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गुलाम नबी आजाद ने की संपत्ति कर पर रोक लगाने की मांग, कहा- "जम्मू-कश्मीर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं"

Property Tax संपत्ति कर लागू करने के प्रशासन के इस निर्णय पर अब घाटी में राजनीति भी तेज हो गई है। आज गुरुवार को गुलाम नबी आजाद ने प्रशासन से इस टैक्स को स्थगित करने की अपील की है। आजाद का कहना है कि घाटी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Thu, 23 Feb 2023 03:17 PM (IST)
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गुलाम नबी आजाद ने की संपत्ति कर पर रोक लगाने की मांग
श्रीनगर, पीटीआई। जम्मू-कश्मीर में पहली बार संपत्ति कर लागू कर दिया गया है। संपत्ति कर लागू करने के प्रशासन के इस निर्णय पर अब घाटी में राजनीति भी तेज हो गई है। आज गुरुवार को 'डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी' के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने प्रशासन से इस टैक्स को स्थगित करने की अपील की है।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार को केंद्र शासित प्रदेश में आर्थिक स्थिति में सुधार होने तक संपत्ति कर लगाने को कुछ साल के लिए स्थगित कर देना चाहिए। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के लोगों की आर्थिक स्थिति अभी सही नहीं है, जिसको देखते हुए सरकार को ये टैक्स कुछ सालों के लिए स्थगित कर देना चाहिए।

आतंकवाद के कारण आर्थिक स्थिति खराब

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पत्रकारों से बात करते हुए आजाद ने कहा कि पिछले 35 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के कारण आर्थिक स्थिति "खराब" हो गई है। यहां के लोग अपने जीवन-यापन के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं। ऐसे में ये टैक्स उनके कंधों और भार लाद देगा।

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गुलाम नबी आजाद नेकहा, "हमारी बेरोजगारी, महंगाई कई गुना बढ़ गई है। हमारे पर्यटन, हस्तकला, ​​बागवानी को बहुत नुकसान हुआ है और व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, दुकानदारों सहित जम्मू-कश्मीर के लोगों को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि लखनपुर से तंगधार तक कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसे नुकसान न हुआ हो। ऐसे में जब प्रशासन लोगों से जमीन ले रही है, बिजली शुल्क बढ़ा रहे हैं तो हम संपत्ति कर देने की स्थिति में नहीं हैं।

पिछले चार साल में टूटी कश्मीर की कमर

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले चार वर्षों में जम्मू-कश्मीर की कमर टूट गई है। पिछले चार साल में जम्मू-कश्मीर में कई बदलाव हुए। अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था और 2019 में जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया था। इसके साथ ही कोरोना के प्रकोप के कारण भी लोग आर्थिक रुप से कमजोर हो गए हैं।

इसके साथ ही लगातार प्रशासन द्वारा जम्मू-कश्मीर में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाकर आम जनता को बेघर करने का काम किया गया है।

कश्मीर की जनता को दें समय

गुरुवार को गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रशासन जम्मू-कश्मीर की जनता को थोड़ा समय दे। उन्होंने कहा कि सरकार को जनता के साथ सहानुभूति रखनी चाहिए और कार्यालयों में बैठकर नहीं बल्कि लोगों से विचार-विमर्श कर नीतियां बनानी चाहिए।

सरकार बनी तो लागू करेंगे रोशनी योजना

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर हमारी सरकार बनेगी तो जम्मू-कश्मीर की जमीन को वापस पाने के लिए एक बार फिर से रोशनी योजना को लागू करेंगे। रोशनी अधिनियम, जिसे आधिकारिक तौर पर जम्मू और कश्मीर राज्य भूमि (कब्जे वालों के स्वामित्व का अधिकार) अधिनियम, 2001 के रूप में जाना जाता है, तत्कालीन मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के शासन के दौरान अधिनियमित किया गया था।

कांग्रेस के साथ गठबंधन पर आजाद की टिप्पणी

कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने पिछले दिनों एक टिप्पणी की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस 2024 में गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेगी। इस पर गुलाम नबी आजाद की प्रतिक्रिया पूछने पर उन्होंने कहा कि "देखते हैं कि 2024 कब आता है"।

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