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Republic Day 2024: साल 2026 तक कर्तव्य पथ पर नहीं दिखेगी जम्मू-कश्मीर की झांकी, सरकार ने बताई ये वजह

गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह में इस बार जम्मू-कश्मीर की झांकी देखने को नहीं मिलेगी। सरकार ने सभी राज्यों की झांकी के लिए पैनल तैयार किया है। इसके अनुसार अब साल 2026 तक कर्तव्य पथ पर जम्मू-कश्मीर की झांकी नहीं दिखाई देगी। ऐसा पहली बार हुआ है कि जम्मू-कश्मीर को इतने सालों तक अपनी झांकी दिखाने का मौका नहीं मिलेगा।

By ashok sharma Edited By: Deepak SaxenaUpdated: Wed, 10 Jan 2024 09:16 PM (IST)
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साल 2026 तक कर्तव्य पथ पर नहीं दिखेगी जम्मू-कश्मीर की झांकी (फाइल फोटो)।
अशोक शर्मा, जम्मू। हर साल कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में भारत अपनी सैन्य ताकत, समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक-आर्थिक उन्नति की झांकी पेश करता है। इस समारोह में हर राज्य अपने क्षेत्र का शानदार प्रदर्शन कर दुनिया को दर्शाता है कि उनके राज्य में किस तरह का विकास हो रहा है। इस झांकी का हर किसी को इंतजार रहता है। खासकर जम्मू-कश्मीर की झांकी को लेकर सभी की उत्सुकता रहती है। लोग जम्मू-कश्मीर के प्राकृतिक सौंदर्य और संस्कृति को देखना चाहते हैं लेकिन इस साल जम्मू-कश्मीर को गणतंत्र दिवस समारोह में झांकी पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।

सरकार ने झांकी के लिए तैयार किया पैनल

साल 2026 तक अब जम्मू-कश्मीर की झांकी गणतंत्र दिवस समारोह में नहीं दिखेगी। सरकार ने नीति बनाते हुए सभी राज्यों को अपने क्षेत्र की झांकी दर्शाने का मौका मिल सके इस उद्देश्य से एक पैनल बना लिया है जिसमें तय किया गया है कि किस राज्य को किस साल अपनी झांकी दिखाने का मौका मिलेगा। इस हिसाब से जम्मू-कश्मीर को अब साल 2026 के बाद ही अपनी झांकी दिखाने का मौका मिलेगा। ऐसा पहली बार हुआ है कि जम्मू-कश्मीर को इतने सालों तक अपनी झांकी दिखाने का मौका नहीं मिलेगा। इससे पहले साल 2021 में भी जम्मू-कश्मीर को झांकी दिखाने का मौका नहीं मिला था। उसके स्थान पर लद्दाख की झांकी दिखाई गई थी।

साल 2026 के बाद ही दिखेगी जम्मू-कश्मीर की झांकी

गणतंत्र दिवस समारोह कला संस्कृति की एक ऐसी अनूठी छठा बिखेरता है कि हर कोई अपने आपको इससे जुड़ा हुआ महसूस करता है। जब से जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बना है, लद्दाख को भी मौके देने की कोशिश रही, जिसके चलते केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से आशंका बनी थी कि इस साल जम्मू-कश्मीर को मौका मिलेगा कि नहीं। अब जबकि निर्णय लिया गया है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बराबर मौके मिलेंगे तो अब जम्मू-कश्मीर की झांकी 2026 के बाद ही दिखेगी। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां दिखाई जाएगी। हर साल 12 से 15 के बीच झांकियां ही दिखाई जाती हैं। उस हिसाब से अब जम्मू-कश्मीर को 2026 के बाद ही मौका मिलेगा।

जम्मू-कश्मीर की झांकी का रहता सभी को इंतजार

गणतंत्र दिवस समारोह को देखते हुए अक्सर लोगों को इस बात का बेसब्री से इंतजार रहता है कि कब उनके प्रदेश की झांकी आए। लेकिन इस साल जम्मू-कश्मीर के लोगों को यह इंतजार नहीं करना पड़ेगा। कलाकार मोहम्मद यासीन ने कहा कि किसी भी राज्य के लिए कृतव्य पथ पर उसकी झांकी का दिखना गर्व की बात होती है। इस बार जब जम्मू-कश्मीर की झांकी नहीं दिखेगी तो मेरे घर के बड़ों को बड़ा दुख होगा। उन्हें पूरे गणतंत्र दिवस समारोह में जम्मू-कश्मीर की झांकी के आने का बड़ा उत्सुकता से इंतजार रहता है।

हर साल जम्मू-कश्मीर की झांकी को कई बार सम्मान मिले

जम्मू-कश्मीर के लोगों को ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लोगों को जम्मू-कश्मीर की झांकी का उत्सुकता से इंतजार रहता था। जम्मू-कश्मीर की झांकी को पांच बार सर्वश्रेष्ठ झांकी का सम्मान भी मिल चुका है। कई बार दूसरा और तीसरा स्थान भी प्राप्त हो चुका है। साल 1995 से 2005 तक जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी सचिव रहे पद्मश्री बलवंत ठाकुर ने बताया कि उनके कार्यकाल में हर वर्ष जम्मू-कश्मीर की झांकी को कई बार सम्मान मिले। साल 1997, 1998, 1999, 2000 और 2002 में पहला स्थान मिला।

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साल 2019 में जम्मू-कश्मीर की झांकी को मिला था दूसरा स्थान

जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के पूर्व सचिव डा. रफीक मसूदी ने बताया कि उनके कार्यकाल में भी अकादमी को कई बार सम्मान मिल चुका है। जम्मू-कश्मीर की झांकी पर तो हर वर्ष विशेष ध्यान दिया जाता रहा है। इस वर्ष जम्मू-कश्मीर की झांकी को स्थान न मिलना निराशाजनक है। पूर्व अतिरिक्त सचिव डॉ. अरविंद्र सिंह अमन ने बताया कि 2015 से 2019 तक हर वर्ष जम्मू-कश्मीर की झांकी का शानदार प्रदर्शन रहा। वर्ष 2019 में झांकी को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था।

पहली बैठक में बता दिया कि जम्मू-कश्मीर को मौका नहीं मिलेगा : सचिव

जम्मू कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के सचिव भरत सिंह ने कहा कि हर राज्य अपने क्षेत्र का शानदार प्रदर्शन कर दुनिया को दर्शाता है कि उनके राज्य में किस तरह का विकास हो रहा है। कैसे उनकी कला संस्कृति आकर्षण का केंद्र है लेकिन इस वर्ष दिसंबर महीने में हुई बैठक में ही बता दिया गया था कि इस वर्ष जम्मू-कश्मीर की झांकी को मौका नहीं मिलेगा। अगर मौका मिलता तो हमारी पूरी तैयारी थी, जिस तरीके से नया पैनल बना है। उस हिसाब से अब जम्मू-कश्मीर की झांकी को कर्तव्य पथ पर दुनिया वर्ष 2026 के बाद ही देख पाएगी।

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