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Jammu Kashmir Weather: कश्‍मीर में जमकर बरसे मेघा, गर्मी से झुलस रहे लोगों को मिली राहत; तापमान में भी गिरावट दर्ज

Jammu Kashmir Weather कश्‍मीर घाटी में बारिश होने से झुलसने वाली गर्मी से राहत मिली है। पिछले दिनों लोगों को गर्मी की मार झेलनी पड़ रही थी। बारिश होने से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। बारिश की वजह से स्‍कूलों की भी छुट्टी घोषित करनी पड़ी। मौसम विभाग के मुताबिक 2 अगस्‍त तक बारिश के आसार ही बने हुए हैं।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Tue, 30 Jul 2024 07:57 AM (IST)
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गर्मी से झुलस रहे कश्मीर में बारिश से मिली राहत

जागरण संवाददाता, श्रीनगर/जम्मू। Jammu Kashmir Weather: शुष्क मौसम से जूझ रहे कश्मीर में सोमवार को बारिश की बूंदों से उबल रही जमीन ठंडी पड़ी। बारिश ने लंबे समय से प्रचंड गर्मी से झुलसे लोगों को भी राहत पहुंचाई। जबकि जम्मू में तड़के हल्की फुहार जरूर पड़ी। उसके बाद आसमान में बादल छाए रहे, लेकिन उमस ने परेशान कर रखा।

तेज बारिश और भूस्‍खलन की संभावना

मौसम विभाग ने अगले चार दिन तक प्रदेश के उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में तेज बारिश व भूस्खलन की संभावना जताई। श्रीनगर समेत कश्मीर के निचले इलाकों में बारिश दोपहर तक रुक रुक कर जारी रही। गुलमर्ग समेत उच्च पर्वतीय इलाकों में दिनभर बारिश होती रही। मौसम विभाग के निदेशक डा. मुख्तार ने कहा कि तापमान 30-32 डिग्री के आसपास ही रहेगा।

कहां क्‍या रहा तापमान

श्रीनगर में अधिकतम तापमान 27.7 व न्यूनतम 24.8 डिग्री, पहलगाम में अधिकतम 24.3 व न्यूनतम 18.9 गुलमर्ग में अधिकतम 20.8 व न्यूनतम 17.2 डिग्री रिकॉर्ड किया। जम्मू में तड़के हल्की बारिश के बाद अधिकतर समय आंशिक बादल रहे। जम्मू का अधिकतम तापमान 33.0 डिग्री व न्यूनतम 28.1 डिग्री रहा।

जुलाई में गर्मी ने तोड़े रिकॉर्ड

श्रीनगर समेत अधिकांश इलाकों में तापमान 30 डिग्री के पार बना रहा। अधिकतम तापमान 36.2 डिग्री तक चला गया जोकि 1946 के बाद जुलाई में श्रीनगर का तीसरा अधिक तापमान है। नौ जुलाई 1946 में श्रीनगर का तापमान 38.3 डिग्री रिकॉर्ड किया था। नौ जुलाई 1999 में श्रीनगर में अधिकतम तापमान 37 डिग्री था। 29 जुलाई को न्यूनतम तापमान सामान्य से 6.0 डिग्री ऊपर 24.8 डिग्री के साथ मौजूदा गर्मियों की सबसे गर्म रात गुजारा।

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मौसम विशेषज्ञों के अनुसार श्रीनगर में 132 वर्ष बाद यह दूसरी बार है कि श्रीनगर में न्यूनतम तापमान सामान्य से इतना ऊपर चला गया हो। इससे पूर्व वर्ष 1988 में 21 जुलाई को श्रीनगर में न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री रिकॉर्ड किया था। झेलम समेत घाटी के तमाम जलस्रोतों में पानी का स्तर कम हो गया था। धान व मकई की फसलों समेत सब्जी व फसलें प्रभावित हो गई थी।

स्‍कूलों में करनी पड़ी थी छुट्टी रद्द

प्रशासन को पहले हायर सेकेंडरी तक के स्कूलों में समय पर परिर्वतन करने के अलावा प्राइमरी तक के स्कूलों में दो दिन 29-30 जुलाई तक की छुट्टी घोषित करनी पड़ी। समूची घाटी में मौसमी हालात में परिवर्तन तथा बारिश के लिए मस्जिदों, खानकाहों व खुले मैदानों में धार्मिक सभाओं का आयोजन तक हुए।

मौसम विभाग ने कहा कि 30 जुलाई से 2 अगस्त तक जम्मू और कश्मीर संभाग में हल्की से तेज बारिश के साथ पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन हो सकता है। पहाड़ी क्षेत्रों में तेज बारिश होने से नदी, नालों में बाढ़ भी आ सकती है।

भूस्खलन से पुंछ-जम्मू हाईवे पर ठप रहा यातायात

पुंछ: सुरनकोट के लसाना क्षेत्र में पुंछ-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन के कारण दो घंटे तक यातायात बाधित रहा। दोनों तरफ छोटे-बड़े वाहनों की लंबी कतारें लग गई।

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दो दिनों से हो रही रुक-रुक कर बारिश के चलते दोपहर 12 बजे पुंछ-जम्मू राजमार्ग पर लसाना क्षेत्र में भारी भूस्खलन हो गया। सड़क पर भारी चट्टान और मिट्टी से मार्ग बंद हो गया। जम्मू राजौरी से पुंछ, मंडी आने वाले यात्री बस और निजी व सेना के वाहन भी भूस्खलन के कारण रास्ते में फंस गए।

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