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Lohri and Makar Sankranti 2024: जम्मू के बाजारों में दिखने लगी खरीदारी की रौनक, तिल की गजक व रेवड़ियों से सजे मार्केट

Lohri Makar Sankranti 2024 सर्द मौसम में रिश्तों में मिठास व गर्माहट लाने वाला लोहड़ी का त्योहार निकट गया है। अग्नि के चारों ओर घूमकर पूजा-अर्चना होगी। लोहड़ी और मकर संक्रांति का त्योहार हो और गजक रेवड़ी का नाम लोगों की जुबान पर न आए यह तो हो ही नहीं सकता। मूंगफली और रेवड़ी के सुंदर आकर्षक पैक भी बाजार में उपलब्ध हैं।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar JhaUpdated: Wed, 10 Jan 2024 11:36 AM (IST)
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Lohri-Makar Sankranti 2024: जम्मू के बाजारों में दिखने लगी खरीदारी की रौनक।फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जम्मू। सर्द मौसम में रिश्तों में मिठास व गर्माहट भरने वाला लोहड़ी का त्योहार निकट गया है। शनिवार को शहर की गलियों में लोहड़ी के गीत सुनाई देंगे, ढोल नगाड़े बजेंगे और बच्चे व युवा ढोल की थाप पर नाच-गाकर लोहड़ी का त्योहार मनाएंगे। अग्नि के चारों ओर घूमकर पूजा-अर्चना होगी और सब साल के इस पहले त्योहार को मनाएंगे।

लोहड़ी पर्व में अब चंद दिन शेष

रिश्तों में मिठास भरने वाले इस लोहड़ी पर्व को लेकर अब चंद दिन ही शेष बचे हैं। ऐसे में लोहड़ी को लेकर शहर में तैयारियां जोरों पर हैं। लोहड़ी और मकर संक्रांति का त्योहार( Lohri and Makar Sankranti 2024) हो और गजक, रेवड़ी का नाम लोगों की जुबान पर न आए यह तो हो ही नहीं सकता। लोहड़ी और मकर संक्रांति के पर्व के चलते इस समय इनकी मांग और अधिक बढ़ गई है क्योंकि दोनों ही त्योहारों पर गजक और रेवड़ी खरीदना शुभ माना जाता है।

मूंगफली और रेवड़ी के सुंदर आकर्षक पैक भी बाजार में उपलब्ध

इसलिए शहर के सभी बाजारों में तिल की सुगंध, गुड़ की मिठास और गजक लोगों को अपनी तरफ खींच रही है। लोगों ने मूंगफली, रेवड़ी और गजक की खरीदारी भी शुरू कर दी है। दुकानों के अलावा सड़क के किनारे रेहड़ी पर भी मूंगफली और रेवड़ी की खूब ब्रिकी हो रही है। मूंगफली और रेवड़ी के सुंदर आकर्षक पैक भी बाजार में उपलब्ध हैं।

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तिल की गजक 300 से 500 रुपये किलो तक बाजार में मौजूद

शहर में मूंगफली 150 से 250 रुपये प्रति किलो व रेवड़ी 240 से 500 रुपये प्रति किलो में मिल रही है। वहीं, गुड़ गजक 250 रुपये प्रति किलो तो तिल की गजक 300 से 500 रुपये किलो तक बाजार में मौजूद है। लोहड़ी पर मूंगफली और रेवड़ी की सबसे अधिक ब्रिकी होती है। इसके अलावा पापकार्न भी लोग खूब खरीदते हैं।

जिन परिवारों में नई शादियां हुई होती हैं या जिनके घरों में बच्चे का जन्म होता है। उनमें अपने रिश्तेदारों में लोहड़ी का त्योहार बांटने की परंपरा है। यही कारण है कि ऐसे परिवार एक सप्ताह पूर्व ही खरीदारी कर लोहड़ी बांटने का सिलसिला शुरू कर देते हैं। डुग्गर परपंरा के तहत नवविवाहित जोड़ों व छोटे बच्चों को लोहड़ी पर रेवड़ी, मूंगफली व मेवों से बने हार पहनाने का भी प्रचलन है।

बाजार में मिलने वाले सामानों के दाम में देखी गई वृद्धि

काफी संख्या में परिवार की महिलाएं स्वयं यह हार तैयार करती हैं लेकिन अब समय की कमी के चलते बाजारों में तैयार हार भी बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। लोहड़ी पर्व पर इन हारों की भी अच्छी-खासी बिक्री होती है जो बाजार में 250 रुपये से मिलना आरंभ हो जाते हैं।

दुकानदारों की मानें तो इस साल लोहड़ी पर मूंगफली, रेवड़ी व अन्य सामान की कीमतों में कुछ वृद्धि हुई है और पिछले साल के दाम से इस साल दाम कुछ अधिक है। जम्मू शहर के अलावा जिले के प्रमुख कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोहड़ी की तैयारी तेजी से जारी है।

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