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जम्मू-कश्मीर में पिछले पांच सालों में सबसे कम मौतें! आतंकी हमलों के बीच संसद में गृह मंत्रालय ने पेश किए चौंकाने वाले आंकड़े

मंगलवार को लोकसभा सदन में गृह मंत्रालय ने आतंकी मुठभेड़ों का आंकड़ा पेश किया है। गृह मंत्रालय ने पेश किए आंकड़े के अनुसार बीते सात महीने में 11 आतंकी घटनाओं में कुल 28 मौतें हुई हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में पिछले साल की तुलना में आतंकी घटनाओं की संख्या में कमी आई है।

By Agency Edited By: Deepak Saxena Updated: Tue, 30 Jul 2024 06:56 PM (IST)
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गृह मंत्रालय ने सदन में पेश किए आतंकी आंकड़े (फाइल फोटो)।
एएनआई, नई दिल्ली/जम्मू। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मंगलवार को लोकसभा सदन में आतंकी मुठभेड़ों का आंकड़ा दिया। इस दौरान एमएचए ने बताया कि इस साल 21 जुलाई तक 11 आतंकी घटनाएं और 24 मुठभेड़ हुईं हैं। वहीं, आतंकवादी विरोधी अभियानों में नागरिक और सुरक्षाकर्मियों सहित कुल 28 लोगों की मौत हुई है।

एमएचए की ओर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रदीप कुमार सिंह के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने निचले सदन में एक लिखित जवाब पेश किया। इस लिखित जवाब में बताया गया कि पिछले वर्षों की तुलना में 'जम्मू और कश्मीर में आतंकी घटनाओं की संख्या में कमी आई है'।

21 जुलाई तक मारे गए 28 नागरिक और सुरक्षाकर्मी

राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि इस साल 21 जुलाई तक कुल 14 सुरक्षाकर्मी और 14 नागरिक मारे गए, जबकि 2023 में केंद्र शासित प्रदेश में 46 आतंकवादी घटनाओं और 48 मुठभेड़ों या आतंकवाद विरोधी अभियानों में मारे गए लोगों की संख्या 44 (30 सुरक्षाकर्मी और 14 नागरिक) थी।

साल 2018 में हुई थीं 228 आतंकवादी घटनाएं

आंकड़ों के अनुसार, साल 2018 में पूर्ववर्ती राज्य में 228 आतंकवादी घटनाओं और 189 मुठभेड़ों या आतंकवाद विरोधी अभियानों में 146 लोग (91 सुरक्षाकर्मी और 55 नागरिक) मारे गए। मंत्री ने जम्मू-कश्मीर सरकार से प्राप्त आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2018 में 1328 संगठित पथराव की घटनाएं और 52 संगठित हड़तालें हुईं। मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कमी केंद्र सरकार की आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' नीति का परिणाम है।

शांति और स्थिरता के लिए सुरक्षा उपायों को किया जा रहा मजबूत- राय

राय ने आगे कहा कि सरकार का दृष्टिकोण आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करना है। जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जा रहा है। राज्य मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए अपनाई गई रणनीतियों और की गई कार्रवाइयों में आतंकवादियों और उनके समर्थन संरचनाओं के खिलाफ प्रभावी, निरंतर और सतत कार्रवाई के साथ-साथ पूरे सरकारी दृष्टिकोण का उपयोग करके आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करना शामिल है।

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आतंकवाद को लेकर सरकार ने उठाए अहम कदम

उन्होंने कहा कि आतंकवाद के वित्तपोषण पर कार्रवाई, जैसे कि कानून की संबंधित धाराओं के तहत आतंकवादियों और उनके सहयोगियों की संपत्तियों को जब्त करना और कुर्क करना और राष्ट्र विरोधी संगठनों पर प्रतिबंध लगाना, निवारक कार्रवाइयों में आतंकवाद के रणनीतिक समर्थकों की पहचान करना और आतंकवाद को बढ़ावा देने और सहायता करने के उनके तंत्र को उजागर करने के लिए जांच शुरू करना, घुसपैठ को रोकने के लिए बहुआयामी रणनीति, आतंकवाद विरोधी ग्रिड को बढ़ाना और सुरक्षा उपकरणों के आधुनिकीकरण और मजबूती पर विशेष ध्यान देना, जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को खत्म करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदमों में से हैं।

आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए अपनाई गईं रणनीतियां

नित्यानंद राय ने कहा कि इसके अलावा, रणनीतिक बिंदुओं पर चौबीसों घंटे नाके, आतंकवादी संगठनों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए घेराबंदी और तलाशी अभियान (CASO) को तेज करना और जम्मू-कश्मीर में कार्यरत सभी सुरक्षा बलों के बीच वास्तविक समय के आधार पर खुफिया जानकारी साझा करना, साथ ही दिन-रात क्षेत्र पर प्रभुत्व बनाए रखना, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं को रोकने के लिए अपनाई गई अन्य रणनीतियां और कार्रवाई की हैं।

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