Lok Sabha Elections: गुलाम नबी आजाद और DPAP पार्टी का क्या है राजनीतिक भविष्य? इस सीट का चुनाव परिणाम कर देगा तय
कांग्रेस के साथ लंबी राजनीतिक पारी खेलने वाले जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद अब उस पार्टी से अलग हैं। फिलहाल वह लोकसभा चुनाव में बनाई गई अपनी नई पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के मुखिया हैं और इस बार राजौरी-अनंतनाग संसदीय सीट उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में हैं। इस सीट का जो चुनाव परिणाम आएगा वो विधानसभा चुनाव का कुछ हद तक भविष्य बताएगा।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में अपनी बनाई हुई नई पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के साथ खुद भी गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) आधार तलाश रहे हैं। वह पहली बार उस संसदीय सीट से भाग्य आजमाने जा रहे जिसका हिस्सा कश्मीर व जम्मू संभाग दोनों में है। मूल रूप से जम्मू संभाग के भद्रवाह के रहने वाले आजाद जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir में लोकसभा चुनाव में दूसरी बार मैदान में उतरेंगे।
2014 में जितेंद्र सिंह से हारे
वह साल 2014 में डा. जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) से करीब पचास हजार वोटों से हार गए थे। कांग्रेस को अलविदा कह कर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बना चुके आजाद के लिए यह चुनाव परीक्षा होगा क्योंकि आगे विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। उन्होंने ऊधमपुर-डोडा संसदीय सीट (Udhampur Doda Seat) से जीएम सरूरी को बतौर उम्मीदवार मैदान में उतारा है।
डेढ़ साल में कई रैलियां, जनसभाएं कर चुके आजाद
आजाद के चुनाव लड़ने की घोषणा गत दिवस उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता ताज मोहुउद्दीन ने की है। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बनाने के बाद वह पूरे जम्मू कश्मीर में पिछले करीब डेढ़ साल में कई रैलियां, जनसभाएं कर चुके हैं। यह लोकसभा चुनाव आजाद के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा क्योंकि इसमें उन्हें अपनी पार्टी के आधार व लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता का पता चल जाएगा।वह कहते आ रहे हैं कि जम्मू कश्मीर के लोगों की सेवा के लिए वह यहां पर आएं है। उनका एजेंडा विकास को प्राथमिकता देने का है। साथ ही जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए भूमि व नौकरियों के अधिकार सुरक्षित करने को विधानसभा में कानून बनाने, रोशनी एक्ट को बहाल करने की बात कर रहे हैं।यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: इस लोकसभा सीट पर पानी की किल्लत, सप्ताह में सिर्फ दो दिन होती है सप्लाई; चुनाव में होगा मु्द्दा!
नेशनल कॉफ्रेंस ने मियां अल्ताफ को उतारा
हालांकि उनका ध्यान सारा विधानसभा चुनाव (Jammu Kashmir Assembly Election 2024) पर ही केंद्रित रहा है लेकिन लोकसभा चुनाव में उनके प्रवेश ने अन्य राजनीतिक पार्टियों को भी हैरत में डाल दिया है। राजौरी अनंतनाग संसदीय सीट से नेशनल कॉफ्रेंस (National Conference) ने उम्मीदवार मियां अल्ताफ को मैदान में उतारा है। पीडीपी भी उम्मीदवार को मैदान में उतारने की घोषणा कर चुकी है। भाजपा ने अभी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है। इस सीट पर चौतरफा मुकाबला होना तय है।
अगर आजाद के राजनीतिक करियर पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि वह साल 2014 से लेकर 2021 के बीच राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे। साल 2005 से लेकर 2008 तक जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे। आजाद ने 26 अगस्त 2022 को कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। उन्होंने 26 सितंबर 2022 को डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी का गठन किया।
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