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पैरा कमांडो की तर्ज पर आतंकियों का काल बनेंगे पुलिस के जवान, स्पेशल ट्रेनिंग और हथियारों से किया जाएगा लैस

शौर्य चक्र विजेता कर्नल विक्रांत पुलिस के जवानों को भी सेना के पैरा कमांडो की तर्ज पर ट्रेनिंग देंगे ताकि वे आतंकियों का काल बन सकें। यह पहली बार है जब जम्मू-कश्मीर पुलिस में सेना के कर्नल को डेपुटेशन पर लाया गया है। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की शह पर जारी आतंकवाद पर मारक प्रहार करने के लिए प्रदेश प्रशासन ने यह बड़ा कदम उठाया है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Sat, 28 Sep 2024 07:09 AM (IST)
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पहली बार जम्मू-कश्मीर पुलिस में सेना के कर्नल को डेपुटेशन पर लाया गया

 राज्य ब्यूरो, जागरण जम्मू। भीड़-भाड़ भरे बाजारों में लोगों की आड़ में छिपे आतंकियों को ढूंढकर मार गिराने में महारत रखने वाले और कई विशेष आपरेशन में हिस्सा ले चुके सेना की स्पेशल फोर्स के कर्नल विक्रांत पराशर अब जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों को विशेष अभियानों के लिए तैयार करेंगे।

शौर्य चक्र विजेता कर्नल विक्रांत पुलिस के जवानों को भी सेना के पैरा कमांडो की तर्ज पर ट्रेनिंग देंगे, ताकि वे आतंकियों का काल बन सकें। यह पहली बार है जब जम्मू-कश्मीर पुलिस में सेना के कर्नल को डेपुटेशन पर लाया गया है। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की शह पर जारी आतंकवाद पर मारक प्रहार करने के लिए प्रदेश प्रशासन ने यह बड़ा कदम उठाया है।

बर्फीले हालात में युद्ध लड़ने मिलेगी ट्रेनिंग

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सेना की पैरा रजीमेंट की दसवीं बटालियन के कर्नल विक्रांत को दो साल की डेपुटेशन पर एसएसपी (ट्रेनिंग, स्पेशल अभियान) बनाया है। वह इस समय गुलमर्ग में सेना के हाई अल्टीच्यूड वारफेयर स्कूल में सैन्य कर्मियों को लद्दाख व कश्मीर के ऊपरी इलाकों में बर्फीले हालात में युद्ध लड़ने और सैन्य अभियान चलाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। अब वह अगले दो साल जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारियों व जवानों को भी स्पेशल फोर्स की तरह दक्ष बनाएंगे।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से कर्नल विक्रांत के पुलिस में डेपुटेशन में जाने का आदेश शुक्रवार को प्रमुख सचिव चंद्राकर भारती की ओर से जारी किया गया। दो वर्ष की डेपुटेशन अवधि के दौरान कर्नल विक्रांत को उन्हें उनके रैंक के अनुसार वेतन, भत्ते, वरियता व आवासीय सुविधा उपलब्ध रहेगी।

कर्नल विक्रांत ने ऐसे दिखाई थी वीरता

कर्नल विक्रांत पराशर की वीरता के किस्से उनकी बटालियन में खूब मशहूर हैं। जब वह लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर थे तो उन्हें सूचना मिली कि मध्य कश्मीर में एक बाजार में भीड़ की आड़ में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। इसपर विक्रांत अपने तीन अन्य साथियों के साथ वहां पहुंचे। आतंकियों ने उन्हें देखते ही गोलीबारी शुरू कर दी। विक्रांत पराशर के लिए आतंकियों को मार गिराने के साथ लोगों की सुरक्षा की भी बड़ी जिम्मेदारी थी।

कर्नल विक्रांत को मिल चुका है शौर्य चक्र

उन्होंने साहस, वीरता और सूझबूझ का परिचय देते हुए आतंकी कमांडर को ढेर कर दिया। भीड़ की आड़ में अन्य आतंकी भाग निकले। इसके साथ ही विक्रांत ने अपनी टीम को भी गुस्साए लोगों की भीड़ से सुरक्षित निकाल लिया। इस बहादुरी के लिए उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद्र ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था।

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