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Jammu-Kashmir में SIA का बड़ा एक्शन, लंबे समय से फरार चल रहे आठ आतंकियों को दबोचा; दो सरकारी कर्मचारी भी शामिल

जम्मू-कश्मीर में राज्य जांच एजेंसी और आपराधिक जांच विभाग द्वारा चलाए गए विशेष अभियान के तहत तीन दशकों से फरार चल रहे आठ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए आतंकियों में कुछ ओवर ग्राउंड वर्कर और दो सरकारी कर्मचारी भी शामिल है। अधिकारी ने कहा कि CID के इनपुट पर SIA ने लंबे समय के बाद इन्हें गिरफ्तार किया है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Thu, 31 Aug 2023 12:55 PM (IST)
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लंबे समय से फरार चल रहे आतंकियों को दबोचा; दो सरकारी कर्मचारी भी शामिल
जम्मू, पीटीआई। जम्मू-कश्मीर में जांच एजंसियों को आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में बड़ी सफलता हाथ लगी है। तीन दशकों से फरार चल रहे आठ आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें दो सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं।

आपराधिक जांच विभाग (CID) से मिले इनपुट पर राज्य जांच एजेंसी द्वारा चलाए गए विशेष अभियान के तहत तीन दशकों से फरार चल रहे आठ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए आतंकियों में कुछ ओवर ग्राउंड वर्कर और दो सरकारी कर्मचारी भी शामिल है।

अधिकारी ने इस मामले पर जानकारी कहा कि आपराधिक जांच विभाग के इनपुट पर राज्य जांच एजेंसी ने इन आतंकियों को काबू करने में सफलता हासिल की।

इन जगहों पर इतने आतंकी

वहीं फरार आतंकियों की बात की जाए तो अधिकारी के अनुसार कश्मीर में 417 और जम्मू में 317 सहित कुल 734 भगोड़ों में से 327 टाडा और आतंकवाद निरोधक अधिनियम (पोटा) मामलों में वांछित थे। वहीं इन मामलों में SIA ने अब तक 369 भगोड़ों का सत्यापन और पहचान की है। अधिकारी द्वारा कहा गया है कि जम्मू में 215 और कश्मीर में 154 आतंकी पकड़े जा चुके हैं।

जम्मू-कश्मीर में Zero Terrorism करना है हासिल

जम्मू-कश्मीर में "Zero Terrorism" हासिल करने के आदेश के अनुसरण में, एसआईए ने आतंकवाद से संबंधित मामलों में सभी भगोड़ों का पता लगाने और उन्हें अदालत के समक्ष पेश करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। अधिकारियों ने बताया कि 369 सत्यापित भगोड़ों में से 80 आतंकियों की मौत हो चुकी है। 45 पाकिस्तान या गुलाम कश्मीर (POK) और अन्य देशों में जाकर रह रहे हैं। इनमें से 127 आतंकियों का पता नहीं चल पाया है और चार जेलों में बंद हैं।

सरकारी कर्मचारी को भी पकड़ा

अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए आठ भगोड़े आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियों में शामिल थे और उन पर तीन दशक पहले डोडा जिले के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में टाडा के तहत मामले दर्ज किए गए थे और टाडा अदालत जम्मू में आरोप पत्र दायर किए गए थे। ये सभी पड़के जाने के पहले फरार हो गए थे। इससे भी बड़ी बात ये रही कि कुछ ऐसे भी भगोड़े हैं जो सरकारी सेवाओं में शामिल थे। इसके अलावा कुछ लोगों का अपना कारोबार भी है और कुछ तो अदालतों में भी काम करते थे।

अदालत में काम करते हैं आतंकी

पकड़े गए लोगों की पहचान जम्मू के आदिल फारूक फरीदी के रूप में हुई है, जो वर्तमान में जम्मू और कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन में तैनात एक सरकारी कर्मचारी है, वहीं इशफाक अहमद जो डोडा अदालत परिसर में एक लेखक के रूप में काम कर रहा था, मोहम्मद इकबाल, मुजाहिद हुसैन, तारिक हुसैन, इश्तियाक अहमद देव, एजाज अहमद और जमील अहमद ये सभी भगोड़े पकड़े गए हैं।

सन 1991 से 1993 से हैं सक्रीय

अधिकारी ने कहा कि उनके खिलाफ जारी वारंट के अनुपालन में उन्हें जम्मू में टाडा/पोटा अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पकड़े गए आतंकवादी 1991 और 1993 के बीच हत्याओं, फिरौती के लिए अपहरण, प्रार्थना सभाओं के दौरान झूठी बातें स्थापित करके लोगों को हिंसा के लिए उकसाने और बंदूक की नोक पर अत्याचार सहित विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थे।

कौन संरक्षण दे रहा है इसकी भी होगी जांच

22 जून 1994 को डोडा के शंबाज इलाके में भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी के बाद एक एफआईआर में उनका भी नाम शामिल किया गया था। अधिकारी ने कहा कि ये सभी भगोड़े आतंकवादी कानून से बचने के लिए भाग गए थे। ये इतने लंबे समय से सामान्य जीवन कैसे जी रहे थे इसकी भी FIR द्वारा जांच की जाएगी।

अधिकारी ने कहा कि ये भगोड़े आतंकवादी कानून से बचने और इतने लंबे समय तक पता लगाए बिना सामान्य जीवन जीने में कैसे कामयाब रहे, इसकी भी एसआईए द्वारा जांच की जाएगी।

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