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Rajouri Encounter: 2007 के बाद एक बार फिर आतंकियों ने ली केसरी हिल में पनाह, अफगानिस्तान से जुड़ रहे तार

Rajouri Encounter राजौरी के कोटरंका का केसरी हिल इलाका कंटीली झाड़ियों और बड़े-बड़े पत्थरों से घिरा हुआ है जो आतंकियों की ढाल बन रहे हैं। 2007 के बाद अब एक बार फिर से आतंकियों ने इन्हीं घने जंगलों में पनाह ली है।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sat, 06 May 2023 09:28 AM (IST)
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2007 के बाद एक बार फिर आतंकियों ने ली केसरी हिल में पनाह
राजौरी, जागरण संवाददाता। राजौरी जिले में कोटरंका के केसरी हिल में शुक्रवार को सुबह सेना के पैरा कमांडो पर हुए आतंकी हमले में तीन से चार आतंकी अफगानिस्तान के बताए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार हमलावर आतंकियों में से कुछ पश्तो भाषा में बात कर रहे थे। इन आतंकियों के पास दूरबीन लगी स्नाइपर राइफलें भी हैं। यह हमला चार से पांच आतंकियों के समूह ने किया है।

सूत्रों के अनुसार हमले में जो पांच पैरा कमांडो बलिदान हुए हैं, उनमें से तीन के सिर पर गोली लगी है। इससे यह बात साफ होती है कि आतंकियों ने काफी करीब से गोली मारी है। इन आतंकियों ने बड़े ही सुनियोजित तरीके से हमले को अंजाम दिया और भाग निकले। इन आतंकियों को ढेर करने के लिए सुरक्षाबल बड़े पैमाने पर अभियान चला रहे हैं, लेकिन आतंकी अभी भी पकड़ से दूर हैं। बता दें कि इसी तरह से आतंकियों ने पुंछ जिले के भाटाधुलियां में भी हमला किया और फरार हो गए थे।

सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से घटना को अंजाम दिया गया है, उससे संकेत मिलते हैं कि अफगानी आतंकी इस तरह की वारदात को अंजाम देने में प्रशिक्षित हैं।

आतंकियों का पनाहगाह रहा है राजौरी का कंडी

एक समय ऐसा भी था जब राजौरी में कंडी गली से आगे जाने में आम लोग कतराते थे। इस क्षेत्र में आतंकी खुलेआम घूमते थे। कंडी गली से आगे केसरी हिल जंगल का इलाका हमेशा से ही आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह रहा है। उसके ऊपर का इलाका कश्मीर से जुड़ने के साथ ही जम्मू संभाग के गूल, गुलाबगढ़ व रामबन जिले के साथ मिलता है। आतंकी एक क्षेत्र से दूसरे में आने-जाने के लिए इसका इस्तेमाल करते रहे हैं। 1999 से 2007 तक यह क्षेत्र आतंकियों का गढ़ रहा है।

2007 के बाद पहली बार केसरी हिल के जंगल में मुठभेड़

2007 में इस जंगल में मुठभेड़ हुई, जिसमें सुरक्षाबलों ने लश्कर के कमांडर मुहम्मद यासिन को ढेर कर दिया था। इसके बाद क्षेत्र में शांति का माहौल बन गया और कोई भी आतंकी वारदात नहीं हुई। इसके चलते इस क्षेत्र में तैनात सेना को हटा दिया गया। लेकिन एकाएक इस क्षेत्र में फिर से आतंकी गतिविधियां बढ़ गईं और सुरक्षा एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी।

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