, एसटी अत्याचार रोकथाम कानून 1989 पर कार्यशाला आयोजित की।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की जम्मू कश्मीर क्षेत्रीय शाखा ने समाज कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति के विकास व कल्याण के लिए सलाहकार बोर्ड के सहयोग से नागरिक अधिकार संरक्षण कानून 1955 एससी, एसटी अत्याचार रोकथाम कानून 1989 पर कार्यशाला आयोजित की।

यह कार्यशाला पुलिस के डीएसपी अधिकारियों के लिए आयोजित की गई जिसमें एडवोकेट असीम साहनी और एडवोकेट मोहसिन धर ने दोनों कानून के विभिन्न पहलुओं को उजागर करते हुए विभिन्न प्रावधान बताए। कानून के तहत पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारियां बताई गई। समाज कल्याण विभाग की सचिव शीतल नंदा ने कहा कि 2019 में केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू कश्मीर में उक्त दोनों कानून लागू हो चुके हैं।

अनुसूचित जाति के विकास व कल्याण के लिए सलाहकार बोर्ड की सचिव सीमा भारती ने कहा कि एससी, एसटी अत्याचार रोकथाम कानून 1989 के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी देने के लिए कई कार्यशाला आयोजित की गई हैं। इस संबंध में राष्ट्रीय हेल्पलाइन भी है जिसके जरिए शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। इससे पहले कार्यशाला के निदेशक केबी जंडियाल ने स्वागत भाषण पढ़ा जबकि सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल कर्ण सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया। इंस्टीट्यूट के संयुक्त सचिव डा. अनिल गुप्ता ने कार्रवाई का संचालन किया।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।