Union Territory Ladakh : राष्ट्रपति ने उपराज्यपाल को दिए राजपत्रित पद भरने के लिए नियम बनाने के अधिकार
इस समय लद्दाख का विकास केंद्र सरकार की पहली प्राथमिकता है व दूरदराज इलाकों में रक्षा बजट से बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के अभियान का भी सीधा लाभ ऐसे लोगों को मिल रही है जो पहले बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाकर क्षेत्र वासियों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल आरके माथुर को क्षेत्र में राजपत्रित पद भरने के लिए नियम बनाने के लिए विशेष अधिकारी दे दिए हैं। इस संबंध में उपराज्यपाल को अधिकार देने के लिए राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु की ओर से राजपत्र जारी कर दिया गया है।
चीन, पाकिस्तान देशों के साथ सीमाएं साझा करने वाले लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद विकास के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल हो रही है। ऐसे में लोगों की उम्मीदें तो पूरी हुई हैं मगर क्षेत्र के राजनीतिक दलों व नेताओं के हितों को नुकसान हुआ है। जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के समय लद्दाख को बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाने से कई राजनीतिक दलों के हित दाव पर लग गए थे। यही कारण है कि इस समय लद्दाख को राज्य बनाने के मुद्दे पर सियासत गर्मा कर राजनीतिक हितों की भरपाई करने की कोशिश की जा रही है। लद्दाख के दलों की कोशिश है कि लद्दाख में भी सिक्किम की तर्ज पर विधानसभा का गठन हो।
केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख को उसकी उम्मीदों से कहीं अधिक मिल रहा है। वर्ष 2021 व उसके बाद जारी वित्त वर्ष के लिए भी लद्दाख को 5958 करोड़ रूपये का बजट दिया गया है। लद्दाख में कोई बड़ा उद्योग नही है, ऐसे में सरकारी कर्मचारियों के वेतन से लेकर विकास संबंधी जरूरतों के लिए लद्दाख पूरी तरह से केंद्र सरकार की मदद पर निर्भर है।
इस समय लद्दाख का विकास केंद्र सरकार की पहली प्राथमिकता है व दूरदराज इलाकों में रक्षा बजट से बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के अभियान का भी सीधा लाभ ऐसे लोगों को मिल रही है जो पहले बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे। इन हालात में लद्दाख के हितों के नाम पर हो रहे प्रदर्शनों से तेज विकास से मजबूत हो रहे लद्दाख के लोगों का कुछ लेना देना नही है।
ऐसे में लोगों का प्रतिनधित्व करने वाली लद्दाख भाजपा का इस आंदोलन के पक्ष में नही है। लद्दाख भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने जागरण को बताया कि लद्दाख को उसकी उम्मीदों से कहीं ज्यादा मिल चुका है। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की सबसे बड़ी मांग रहा है। इसे पूरा किया गया है।
तीन साल पहले तक कश्मीर केंद्रित सरकारों द्वारा लद्दाख को उसका हक न देने के कारण क्षेत्र में लोग विकास के लिए तरसते थे। अब प्रधानमंत्री लद्दाख के विकास पर गंभीरता दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि लद्दाख देश के लिए सामरिक दृष्टि से भी बहुत अहमियत रखता है। ऐसे में क्षेत्र के सुरक्षा हालात को देखते हुए भी इसका केंद्र शासित प्रदेश रहना सबके हित में हैं।