रियासी हमला देश में हिंसा भड़काने का षड्यंत्र, सुरक्षा एजेंसियों का बड़ा दावा- पाक की खुफिया एजेंसी ने चली शर्मनाक चाल
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सोमवार को कटड़ा और जम्मू स्थित अस्पतालों भर्ती घायलों का हाल जाना। उन्होंने हमले में मारे गए प्रत्येक मृतक के परिवार को 10-10 लाख रुपये और प्रत्येक घायल को 50 हजार की अनुग्रह राशि देने का एलान किया। उपराज्यपाल ने कहा कि हमलावरों को कठोर दंड दिया जाएगा। उनसे खून की एक-एक बूंद का हिसाब लिया जाएगा।
नवीन नवाज, जम्मू। रियासी में शिवखोड़ी धाम में दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं पर आतंकी हमला जम्मू कश्मीर में शांत क्षेत्रों में अशांति फैलाने के आतंकी षड्यंत्र तक सीमित नहीं है।
यह देश के विभिन्न भागों में विशेषकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व बिहार समेत देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइए की कुत्सित चाल है।
नौ लोगों की मौत, 41 घायल
यह दावा हमले की जांच में शामिल सुरक्षा एजेंसियों ने अपने प्रांरभिक आकलन पर किया है। इस हमले ने जम्मू कश्मीर में सामान्य स्थिति और सुरक्षित एवं विश्वासपूर्ण बहाली के सरकारी दावों पर प्रश्नचिह्न लगाया है।बता दें कि रविवार शाम छह बजे चंडी मोड़ क्षेत्र में हुए आतंकी हमले में नौ लोगों की मौत हो गई और 41 अन्य जख्मी हो गए थे।यह भी पढ़ें- Reasi Terror Attack: ड्राइवर के बच्चों के सिर से उठ गया पिता का साया, कंडक्टर अरुण भी था घर का इकलौता चिराग
जिला रियासी के माहौर, गुलाबगढ़ जैसे इलाके कभी आतंकी हिंसा का गढ़ रहे हैं। इस जिले की जिला जम्मू, राजौरी-पुंछ, रामबन, ऊधमपुर के साथ लगती हैं। यह पीर पंजाल से सटा है। रियासी के प्राणकोट इलाके में 17 अप्रैल 1998 में आतंकियों ने 28 हिंदुओं की हत्या की थी।वर्ष 1993 में आतंकियां ने माहौर पुलिस थाने पर हमला किया था। पूरे क्षेत्र में वर्ष 2005 तक 250 आतंकी वारदातें हुई हैं। 70 आतंकी मारे गए हैं। इनमें अधिकांश विदेशी ही थे।
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