Jammu : तय नहीं इस बार भी बाबा चामलियाल मेले में पाक रेंजरों का पहुंचना
चार साल से पाक रेंजरों ने किसी भी वार्षिक मेले में शामिल होने की मंशा नहीं जताई। मौजूदा वर्ष में भी इसी सप्ताह आयोजित होने वाले बाबा चमलियाल वार्षिक मेले को लेकर बीएसएफ व पाक रेंजरों में कोई विशेष संपर्क होने की उम्मीद नजर नहीं आ रही।
By Vikas AbrolEdited By: Updated: Sun, 19 Jun 2022 09:15 PM (IST)
संवाद सहयोगी, रामगढ़: वीरवार को आयोजित होने जा रहे बाबा चामलियाल वार्षिक मेले में पाक रेंजरों का जीरो लाइन पर होने वाली विशेष बैठक में शरीक होना तय नहीं है। सब सेक्टर रामगढ़ के अग्रिम अंतरराष्ट्रीय सीमा के जीरो लाइन छन्नी फतवाल स्थित बाबा दलीप सिंह मन्हास की मजार पर लगने वाले वार्षिक मेले की बैठक में पाक रेंजरों द्वारा शिरकत करने की सदियों पुरानी परंपरा पूरी तरह भंग होती नजर आ रही है। वर्ष 13 जून 2018 को पाक रेंजरों द्वारा भारतीय सीमा सुरक्षा बल गश्ती दल पर की गई अकारण फायरिंग में जो चार जवान शहीद व पांच घायल हुए थे, उस घटना के बाद से चामलियाल मेले में पाक रेंजराें का जीरो लाइन पर बैठक में शरीक होना बंद हो गया था।
चार साल से पाक रेंजरों ने किसी भी वार्षिक मेले में शामिल होने की मंशा नहीं जताई। मौजूदा वर्ष में भी इसी सप्ताह आयोजित होने वाले बाबा चमलियाल वार्षिक मेले को लेकर बीएसएफ व पाक रेंजरों में कोई विशेष संपर्क होने की उम्मीद नजर नहीं आ रही। पाक रेंजरों द्वारा आए दिन सरहद के तनाव को बढ़ावा देने व दोनों देशों के बीच सबंध बिगाडने के लिए सरहद के उस पर से की जा रही गैर जिम्मेदाराना हरकतों, ड्रोन की मदद से आतंकियों को हथियार भेजने, अपने डिफेंस की मजबूती के लिए किए जाने वाले काम अकसर आपसी रंजिशों को बढ़ा रहे हैं।
यही कारण है कि भारतीय बीएसएफ चाहे जितने भी पाक रेंजरों की तरफ अपने दोस्ती के हाथा बढाएगा, पाकिस्तान की तरफ से हमेशा दोस्ती का दिखावा करके छल करने की नीतियों को प्राथमिकता से निभाया गया है। 23 जून वीरवार को आयोजित होने वाले बाबा चामलियाल वार्षिक मेले के आयोजन में महज दो दिनों का फासला रह गया है। महीनों से दिनों और दिनों से घंटों में कम होते इस मेले के फासले को देखते हुए बीएसएफ व पाक रेंजरों के बीच मेले के आमंत्रण पर कोई संपर्क होने के आसार नहीं बन रहे। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि बाबा चमलियाल मेले में इस साल भी पाक रेंजरों का जीरो लाइन पर होने वाली विशेष बैठक में नहीं आएंगे। यह बात मेला प्रबंधन व पंचायत छन्नी फतवाल के लोगों को भी समझ आ रही है कि पाकिस्तान नहीं चाहता कि मेले में शरीक होकर दोनों देशों की दूरियों को कम करने की तरफ अपने कदम बढ़ाए जाएं।
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