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'जन निगरानी' से ग्रामीण विकास पर नजर; ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग का एप क्रियाशील हुआ

एप पर समस्याओं का समाधान भी मिलेगा। यह मोबाइल एप लोगों और संबंधित अधिकारियों को एक ही मंच पर आपस में जोड़ेगा। इसके जरिए किसी योजना विशेष के संदर्भ में दर्ज कराई की शिकायत स्वत ही संबंधित प्राधिकरण को अग्रेषित हो जाएगी।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Wed, 13 Apr 2022 09:05 AM (IST)
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यह एप फर्जी शिकायतों पर अंकुश लगाएगा।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के हर काम जानकारी अब 'जन निगरानी' एप मिलेगी। विभाग ने सोमवार को यह एप पूरी तरह से क्रियाशील बना दिया है। विभाग के किसी निर्माण कार्य को लेकर संतुष्ट नहीं हैं या फिर किसी योजना विशेष की जानकारी चाहिए तो यह एप आपकी हर समस्या का समाधान करेगा। आपकी समस्या के समाधान की प्रक्रिया तत्काल शुरू हो जाएगी। इसके लिए किसी कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है।

जन निगरानी एप पर जम्मू कश्मीर के नागरिक ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं और सेवाओं के संदर्भ में अपनी शिकायतों को दर्ज करा सकेंगे। एप पर समस्याओं का समाधान भी मिलेगा। यह मोबाइल एप लोगों और संबंधित अधिकारियों को एक ही मंच पर आपस में जोड़ेगा। इसके जरिए किसी योजना विशेष के संदर्भ में दर्ज कराई की शिकायत स्वत: ही संबंधित प्राधिकरण को अग्रेषित हो जाएगी। यह एप ब्लाक स्तर पर काम करता है और किसी भी शिकायत को सात दिन के भीतर हल करने के लिए प्रोग्राम किया गया है। यह एप फर्जी शिकायतों पर अंकुश लगाएगा। इसे गूगल प्ले स्टोर से भी डाउनलोड किया जा सकता है।  

जिला सुशासन सूचकांक डेशबोर्ड की समीक्षा की : डिजिटल डेशबोर्ड का उद्घाटन 28 अप्रैल को होगा। इसकी जानकारी बैठक में दी गईजम्मू कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन एंड रूरल डेवलपमेंट के महानिदेशक सौरव भगत ने जिला सुशासन सूचकांक डेशबोर्ड की समीक्षा के लिए ऑनलाइन बैठक आयोजित की। इसमें इक्नामिक्स एंड स्टैटिसटिक्स विभाग की महानिदेशक सतवीर कौर सूदन व अन्य अधिकारी शामिल हुए। महानिदेशक को बताया गया कि उच्च स्तरीय कमेटी ने मासिक आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शन के डाटा को इकट्ठा करने का फैसला किया है। जिला सुशासन सूचकांक डेशबोर्ड को विकसित किया गया है और राष्ट्रीय इनफॉर्मेटिक्स सेंटर के सहयोग से शुरू किया जाएगा। फरवरी व मार्च महीने का डाटा पंच करने के लिए अधिकारियों को अधिकारियों को आईडी और पासवर्ड दिए गए हैं। पायलट आधार पर चार जिलों अनंतनाग, जम्मू, बड़गाम व रियासी के डाटा को 11 व 12 अप्रैल को बनाया गया है।