Shri Amarnath श्राइन बोर्ड के सदस्य स्वामी अवधेशानंद गिरि ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन, देश की समृद्धि की कामना की।
स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा- इन सुरम्य और नैसर्गिक प्राकृतिक सुंदर घाटियों में विराजमान भगवान बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अमरनाथ यात्रा चिरकाल से चली आ रही है। वह मैं भारत माता के मांगल्य एश्वर्य राष्ट्रीय एकता व अखंडता और संप्रभुता के लिए बाबा अमरनाथ से प्रार्थना करते हैं।
By Lokesh Chandra MishraEdited By: Updated: Thu, 30 Jun 2022 03:48 PM (IST)
जम्मू, जेएनएन : श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सदस्य स्वामी अवधेशानंद गिरि ने वीरवार को पवित्र गुफा में विराजमान बाबा बर्फानी के दर्शन किए। बाद में उन्होंने एक संक्षिप्त बातचीत में कहा कि उन्होंने सभी श्रद्धालुओं और भक्तों का हार्दिक स्वागत करते हैं। जम्मू कश्मीर की इन सुरम्य और नैसर्गिक प्राकृतिक सुंदर घाटियों में विराजमान भगवान बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अमरनाथ यात्रा चिरकाल से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि वह मैं भारत माता के मांगल्य, एश्वर्य, राष्ट्रीय एकता व अखंडता और संप्रभुता के लिए बाबा अमरनाथ से प्रार्थना करते हैं।
कोरोना संक्रमण के कारण दो साल बाद इस वर्ष पूरे उत्साह से शुरू हुए अमरनाथ यात्रा पर खुशी जताते हुए स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा आज यहां हजारों भक्तों का प्रवेश हुआ है। यह बहुत सुंदर क्षण है। हर भक्त के लिए यह अविस्मरणीय पल होता है। यह भी कहा कि भारत की कालजयी मृत्यंजयी, सनातन संस्कृति सभी में ईश्वर को देखती है। पूरे विश्व को परिवार मानती है, सभी के सुख की कामना करती है। अवधेशानंद गिरि जी के दर्शन करने के बाद उपराज्यपाल के सलाहकार नीतिश्वर कुमार भी बाबा बर्फानी के दरबार में माथा टेकने पहुंचे। वहीं पहले जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं ने भी पूरे उत्साह से भोलेनाथ का दिव्य दर्शन किया।
इधर, वीरवार तड़के बम-बम भोले के जयघोष के बीच श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था श्री अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुआ। कड़े सुरक्षा घेरे में 231 छोटे बड़े वाहनों में ये श्रद्धालु भगवान शिव की अराधना करते हुए पहलगाम व बालटाल के लिए रवाना हुए। भगवती नगर स्थित यात्री निवास से सुबह चार बजकर तीन मिनट पर श्रद्धालुओं का पहला वाहन रवाना हुआ और अंतिम वाहन पांच बजकर 22 मिनट पर यात्री निवास से रवाना हुआ। पहलगाम व बालटाल के लिए दो टुकड़ियों में जत्थे को रवाना किया गया।
पहले बालटाल के लिए जत्था रवाना किया गया और उसके करीब एक घंटे बाद पहलगाम रूट के लिए यात्री निवास से जत्था रवाना हुआ। बालटाल मार्ग से यात्रा करने के इच्छुक कुल 1671 श्रद्धालुओं को 81 वाहनों में रवाना किया गया। इनमें 1204 पुरुष, 352 महिलाएं, बीस बच्चे, 82 साधु, सात साध्वी व छह मंगलामुखी रवाना हुए।
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