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Road Safety With Jagran: सावधानी में ही सुरक्षा, ट्रैफिक नियमों के पालन से ही बचेगी जिंदगी

‘जिंदगी बेशकीमती है। इसे सड़कों पर मानवीय गलतियों के चलते नहीं गवायां जा सकता। इसलिए ट्रैफिक नियमों में सख्ती करने के साथ जागरुकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं। बच्चे देश का भविष्य हैं। वे ट्रैफिक नियमों के प्रति खुद तो जागरुक हों ही दूसरों को भी सचेत करें।

By anchal singhEdited By: Vikas AbrolUpdated: Tue, 29 Nov 2022 06:44 PM (IST)
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मंगलवार को दैनिक जागरण की ओर से शास्त्री नगर स्कूल में सड़क सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, जम्मू : ‘धीरे चलेंगे तो बार-बार मिलेंगे, तेज चलेंगे तो हरिद्वार मिलेंगे’ के साथ सड़क हादसों से बचने की प्रेरणा देती गवर्नमेंट गर्ल्ज हायर सेकेंडरी स्कूल शास्त्री नगर की छात्राएं सड़कों पर रेंगती मौत से बचने के सुझाव देते हुए दैनिक जागरण सड़क सुरक्षा अभियान का हिस्सा बनीं।

मंगलवार को दैनिक जागरण की ओर से शास्त्री नगर स्कूल में सड़क सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें ट्रैफिक विभाग के डीटीआई चरणजीत सिंह मुख्य वक्ता के रूप में पहुंचे और उन्होंने छात्राओं व शिक्षकों को ट्रैफिक नियमों का पाठ पढ़ाया।बच्चों से रूबरू होते हुए उन्होंने जहां बच्चों को ट्रैफिक नियमों का ज्ञान दिया तो वहीं ट्रैफिक नियमों संबंधी बच्चों की जिज्ञासा को भी उदाहरणों सहित शांत किया। उन्होंने कहा कि बढ़ती ट्रैफिक के साथ आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल अब जम्मू-कश्मीर में भी शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि अब जम्मू शहर में हर ट्रैफिक सिग्नल पर सीसीटीवी कैमरें लगा दिए गए हैं। आटोमैटिक तरीके से कैमरे नियमों का उल्लंघन करने वालों को चिन्हित करेंंगे और दोषियों को ई-चालान भेजे जाएंगे। उन्होंने बच्चों को सीट बेल्ट न बांधने, जेब्रा क्रासिंग पर रुकने, वाहन की निर्धारित क्षमता से अधिक लोगों को बैठाने पर होने वाले जुर्माने और कानून की विस्तृत जानकारी दी। विभिन्न उदाहरण देते हुए चरणजीत ने छात्राओं को समझाया कि किस तरह वे सड़क हादसों की रोकथाम में अपना योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर किसी को अपने कर्तव्य का निर्वाह करना होगा। ट्रैफिक नियम जिंदगी का अहम हिस्सा हैं। इनका अनुपालन अनिवार्य है।

इससे पूर्व स्कूल की प्रिंसिपल गीतू बनगोत्रा ने शिक्षकों के साथ डीटीआई चरणजीत सिंह व दैनिक जागरण टीम का अभिवादन किया।बच्चों का उत्साह भी देखते ही बना। सभी ने दैनिक जागरण के इस अभियान की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की मांग की।

सावधानी में ही सुरक्षा

‘सड़क दुर्घटनाएं आपदा का रूप ले चुकी हैं। इन दुर्घटनाओं से हर साल देश की जीडीपी का तीन से पांच प्रतिशत तक हमें नुकसान पहुंचता है। ये टाली जा सकने वाली मौतें हैं। थोड़ी सी एहतियात और जागरूकता हमारे इन बेशकीमती मानव संसाधनों को सुरक्षित रख सकती हैं।ऐसे में दैनिक जागरण का यह अभियान जिंदगी बचाने जैसा है और सराहनीय है। ’

-कर्मांक्षी, छात्रा

‘टूटी सड़कें और यातायात नियमों की अनदेखी जिंदगी पर भारी पड़ रही है। दैनिक जागरण की सड़क सुरक्षा संबंधी मुहिम सही मायनों में जिंदगी को बचाने का बेहतरीन रास्ता है। वाहन चलाने वाला हर शख्स जिंदगी की अहमियत को समझे। सावधानी में ही सुरक्षा है। ऐसे जागरुकता कार्यक्रमों को स्कूलों, मुहल्ला स्तरों पर करने की जरूरत है। ट्रैफिक नियमों को लेकर सख्ती समय की जरूरत है।’ -अनन्या शर्मा, छात्रा

