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Doda Encounter: 'फर्जी दावे...', जम्मू में आतंकी हमलों के बीच सियासी पारा हाई, कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लगाए आरोप

Jammu Kashmir Terrorism जम्मू कश्मीर के डोडा में हुए आतंकी हमले के बाद राजनीतिक आरोप- प्रत्यारोप भी शुरू हो गया है। आतंकियों से हुए मुठभेड़ में जवानों बलिदान के बाद कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी प्रियंका गांधी समेत कई नेताओं ने सरकार से सवाल पूछे हैं।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 16 Jul 2024 01:34 PM (IST)
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आतंकी हमले के कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल (फाइल फोटो)
पीटीआई, जम्मू। जम्मू कश्मीर के डोडा में हुए आतंकियों से मुठभेड़ में चार जवान बलिदान हो गए। एक सप्ताह पहले भी कठुआ जिले के माछेदी में सैन्य वाहन पर हमला हुआ था जिसमें पांच जवान बलिदान हो गए थे।

जम्मू कश्मीर में हो रहे आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस के नेताओं ने मोदी सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने सरकार पर सवाल उठाए हैं।

बहादुर सैनिकों की शहादत से बेहद दुखी हूं- खरगे

खरगे ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वह चार बहादुर सैनिकों की शहादत से बेहद दुखी हैं। उन्होंने कहा कि भारत माता की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले हमारे वीर जवानों के परिवारों के प्रति हमारी संवेदना है। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं घायलों के साथ हैं और हम उनके शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करते हैं।

उन्होंने कहा कि कायर आतंकवादियों द्वारा की जा रही हिंसा की इन घटनाओं की कड़ी और स्पष्ट निंदा के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं होगा। पिछले 36 दिनों में जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमलों के मद्देनजर हमारी सुरक्षा रणनीति में सावधानीपूर्वक बदलाव की जरूरत है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा मोदी सरकार ऐसे काम कर रही है जैसे सब कुछ 'सामान्य रूप से चल रहा है' और कुछ भी नहीं बदला है। उन्हें पता होना चाहिए कि जम्मू क्षेत्र इन हमलों का खामियाजा तेजी से भुगत रहा है।

खरगे ने कहा कि हम झूठी शेखी बघारने, फर्जी बयानबाजी और शोर-शराबा करके अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल सकते। एक राष्ट्र के रूप में हमें सामूहिक रूप से सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ लड़ना होगा। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमारे बहादुर सशस्त्र बलों के साथ मजबूती से खड़ी है।

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया (एक्स) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आज जम्मू कश्मीर में फिर से एक आतंकी मुठभेड़ में हमारे जवान शहीद हो गए। शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिजनों को गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।

राहुल गांधी ने कहा एक के बाद एक ऐसी भयानक घटनाएं बेहद दुखद और चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि लगातार हो रहे ये आतंकी हमले जम्मू कश्मीर की जर्जर स्थिति बयान कर रहे हैं। भाजपा की गलत नीतियों का खामियाजा हमारे जवान और उनके परिवार भुगत रहे हैं।

हर देशभक्त भारतीय की यह मांग है कि सरकार बार-बार हो रही सुरक्षा चूकों की पूरी जवाबदेही लेकर देश और जवानों के गुनहगारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे। दुख की इस घड़ी में पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता से खड़ा है।

प्रियंका गांधी ने भी भाजपा पर उठाए सवाल

प्रियंका गांधी ने जम्मू-कश्मीर में 4 जवानों की शहादत पर पूरा देश दुखी है और एकजुटता से आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है। लेकिन लगातार बढ़ते आतंकवादी हमले गंभीर सवाल खड़े करते हैं। क्या देश के राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका सिर्फ इतनी होनी चाहिए कि हर शहादत पर दुख जताकर मौन हो जाएं?

पिछले 78 दिन में जम्मू-कश्मीर में 11 आतंकवादी हमले हो चुके हैं। इन हमलों में सेना और पुलिस के 13 जवान शहीद हुए। 9 जून को एक यात्री बस पर हुए हमले में 9 श्रद्धालु मारे गए। ये हमले और हमारे सैनिकों की शहादतें रोकने के लिए सरकार कूटनीतिक-रणनीतिक मोर्चे पर क्या उपाय कर रही है?

उन्होंने कभी नोटबंदी, कभी अनुच्छेद 370 के बहाने आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने के फर्जी दावे की कीमत हमारे जवान अपनी जान देकर चुका रहे हैं। हम कब तक अपने शहीदों की लाशें गिनते रहेंगे?

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जयराम रमेश ने भी व्यक्त की संवेदना

डोडा आतंकी हमले पर कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पिछले 78 दिनों में अकेले जम्मू में 11 आतंकी हमले हुए हैं। यह पूरी तरह से नया घटनाक्रम है। हमें राजनीति से ऊपर उठकर एक प्रभावी सामूहिक प्रतिक्रिया दिखानी चाहिए।

जयराम रमेश ने कहा कि यह सवाल भी पूछा जाना चाहिए कि सरकार के सभी बड़े-बड़े दावों का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। हम सभी उन बहादुर जवानों और उनके परिवारों के हमेशा ऋणी रहेंगे जिन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया।

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