जम्मू कश्मीर में बाढ़ प्रभावित किसानों को मिलेगी राहत, कृषि मंत्री बोले- 'किसानों को दुखी और बर्बाद नहीं होने देंगे'
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरएसपुरा में बाढ़ प्रभावित किसानों से मिलकर नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने किसानों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया और कहा कि केंद्र व राज्य सरकार मिलकर उन्हें संकट से बाहर निकालेंगे। खेतों से रेत निकालने की समस्या का समाधान करने और फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने का भी वादा किया।

संवाद सहयोगी, जागरण, आरएसपुरा। जम्मू-कश्मीर के सीमांत क्षेत्र आरएसपुरा के बड़याल ब्राह्मण गांव में शुक्रवार को पहुंचे केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित किसानों और ग्रामीणों से मुलाकात कर नुकसान का जायजा लिया।
मंत्री ने कहा कि फसलों को नुकसान पहुंचा है। फसल नुकसान से किसान की जिंदगी बर्बाद नहीं होने देंगे, किसानों के नुकसान की भरपाई की जाएगी।
उन्होंने आश्वस्त किया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर प्रभावित लोगों को संकट से बाहर निकालेंगे। किसानों को उनका पूरा हक दिलाने में कोई कमी नहीं रखी जाएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि आपदा के समय किसानों की आंखों में आंसू थे, वे दुखी थे, लेकिन आज मैं उन्हें यह भरोसा दिलाने आया हूं कि दुखी न हों। हम सब मिलकर फिर से मेहनत करेंगे और मजबूती से खड़े होंगे।
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न केवल गृहमंत्री और रक्षा मंत्री बल्कि केंद्र की तमाम टीमें यहां का दौरा कर चुकी हैं। जल्द ही अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेंगे। राज्य सरकार से भी विस्तृत ज्ञापन आएगा और उसके आधार पर जम्मू-कश्मीर के किसानों को राहत दी जाएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि संकट की इस घड़ी में राजनीति से ऊपर उठकर गरीबों और किसानों के लिए काम करना सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।
जिसका खेत है उसी की रेत होगी
उन्होंने किसानों द्वारा खेतों में रेत भरने की समस्या का भी जिक्र किया और कहा कि जिसका खेत है उसी की रेत होगी। किसानों को रेत निकालने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी और इसके लिए वह राज्य सरकार से बात करेंगे।
चौहान ने कहा कि एनडीआरएफ के तहत केंद्र सरकार राज्य सरकार को आपदा राहत के लिए पैसा देती है और उसका पूरा इस्तेमाल होना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री स्वयं बाढ़ से हुए नुकसान को लेकर गंभीर हैं और चाहते हैं कि देश का हर गरीब और किसान इस संकट से उबर सके।
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किसानों को फसल बीमा योजना का मिलेगा लाभ
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 1.20 लाख रुपये की सहायता देगा और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत भी किसानों को शीघ्र लाभ दिलाया जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि बाढ़ से 5 हजार से ज्यादा मकान ढह गए हैं। इन सभी मकानों के लिए राहत राशि मैं दिल्ली जाते ही मंजूर कर दूंगा।
बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों को 100 दिन की मनरेगा की मजदूरी दिनों की संख्या बढ़ाकर 150 दिन करने का भी मंत्री ने वादा किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसको पूरा कराएं। पीएम किसान सम्मान निधि की राशि भी जल्द किसानों के खाते में डाली जाएगी ताकि नुकसान से प्रभावित किसानों को राहत मिल सके।
इससे पूर्व स्थानीय किसानों और नेताओं ने कृषि मंत्री के समक्ष बाढ़ से हुए नुकसान का विवरण रखा और त्वरित राहत की मांग की। कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के कृषि मंत्री जावेद अहमद डार, विधायक विक्रम रंधावा, विधायक नरेंद्र सिंह सट्टा, प्रोफेसर घरूराम भगत, विधायक राजीव भगत, पूर्व मंत्री चौधरी श्यामलाल, सांसद जुगल किशोर शर्मा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा सहित अन्य नेता भी मौजूद रहे।
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केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के लिए यह राहत घोषणाएं
- एनडीआरएफ के अंतर्गत जो प्रावधान हैं, उनको हम लागू करेंगे। राज्य सरकार को केंद्र सरकार राशि देती है, जिसमें 75% हिस्सा केंद्र और 25% राज्य सरकार का होता है।
- आपदा प्रबंधन के लिए राज्य सरकार के पास लगभग 2499 करोड़ रुपये हैं, उसका उपयोग सरकार करेगी। इसके अलावा जो जरूरत होगी, केंद्र सरकार उसके लिए सहायता करेगी।
- एनडीआरएफ के तहत भगवान न करे, लेकिन कोई जान यदि चली जाए, तो 4 लाख रुपये की सहायता दी जाती है, विकलांग होने पर 74 हजार रुपये की राशि दी जाती है। गाद निकालना हो, 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का प्रावधान है। पहाड़ खिसकने से निक्सन होने पर सीमांत किसानों को 47 हजार रुपये देने का प्रावधान है।
- मिर्च और धान जैसी फसल का नुकसान हुआ है, बीमित किसानों के नुकसान की पूरी भरपाई करने की कोशिश करेंगे। राहत की राशि के अलावा हम फसल बीमा योजना की राशि देंगे।
- सब्जी और बागवानी फसल के लिए सिंचित क्षेत्र में 17 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का प्रावधान है, कृषि वानिकी के लिए 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर का प्रावधान है। ये राशि राज्य सरकार के द्वारा बँटना है।
- दुधारू पशु के नुकसान पर 37500 रुपये, घोड़ा और बैल के नुकसान पर 32 हजार रुपये, बछड़ा, टट्टू और खच्चर के नुकसान के लिए 20 हजार रुपये का प्रावधान है।
- नहर क्षतिग्रस्त हैं, बांध के लिए भी राज्य सरकार केंद्र सरकार से बात करे।
- - कई जगह मकान टूट गए हैं। 1 लाख 30 हजार रुपये प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान के लिए दिए जाएंगे। टॉइलेट के अलग और मनरेगा की मजदूरी के लिए 40 हजार रुपये मेरा ग्रामीण विकास विभाग देगा।
- 5,101 मकान की जानकारी आई है, मैं यहाँ से जाते ही इनकी स्वीकृति दे दूंगा।
- सेल्फ हेल्प ग्रुप का काम यहाँ बहुत अच्छा है। यहाँ बहनों को नुकसान हुआ होगा। हम उसके लिए 76 हजार रुपये की राशि जारी करेंगे।
- सड़कों के लिए भी राज्य सरकार ज्ञापन देगी, जिस पर उसकी व्यवस्था हम करेंगे।
- मनरेगा की मजदूरी 100 दिन की होती है, हम राज्य सरकार से अनुरोध करेंगे, 150 दिन की मजदूरी दी जाए।
- सीमा पर रहने वाले कई किसान जो खेती तो कर रहे हैं, लेकिन उनका स्वामित्व नहीं है। राज्य सरकार प्रमाणित कर के दे दें, इतना करने से मैं उन किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पात्र बना दूंगा।
- पीएम किसान सम्मान निधि की एक किश्त हम तुरंत जम्मू-कश्मीर के किसानों के खातों में हम डालेंगे।
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