Pulwama Encounter: पुलवामा का गुनहगार और मसूद अजहर का रिश्तेदार लंबू ढेर
Pulwama Encounter मेजर जनरल रशिम ने बताया कि लंबू बीते कुछ महीनों से दाचीगाम के ऊपरी हिस्से में तारसर मारसर इलाके में छिपा हुआ था। वह जहां भी जाता लड़कियों को तंग करता था। कुछ दिन पूर्व उसने इसी इलाके में दो औरतों के साथ दुराचार का प्रयास किया था।
By Rahul SharmaEdited By: Updated: Sat, 31 Jul 2021 03:57 PM (IST)
श्रीनगर, जेएनएन: जैश-ए-मुहम्मद का कमांडर और पुलवामा हमले का साजिशकर्ता सैफुल्लाह उर्फ अदनान उर्फ लंबू का शनिवार सुबह जब मौत से सामना हुआ तो वह औरतों और बच्चों के छिप गया। इसके बावजूद वह तीन मिनट भी नहीं टिक पाया और अपने साथी समीर डार संग दाचीगाम (पुलवामा) में हुई मुठभेड़ में मारा गया। चार साल से घाटी में सक्रिय लंबू जैश सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार भी बताया जाता है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक का उसका असली नाम मुहम्मद इस्माइल अल्वी है। घाटी में उसके खिलाफ 14 एफआइआर दर्ज हैं। बता दें कि 15 लाख के इनामी लंबू ने पुलवामा हमले के दौरान कार में आइईडी फिट करने में अहम भूमिका निभाई थी।
पाकिस्तानी आतंकी लंबू और समीर की मौत को सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। समीर भी ए-श्रेणी का आतंकी था और उस पर सात लाख का इनाम था और वह पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले आतंकी आदिल डार का चचेरा भाई है। इन दोनों की मौत से दक्षिण कश्मीर में जैश का नेटवर्क लगभग समाप्त हो गया है। उनके पास से एक एम-4 कार्बाइन, एक एके-47, एक गैलोक पिस्तौल, एक चाइनीज पिस्तौल और अन्य साजो सामान मिला है।
कश्मीर के आइजीपी विजय कुमार ने जीओसी 15 कोर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय और विक्टर फोर्स के जीओसी मेजर जनरल रशिम बाली की मौजूदगी में बताया कि लंबू नए लड़कों को आइईडी तैयार करने की ट्रेनिंग देने के अलावा अवंतीपोरा, त्राल, पुलवामा और शोपियां में एक बार फिर जैश का नेटवर्क नए सिरे से तैयार करने का प्रयास कर रहा था। वह दाचीगाम नेशनल पार्क के ऊपरी हिस्से में छिपा था।
#UPDATE | Pulwama encounter: Mohd Ismal Alvi alias Lamboo alias Adnan was from a family of Masood Azhar. He was involved in conspiracy & planning of Lethpora attack. He stayed with Adil Dar till the day of fidayeen attack, viral video of Adil Dar had his voice in it: IGP Kashmir
— ANI (@ANI) July 31, 2021
चार दिन पहले शुरू हुई थी दुष्कर्मी लंबू की घेराबंदी : मेजर जनरल रशिम बाली ने बताया कि लंबू बीते कुछ महीनों से दाचीगाम के ऊपरी हिस्से में तारसर मारसर इलाके में छिपा हुआ था। वह जहां भी जाता, लड़कियों को तंग करता था। कुछ दिन पूर्व उसने इसी इलाके में दो औरतों के साथ दुराचार का प्रयास किया था। इसकी खबर लगते ही हमें उसके ठिकाने का सुराग मिला। 27 जुलाई को जब तेज बारिश शुरू हुई तो उसी दिन उसे मार गिराने का अभियान शुरू किया गया। जवानों ने जानबूझकर उसकी घेराबंदी के लिए एक लंबा रास्ता चुना, ताकि उस तक कोई खबर न पहुंचे।
औरतों और बच्चों को ढाल बनाकर की फायरिंग : मेजर जनरल ने बताया कि सुबह सुरक्षाबलों ने उन ढोक (पहाड़ों व चट्टानों के बीच सुरंगनुमा जगह) को चारों तरफ से घेर लिया, जहां लंबू और समीर छिपे थे। मौत को सामने देख दोनों ने वहां मौजूद दो औरतों और चार बच्चों को अपनी ढाल बना फायरिंग की, लेकिन जवानों ने तीन मिनट में ही दोनों को मार गिराया।
पुलवामा के पांच साजिशकर्ता अब भी जिंदा : आइजीपी विजय कुमार ने कहा कि पुलवामा हमले में एनआइए ने जिन 19 आतंकियों और ओवरग्राउंड वर्करों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था, उनमें से छह पहले ही मारे जा चुके थे। सात पकड़े जा चुके हैं। लंबू व समीर आज मारे गए। ऐसे में अब पांच ही जिंदा बचे हैं। वह भी जल्द मारे जाएंगे या पकड़ जाएंगे। उन्होंने बताया कि लंबू 2017 में जम्मू संभाग में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर जम्मू-कश्मीर में दाखिल हुआ था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।Mohd Ismal Alvi (File pic) was involved in conspiracy and planning of Lethpora Pulwama attack and figured in chargesheet produced by NIA: IGP Kashmir pic.twitter.com/vFB3zXmOQx
— ANI (@ANI) July 31, 2021आइईडी बनाने में माहिर था लंबू : आइजीपी विजय कुमार ने बताया लंबू आइईडी बनाने में माहिर था। वह कश्मीर में नए लड़कों को आइईडी बनाने की ट्रेनिंग भी दे रहा था। बीते साल भी उसने पुलवामा में एक कार आइईडी तैयार की थी। उसके बारे में कहा जाता है कि वह भी अफगानिस्तान में तालीबान के साथ मिलकर अमेरिकी सेनाओं के खिलाफ लड़ चुका है। मसूद अजहर का रिश्तेदार था लंबू : लंबू जैश सरगना मसूद अजहर के भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर का बहुत करीबी था। कुछ लोग उसे अजहर मसूद का करीबी रिश्तेदार तो कुछ दावा करते हैं कि वह रऊफ असगर का अंगरक्षक रह चुका है। उसने ही पुलवामा हमले के लिए आदिल डार को आत्मघाती बनने के लिए तैयार किया था। इसके अलावा हमले में इस्तेमाल वाहन बम को भी तैयार करने में उसकी भूमिका अहम थी। लंबू ने ही आदिल डार के चचेरे भाई समीर डार को जैश में भर्ती करते हुए हुए आतंकी ट्रेनिंग दी थी। याद है पुलवामा हमला : 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर पंपोर के पास लिथपोरा (पुलवामा) में जैश के आतंकी आदिल डार ने विस्फोटकों से लदी एक कार को सीआरपीएफ के काफिले की बस के साथ टकरा दिया था। इससे हुए धमाके में 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हो गए थे। आतंकी आदिल डार भी मारा गया था।अब जैश के पांच प्रमुख कमांडर सुरक्षाबलों के निशाने परलंबू और समीर डार के मारे जाने के बाद अब कश्मीर में जैश के सिर्फ पांच ही सक्रिय आतंकी सुरक्षा एजेंसियों की मोस्ट वांटेड सूची में हैं। इनमें जैश का कश्मीर में कमांडर उमर अफगानी, गाजी रशीद, हाफिज उमर, गजाली और इमरान हैं। उमर अफगानी और इमरान के अलावा अन्य तीन पाकिस्तानी हैं।