'चार साल से जम्मू-कश्मीर में कोई युवा नहीं बना आतंकी', युवाओं के करियर काउंसलिंग कार्यक्रम में बोले शाह फैसल
आईएएस शाह फैसल शनिवार को इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए करियर काउंसलिंग कार्यक्रम (Career Counseling Program in Delhi) में बोल रहे थे। आईएएस डॉक्टर शाह फैसल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कई सुखद बदलाव आए हैं। वहां पिछले चार साल में कोई भी युवा आतंकी संगठन से नहीं जुड़ा और न ही राज्य में हड़ताल हुई।
शनि पाथौली, नई दिल्ली/जम्मू। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के उप सचिव आईएएस डॉक्टर शाह फैसल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कई सुखद बदलाव आए हैं। वहां पिछले चार साल में कोई भी युवा आतंकी संगठन से नहीं जुड़ा और न ही राज्य में हड़ताल हुई। युवा राज्य से निकलकर अपने भविष्य को संवार रहा है, जिससे 2047 में विकसित भारत संकल्प में उसका भी महत्वपूर्ण योगदान हो।
आईएएस शाह फैसल शनिवार को इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए करियर काउंसलिंग कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने दिल्ली के विभिन्न संस्थानों में पढ़ाई कर रहे इन विद्यार्थियों से कहा कि देश को 2047 तक विकसित करने में उनका बहुत बड़ा योगदान होगा। अब जम्मू-कश्मीर के युवा हर क्षेत्र में खुद को साबित करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में मेहनत कर रहे हैं। वे पिछले चार साल से आतंकी नहीं बन रहे हैं।
कश्मीर से बाहर निकलकर युवा तलाशे संभावनाएं
अपनी शिक्षा और देश के विकास के बारे में सोच रहे हैं। उनकी पढ़ाई को अब अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रभावित नहीं करती है। बता दें कि चार साल पहले ही जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाया गया था। कश्मीर से बाहर निकलकर संभावनाएं तलाशें। शाह फैसल ने विद्यार्थियों से कहा कि वे जम्मू-कश्मीर से बाहर निकलकर पूरे देश में अपने भविष्य की संभावनाएं तलाश करें। देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोगों से मिलें।
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एक दूसरे की भाषा को समझें। सिर्फ खुद को जम्मू-कश्मीर तक सीमित न रखें। उनके लिए देशभर में अवसर हैं। कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और रहेगा : प्रोफेसर शाहिद अन्तरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग के सदस्य प्रोफेसर शाहिद अख्तर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और रहेगा।
कश्मीरी छात्रों के लिए केंद्र ने खोले रास्ते
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि केंद्र सरकार ने पूरे भारत में कश्मीरी छात्रों के लिए रास्ता खोल दिया है। इसलिए उन्हें कड़ी मेहनत करने और देश के लिए अपनी सेवाएं देने की जरूरत है। प्रोफेसर नसीब अली ने उठाए विद्यार्थियों के भविष्य के लिए कदम जेएनयू के भारतीय भाषा केंद्र में सहायक प्रोफेसर डॉक्टर नसीब अली ने जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों के लिए कई कदम उठाए हैं।
देश के विकास के लिए विद्यार्थियों को देना होगा योगदान
उन्होंने दिल्ली के अलग-अलग संस्थानों में पढ़ रहे कश्मीरी विद्यार्थियों को एकत्र किया, उनकी काउंसलिंग कराई। उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों को देश के विकास में योगदान देने के लिए तैयार करना बहुत जरूरी है, जिससे वह हर क्षेत्र में सहयोग कर सकें। इस मौके पर फातिमा डार, असदुल्लाह व अन्य लोग मौजूद रहे।
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