Jammu Kashmir: कोविड ग्राफ की तरह बढ़ रहे दालों के दाम, एक महीने में 20 फीसद बढ़े
अप्रैल के पहले सप्ताह में कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप बढ़ना शुरू हुआ था और इसके साथ ही खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ना भी शुरू हो गए। पिछले एक महीने में जिस रफ्तार से कोरोना के मामले बढ़े हैं
By Vikas AbrolEdited By: Updated: Wed, 05 May 2021 07:20 PM (IST)
जम्मू, जागरण संवाददाता । अप्रैल के पहले सप्ताह में कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप बढ़ना शुरू हुआ था और इसके साथ ही खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ना भी शुरू हो गए। पिछले एक महीने में जिस रफ्तार से कोरोना के मामले बढ़े हैं, उसी रफ्तार से जम्मू में दालों के दाम भी बढ़ रहे है जिससे गृहिणयों की रसोई का बजट लड़खड़ा गया है।
एक तरफ लॉकडाउन व विभिन्न प्रतिबंधों के चलते आय सीमित हो गई है अौर दूसरी तरफ दालों के दाम में लगातार वृद्धि से हर कोई आहत नजर आ रहा है। खाद्य तेल के बाद जम्मू में पिछले एक महीने में सबसे ज्यादा दालों के दामों में तेजी दर्ज हुई है और बाजार की माने तो यह तेजी अाने वाले दिनों में भी जारी रहने की संभावना है।जम्मू की थोक मंडियों में ही मुख्य दालों के दाम में पिछले एक महीने में बीस फीसद तक की वृद्धि हुई है जबकि खुदरा बाजार के दाम में पिछले एक महीने में 25 से 30 फीसद तक की तेजी अाई है। पिछले चंद दिनों में थोक मंडियों के बंद होने के कारण खुदरा बाजार में कहीं-कहीं मुनाफाखोरी भी हुई लेकिन अब थोक मंडियां खुलने के बाद दाम स्थिर होने की उम्मीद है लेकिन जब तक थोक मंडियों में दालों के दाम नियंत्रित नहीं होंगे, आम लोगों को महंगाई की यह मार झेलनी पड़ेगी।
थोक अनाज मंडी के भाव: भद्रवाही राजमाश :
पांच अप्रैल के दाम : 170 पांच मई के दाम : 200तुर्की व चीनी राजमाश :पांच अप्रैल के दाम : 120 पांच मई के दाम : 150काले चने :पांच अप्रैल के दाम : 54 पांच मई के दाम : 64सफेद चने :पांच अप्रैल के दाम : 65 पांच मई के दाम : 90
अरहर दाल :पांच अप्रैल के दाम : 90 पांच मई के दाम : 105चने की दाल :पांच अप्रैल के दाम : 60 पांच मई के दाम : 70हमने पिछले साल भी यह देखा था कि जब लॉकडाउन हुआ तो देश की बड़ी मंडियों में खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ गए। किराया बढ़ गया। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। दिल्ली व महाराष्ट्र समेत कई बड़े शहरों में मंडियों का कामकाज प्रभावित है। किसानों के आंदोलन का भी कुछ असर जरूर पड़ा है। इन सबके बीच दालों के दाम में तेजी आई है और एक महीने में ही दाम बीस फीसद तक बढ़ गए। मुझे लगता है कि अब नई फसल आने व हालात सामान्य होने पर ही दाम नीचे आएंगे।
जहां तक हमारी मंडी का सवाल है तो यहां सारी दालें आयात ही होती है। हम पूरी तरह से आयात पर निर्भर है। जिस दाम में हमें माल आएगा, उसमें किराया व अपना कुछ मुनाफा जोड़ कर हम बिक्री करते हैं। हमारी हमेशा प्राथमिकता रही है कि प्राकृतिक आपदा जैसे समय में हम न्यूनतम मुनाफा कमाकर अपने लोगों को खाद्य वस्तुओं की सप्लाई करें अौर अभी भी ऐसा ही कर रहे हैं।-दीपक गुप्ता, प्रधान ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस-नेहरू मार्केट जम्मू
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