‘दुनिया के कुल वाहनों में भारत की हिस्सेदारी महज एक फीसद है, लेकिन वैश्विक सड़क दुर्घटनाओं में इस हिस्सेदारी का फीसद छह से अधिक है। यह दुख की बात है कि भारत में करीब 70 प्रतिशत सड़क हादसों में हम युवाओं को खोते हैं। ऐसे में सड़क सुरक्षा को लेकर अभियान चलाने की जरूरत है। दैनिक जागरण ने इस जरूरत को समझा। हर किसी को स्थिति की गंभीरता कोसमझना होगा।’

-सुरुचिका, छात्रा

‘कोहरे जैसे खराब मौसम के चलते होने वाली दुर्घटनाओं में हर साल हजारों लोग मारे जाते हैं। इन घटनाओं को रोकने के लिए अभी से प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। जागरुकता में ही बचाव है। लिहाजा दैनिक जागरण की तरह ही संस्थाओं, मुहल्ला वेलफेयर कमेटियों को आगे आना चाहिए ताकि हर चालक जागरुक हों और सड़कों पर जिंदगीको सुरक्षित किया जा सके।’ -नेहा राणा, छात्रा

नियमों का पालन जरूरी

‘ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन समय की जरूरत है। कोई घर ऐसा नहीं रहा, जहां छोटा-बड़ा ड्राइविंग न करता हो। ऐसे में नियमों की जानकारी होना बहुत जरूरी है। सड़कों पर बेमौत मरते लोगों को सिर्फ जागरुकता से ही बचाया जा सकता है। इसके लिए वाहन चालक के साथ संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही भी तय करने की जरूरत है।’ -सैमा चौधरी, शिक्षक

‘देश में इतने लोग आतंकवाद में नहीं मरते, जितने सड़क हादसों में जान गवां चुके हैं। सड़क सुरक्षा अभियान समय की सबसे बड़ी जरूरत है। जिंदगी काे बचाना है तो ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करवाना ही होगा। अच्छी बात है कि सरकार ई-चालान व्यवस्था शुरू कर रही है। जगह-जगह सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं। हम सभी को सड़कों पर सावधानी बरतनी होगी।’

-कंचन शर्मा, शिक्षक

‘सड़कों पर काल का ग्रास बनती बेशकीमती जानों को बचाना ही होगा। इसके लिए जिला प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस, यातायात विभाग, लोक निर्माण विभाग समेत सभी अधिकारियों को तनमयता से काम करना होगा। चालकों को भी अपने कर्तव्य को समझना होगा। ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करवाने की जरूरत है। किसी को भी जिंदगी से खेलने की इजाजत नहीं दी जा सकती। ’ -मोनिका जम्वाल, शिक्षक

‘सड़कों पर मौत का तांडव मानवीय गलतियों का नतीजा है। सड़क हादसों में जाने वाले जानों काे बचाने का एक ही तरीका है कि ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन हो। ऐसे में दैनिक जागरण का सड़क सुरक्षा अभियान सराहनीय पहल है। स्कूल प्रबंधन इसके लिए जागरण को बधाई देता है। जागरुकता में ही सुरक्षा है। सावधान हटी तो दुर्घटना घटी।’

-गीतू बनगोत्रा, प्रिंसिपल, गवर्नमेंट गर्लज हायर सेकेंडरी स्कूल, शास्त्री नगर

समझनी होगी जिंदगी की कीमत

‘जिंदगी बेशकीमती है। इसे सड़कों पर मानवीय गलतियों के चलते नहीं गवायां जा सकता। इसलिए ट्रैफिक नियमों में सख्ती करने के साथ जागरुकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं। बच्चे देश का भविष्य हैं। वे ट्रैफिक नियमों के प्रति खुद तो जागरुक हों ही, दूसरों को भी सचेत करें। दैनिक जागरण की तरह ही हर किसी को आगे आना चाहिए ताकि किसी एक मासूम की भी जान सड़क दुर्घटनाओं में न जाए।’ -चरणजीत सिंह, डीटीआई, ट्रैफिक विभाग, जम्मू-कश्मीर

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