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राजनीतिक दलों ने कहा- जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने पर केंद्र की दलीलों को बताया ध्यान भटकाने की रणनीति

Jammu and Kashmir घाटी के राजनीतिक दलों ने गुरुवार को कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का रुख कोई नई बात नहीं है बल्कि सिर्फ ध्यान भटकाने वाली रणनीति है। एनसी ने सॉलिसिटर जनरल द्वारा शीर्ष अदालत में की गई दलीलों को मुख्य मुद्दे से ध्यान हटाने की रणनीति बताया है।

By Jagran NewsEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANUpdated: Thu, 31 Aug 2023 06:56 PM (IST)
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घाटी के राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का रुख की टिप्पणी
श्रीनगर, पीटीआई: घाटी के राजनीतिक दलों ने गुरुवार को कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का रुख कोई नई बात नहीं है, बल्कि सिर्फ ध्यान भटकाने वाली रणनीति है।

जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा शीर्ष अदालत में की गई दलीलों को केंद्र के 5 अगस्त, 2019 के फैसलों की वैधता को चुनौती के मुख्य मुद्दे से ध्यान हटाने की रणनीति बताया है, वहीं अन्य राजनीतिक दलों ने कहा कि टिप्पणियां भ्रामक, मज़ाक और पिछले कुछ वर्षों में केंद्र के रुख के समान थीं।

जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता तनवीर सादिक कहते हैं कि

जहां तक ​​चुनाव का सवाल है, हमने जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की मांग की है। हमने कहा है कि जल्द से जल्द लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम हो लेकिन इसके लिए भी सॉलिसिटर जनरल असमंजस में हैं। एक तरफ तो कहते हैं कि स्थिति में सुधार हुआ है। दूसरी ओर, वे कह रहे हैं कि उन्हें समयसीमा चाहिए। राज्यपाल शासन लगे लगभग पांच साल हो गए हैं। अब भी वे हमें चुनाव की कोई ठोस समयसीमा नहीं बता पा रहे हैं। इससे पता चलता है कि वे लोगों के दिलो-दिमाग में कितना भ्रम पैदा कर रहे हैं।

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